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नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले को 10 साल की सजा

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Published : Mar 10, 2021, 5:21 PM IST

यूपी के संभल में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को जिला न्यायाधीश चंद्रमणि मिश्रा ने दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. पीड़िता के पिता ने 29 सितंबर 2018 को कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था.

संभल
संभल

संभलः कोतवाली चंदौसी क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को जिला न्यायाधीश चंद्रमणि मिश्रा ने मंगलवार को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. पीड़िता के पिता ने 29 सितंबर 2018 को कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था.

29 सितंबर 2018 को दर्ज हुआ था मुकदमा
बता दें कि 24 सितंबर 2018 की शाम करीब 8:00 बजे एक 16 वर्षीय लड़की जंगल में शौच को गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. परिजनों ने तलाश शुरू की तो पता चला कि कुछ लोग किशोरी को भगा ले गए हैं. इसके बाद पीड़िता के पिता ने 29 सितंबर 2018 को कोतवाली चंदौसी पुलिस को तहरीर देकर सतेंद्र उर्फ बड़ा पुत्र खुशीराम निवासी ग्राम पत्ररउआ व पातालेश्वर पुत्र महेंद्र निवासी ग्राम चनी रायपुर थाना उघैती जिला बदायूं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने लड़की को सत्येंद्र और तालेवर से बरामद कर लिया था. अदालत में लड़की के बयान हुए और मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. पुलिस की जांच पड़ताल में सतेंद्र उर्फ बड्डा की नामजदगी की झूठी पाई गई. साक्ष्यों को जुटाकर पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. तब से ही मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था.

जुर्माना न जमा करने पर एक साल अतिरिक्त सजा
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरि ओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने पीड़ित पक्ष की ओर से 7 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए. मुकदमे पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश चंद्रमणि मिश्रा ने मुलजिम तालेश्वर को दोषी पाते हुए आईपीसी की धारा 376 के अंतर्गत 10 वर्ष का कठोर कारावास और 15000 अर्थदंड की सजा सुनाई. इसके अलावा और धारा 366 में 5 वर्ष की सजा और 10000 अर्थदंड की सजा सुनाई. दोनों मामले में जुर्माना न जमा करने पर अधिक सजा भुगतनी होगी. अभियुक्त को अधिरोपित अर्थदंड की राशि से 50% की राशि पीड़िता को दिलाये जाने का आदेश किया है.

संभलः कोतवाली चंदौसी क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को जिला न्यायाधीश चंद्रमणि मिश्रा ने मंगलवार को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. पीड़िता के पिता ने 29 सितंबर 2018 को कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था.

29 सितंबर 2018 को दर्ज हुआ था मुकदमा
बता दें कि 24 सितंबर 2018 की शाम करीब 8:00 बजे एक 16 वर्षीय लड़की जंगल में शौच को गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. परिजनों ने तलाश शुरू की तो पता चला कि कुछ लोग किशोरी को भगा ले गए हैं. इसके बाद पीड़िता के पिता ने 29 सितंबर 2018 को कोतवाली चंदौसी पुलिस को तहरीर देकर सतेंद्र उर्फ बड़ा पुत्र खुशीराम निवासी ग्राम पत्ररउआ व पातालेश्वर पुत्र महेंद्र निवासी ग्राम चनी रायपुर थाना उघैती जिला बदायूं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने लड़की को सत्येंद्र और तालेवर से बरामद कर लिया था. अदालत में लड़की के बयान हुए और मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. पुलिस की जांच पड़ताल में सतेंद्र उर्फ बड्डा की नामजदगी की झूठी पाई गई. साक्ष्यों को जुटाकर पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. तब से ही मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था.

जुर्माना न जमा करने पर एक साल अतिरिक्त सजा
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरि ओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने पीड़ित पक्ष की ओर से 7 गवाह अदालत में परीक्षित कराए गए. मुकदमे पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश चंद्रमणि मिश्रा ने मुलजिम तालेश्वर को दोषी पाते हुए आईपीसी की धारा 376 के अंतर्गत 10 वर्ष का कठोर कारावास और 15000 अर्थदंड की सजा सुनाई. इसके अलावा और धारा 366 में 5 वर्ष की सजा और 10000 अर्थदंड की सजा सुनाई. दोनों मामले में जुर्माना न जमा करने पर अधिक सजा भुगतनी होगी. अभियुक्त को अधिरोपित अर्थदंड की राशि से 50% की राशि पीड़िता को दिलाये जाने का आदेश किया है.

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