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खुले आम काटे जा रहे हैं प्रतिबंधित हरे पेड़, वन विभाग फेल

सहारनपुर जिले में एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है. वहीं वन विभाग अधिकारी लकड़ी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ते दिखाई दे रहे हैं.

प्रतिबंधित हरे पेड़ो पर चल रहा आरा.
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Published : Mar 1, 2019, 11:30 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए एनजीटी ने हरे पेड़ो के कटान पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. वहीं जिले में लकड़ी माफिया न सिर्फ हरे पेड़ों की कटान को खुलेआम अंजाम दे रहे है बल्कि एनजीटी के आदेशों की भी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं.

शिवालिक हो या सामाजिक वानिकी प्रभाग हर तरफ हरे पेड़ों पर वन माफिया का आरा विभाग की मिलीभगत से लगातार चल रहा है. सामाजिकी प्रभाग में जहां आम के बाग जड़ से उखाड़े जा रहे हैं, वहीं शिवालिक के आरक्षित वन क्षेत्र में वन माफिया डंके की चोट पर हर दिन लाखों रुपये की वन संपदा से अपनी तिजोरियां भर रहे हैं. वन विभाग अधिकारी लकड़ी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं.

धड़ल्ले से चल रही है बागों की कटान
तहसील बेहट में बागवानी फसलों के पोषण के लिए सरकार ने 1990 में अधिसूचना जारी की थी, लेकिन अधिसूचना से अब तक के हालात की समीक्षा की जाए तो आम के बाग 40 प्रतिशत ही बचे हैं. वन विभाग की मिलीभगत से आम के बागों की कटान धड़ल्ले से चल रही है. आलम यह है कि वन कर्मियों की मिली भगत से अवैध कटान कर हरे-भरे पेड़ काट दिए गए. शिवालिक रेंज में आए दिन शीशम व सागौन के सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं.

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प्रतिबंधित हरे पेड़ो पर चल रहा आरा.

क्या कहते हैं जिम्मेदार?
वन संरक्षक वीरेंद्र कुमार जैन ने बताया अवैध कटान दो तरह की होती है, एक सरकारी और दूसरा निजी . निजी वृक्षों की कटान के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया के मुताबिक पेड़ कटान के लिए विभाग अनुमति देता है. उन्होंने बताया कि अवैध कटान के ज्यादातर मामले किसानों के निजी खेतों से कटान के आए हैं. पिछले 6 महीनों में विभाग ने कार्रवाई करते हुए करीब 8 लाख जुर्माना वसूल किया है. इसके अलावा सरकारी पेड़ों के कटान में अभी तक पांच वाहनों को सीज किया गया है. इतना ही नहीं जंगल में अवैध कटान को रोकने के लिए प्रभावी क्षेत्रो में विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की गश्त बढ़ा दी गई है.

सहारनपुर : पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए एनजीटी ने हरे पेड़ो के कटान पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. वहीं जिले में लकड़ी माफिया न सिर्फ हरे पेड़ों की कटान को खुलेआम अंजाम दे रहे है बल्कि एनजीटी के आदेशों की भी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं.

शिवालिक हो या सामाजिक वानिकी प्रभाग हर तरफ हरे पेड़ों पर वन माफिया का आरा विभाग की मिलीभगत से लगातार चल रहा है. सामाजिकी प्रभाग में जहां आम के बाग जड़ से उखाड़े जा रहे हैं, वहीं शिवालिक के आरक्षित वन क्षेत्र में वन माफिया डंके की चोट पर हर दिन लाखों रुपये की वन संपदा से अपनी तिजोरियां भर रहे हैं. वन विभाग अधिकारी लकड़ी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं.

धड़ल्ले से चल रही है बागों की कटान
तहसील बेहट में बागवानी फसलों के पोषण के लिए सरकार ने 1990 में अधिसूचना जारी की थी, लेकिन अधिसूचना से अब तक के हालात की समीक्षा की जाए तो आम के बाग 40 प्रतिशत ही बचे हैं. वन विभाग की मिलीभगत से आम के बागों की कटान धड़ल्ले से चल रही है. आलम यह है कि वन कर्मियों की मिली भगत से अवैध कटान कर हरे-भरे पेड़ काट दिए गए. शिवालिक रेंज में आए दिन शीशम व सागौन के सैकड़ों पेड़ काटे जा रहे हैं.

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प्रतिबंधित हरे पेड़ो पर चल रहा आरा.

क्या कहते हैं जिम्मेदार?
वन संरक्षक वीरेंद्र कुमार जैन ने बताया अवैध कटान दो तरह की होती है, एक सरकारी और दूसरा निजी . निजी वृक्षों की कटान के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया के मुताबिक पेड़ कटान के लिए विभाग अनुमति देता है. उन्होंने बताया कि अवैध कटान के ज्यादातर मामले किसानों के निजी खेतों से कटान के आए हैं. पिछले 6 महीनों में विभाग ने कार्रवाई करते हुए करीब 8 लाख जुर्माना वसूल किया है. इसके अलावा सरकारी पेड़ों के कटान में अभी तक पांच वाहनों को सीज किया गया है. इतना ही नहीं जंगल में अवैध कटान को रोकने के लिए प्रभावी क्षेत्रो में विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की गश्त बढ़ा दी गई है.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए एनजीटी ने हरे पेड़ो के कटान पर प्रतिबंध लगाया हुआ है वही सहारनपुर में लकड़ी माफिया न सिर्फ हरे पेड़ों के कटान को खुलेआम अंजाम दे रहे है बल्कि एनजीटी के आदेशों की भी जमकर धज्जियां उड़ा रहे है। वन तस्कर सहारनपुर के शिवालिक के जंगलो में वन विभाग की मिली भगत से बेसकीमती खैर आम के पेड़ो पर आरा चला रहे है। शिवालिक हो या सामाजिक वानिकी प्रभाग हर तरफ हरे पेड़ों पर वन माफिया का आरा विभागीय मिलीभगत से लगातार चल रहा है। सामाजिकी प्रभाग में जहां आम के बाग जड़ से उखाड़े जा रहे हैं, वहीं शिवालिक के आरक्षित वन क्षेत्र में वन माफिया डंके की चोट पर हर दिन लाखों रुपये की वन संपदा से अपनी तिजोरियां भर रहे हैं। वही वन विभाग अधिकारी लकड़ी माफियाओ के खिलाफ कार्यवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे है। कंजरवेटर वीके जैन ने बताया कि जनपद में अवैध कटान को गंभीरता से लेते हुए लकड़ी माफ़ियाओ पर कार्यवाई की है। बिना अनुमति के हरे पेड़ काटने पर 8 लाख रुपये राजस्व की वसूली की है। साथ ही अवैध कटान को रोकने के लिए वन विभाग की टीम दिन रात जंगलों में गश्त कर रही है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि दिनों जनपद सहारनपुर की तहसील बेहट क्षेत्र को शासन स्तर से फलपट्टी घोषित किया हुआ है। इस इलाके में बागवानी फसलों के पोषण के लिये ही सरकार ने यह अधिसूचना 1990 में जारी की थी। लेकिन यदि इस अधिसूचना से अब तक के हालात की समीक्षा की जाये तो आम के बाग 40 प्रतिशत ही बचे हैं। वन विभाग की मिलीभगत से आम के बागों का कटान धड़ल्ले से चल रहा है। लकड़ी माफिया एवं ठेकेदार 5 पेड़ की परमिशन की आड़ में 50 से ज्यादा पेड़ो पर आरा चला रहे हैं। आलम यह है वह कर्मियों की मिली भगत से कई बागों में अवैध कटान कर हरे भरे पेड़ काट लिए गए। शिवालिक रेंज में आए दिन शीशम व सागौन के सेकड़ो पेड़ काटे जा रहे हैं। इस बाबत जब हमने वन वन संरक्षक वीरेंद्र कुमार जैन से बात की तो उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा जो कार्यवाई के दौरान अवैध कटान का मामला पकड़ा जाता है। उस पर तुरंत कटाई की जाती है। उन्होंने बताया कि अवैध कटान दो तरह का होता है। एक सरकारी और दूसरा निजी वृक्षो का होता है। निजी वृक्षो के कटान के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया के मुताबिक पेड़ कटान के लिए विभाग द्वारा अनुमति दी जाती है। उन्होंने बताया कि अवैध कटान के ज्यादातर मामले किसानों के निजी खेतो से कटान के आये है। पिछले 6 महीनों में विभाग ने कार्यवाई करते हुए गरीब 8 लाख रुपये जुर्माना वसूल किया है। इसके अलावा सरकारी पेड़ो के कटान में अभी तक पांच वाहनों को सीज कियाया गया है। इतना ही नही जंगल में अवैध कटान को रोकने के लिए प्रभावी क्षेत्रो में विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की गश्त बढ़ा दी है। जिले में अब तक अवैध कटान के 50 मामले सामने आए है। जिन पर कार्यवाई करते हुए कुछ प्रकरण न्यायालय में भेजे गए है। जबकि कई लोगो के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर जेल भिजवाया है।

बाइट - वीरेंद्र कुमार जैन ( वन संरक्षक )




Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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