ETV Bharat / state

सहारनपुर: जिले में लगे 35 लाख पौधे, ग्राम प्रधानों को मिली देखभाल की जिम्मेदारी - पौधों की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों पर

सहारनपुर जिले ने अपने पौधरोपण के लक्ष्य को शत प्रतिशत पा लिया है, जिसके बाद अब पेड़ों की सुरक्षा की जिम्मेदीरी ग्राम प्रधानों की दी गई है. इसके संबंध में मुख्य विकास अधिकारी ने जानकारी साझा की.

etv bharat
विकास भवन
author img

By

Published : Aug 21, 2020, 6:48 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: वृक्षारोपण महाकुंभ कार्यक्रम के तहत जहां उत्तर प्रदेश में 22 करोड़ पौधे लगाए गए, वहीं सहारनपुर में 35 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा किया गया. जबकि ग्राम विकास विभाग ने 14 लाख पौधे लगाए हैं. देखभाल के अभाव में ज्यादातर पौधे सूखने लगे हैं. हाल ही में लगाए गए पौधों के सूखने से जिला प्रशासन भी परेशान नजर आ रहा है. खास बात ये है कि पौधारोपण के बाद रखवाली के लिए माली रखने का कोई प्रावधान नहीं है. यही वजह है कि इन पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी भी ग्राम प्रधानों को सौंपी गई है.

मुख्य विकास अधिकारी प्रणय सिंह ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि जिले भर में पौधारोपण के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया. जिले में ग्रामीण विकास विभाग ने 14 लाख पौधों की रोपाई की है. पौधों की रखवाली के लिए ग्राम पंचायतों को जिम्मेदारी दी गई है. जिन ग्राम पंचायतों ने अपने क्षेत्र में पौधारोपण कराया है वे अपने स्तर पर सभी पौधों की देखभाल कर रहे हैं. सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए पौधों के लिए मनरेगा के माध्यम से रखवाली की जा रही है, जबकि निजी भूमि पर किए गए पौधारोपण की रखवाली के लिए ग्राम प्रधान मनरेगा के अलावा अपनी प्रधान निधि से भी पौधों की रक्षा कर सकता है.

ग्रामीण इलाकों में वृक्षारोपण मनरेगा योजना के अंतर्गत हुआ है. मुख्य विकास अधिकारी के मुताबिक इनकी रखवाली के लिए माली रखने का कोई प्रावधान नहीं है. अगर कोई संस्था अपने विभाग में पौधे लगावाती है तो जिस परिसर में पौधारोपण किया हुआ है उसका मालिक स्वयं पौधों की देखभाल करता है. अलग से इसके लिये किसी बजट का प्रावधान नहीं है.

सहारनपुर: वृक्षारोपण महाकुंभ कार्यक्रम के तहत जहां उत्तर प्रदेश में 22 करोड़ पौधे लगाए गए, वहीं सहारनपुर में 35 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा किया गया. जबकि ग्राम विकास विभाग ने 14 लाख पौधे लगाए हैं. देखभाल के अभाव में ज्यादातर पौधे सूखने लगे हैं. हाल ही में लगाए गए पौधों के सूखने से जिला प्रशासन भी परेशान नजर आ रहा है. खास बात ये है कि पौधारोपण के बाद रखवाली के लिए माली रखने का कोई प्रावधान नहीं है. यही वजह है कि इन पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी भी ग्राम प्रधानों को सौंपी गई है.

मुख्य विकास अधिकारी प्रणय सिंह ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि जिले भर में पौधारोपण के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया. जिले में ग्रामीण विकास विभाग ने 14 लाख पौधों की रोपाई की है. पौधों की रखवाली के लिए ग्राम पंचायतों को जिम्मेदारी दी गई है. जिन ग्राम पंचायतों ने अपने क्षेत्र में पौधारोपण कराया है वे अपने स्तर पर सभी पौधों की देखभाल कर रहे हैं. सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए पौधों के लिए मनरेगा के माध्यम से रखवाली की जा रही है, जबकि निजी भूमि पर किए गए पौधारोपण की रखवाली के लिए ग्राम प्रधान मनरेगा के अलावा अपनी प्रधान निधि से भी पौधों की रक्षा कर सकता है.

ग्रामीण इलाकों में वृक्षारोपण मनरेगा योजना के अंतर्गत हुआ है. मुख्य विकास अधिकारी के मुताबिक इनकी रखवाली के लिए माली रखने का कोई प्रावधान नहीं है. अगर कोई संस्था अपने विभाग में पौधे लगावाती है तो जिस परिसर में पौधारोपण किया हुआ है उसका मालिक स्वयं पौधों की देखभाल करता है. अलग से इसके लिये किसी बजट का प्रावधान नहीं है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.