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Fake Voter Id Card Case: यूपी पुलिस ने मुरैना में दी दबिश, आरोपी फरार

उत्तर प्रदेश की सहारनपुर पुलिस ने फेक वोटर आईडी कार्ड मामले में मुरैना के अम्बाह में दबिश दी, लेकिन आरोपी को नहीं पकड़ सकी. अब मुरैना पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है.

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक
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Published : Aug 15, 2021, 7:55 PM IST

सहारनपुर/मुरैना: भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की वेबसाइट को हैक (Election Commission of India Website Hacked) करके फर्जी वोटरकार्ड बनाने के मामले में मुरैना जिले के अंबाह निवासी 18 वर्षीय युवक का नाम भी सामने आया है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर पुलिस (Saharanpur Police) ने अम्बाह में दबिश दी, तो आरोपी फरार हो गया. अब मुरैना पुलिस (Morena Police) भी उसकी तलाश में जुट गई है.

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक कर बनाए थे फर्जी वोटर कार्ड
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 12 अगस्त को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को हैक करके फर्जी वोटरकार्ड (Fake Voter ID Case) बनाने का मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस गिरोह का मास्टरमांइड यूपी के माछेरहेड निवासी विपुल सैनी है, जो गंगोह की शोभित यूनिवर्सिटी (Shobhit University) में बीसीए का छात्र (BCA Student Fraud) है. पूछताछ में उसने अंबाह के गुरुद्वारा मोहल्ला में रहने वाले हर्षा उर्फ हरिओम पुत्र दिनेश सखबार का नाम बताया. इसके अलावा दीपक उर्फ टेक्नीकल मेहता, विकेश कुमार और एमपी के हरदा का निवासी अरमान मलिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 568, 471 आईटी एक्ट की धारा 66, 66सी, 66डी, 72, 73 एवं 74 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

फर्जी 10 हजार वोटर आईडी कार्ड बेचे
बता दें कि आदित्य खत्री कमल बिहार-दिल्ली और नितिन कुमार सराय बस्ती-दिल्ली भारत निर्वाचन आयोग में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर (Computer Operator) पदस्थ हैं. ये दोनों विभागीय यूजर नेम और आईडी साइबर कैफे चलाने वाले आशीष जैन आजादपुर दिल्ली व अरमान मलिक उर्फ मोहम्मद नियाज आलम अमन बिहार को उपलब्ध कराते थे. आशीष जैन व अरमान मलिक देशभर में फैले अपने नेटवर्क को यह यूजर आईडी व पासवर्ड उपलब्ध कराते थे. इनकी मदद से नितिन कुमार, विपुल सैनी मच्छरहेड़ी सहारनपुर (उत्तरप्रदेश) और हरिओम पुत्र दिनेश सखबार गुरुद्वारा मोहल्ला अंबाह को उपलब्ध कराते हैं. इस पूरी गैंग ने अभी तक 10 हजार वोटर आईडी कार्ड तैयार कर लोगों को बेचा है.

दिल्ली-सहारनपुर के पांच आरोपी गिरफ्तार
भारत निर्वाचन आयोग के यूजर आईडी और पासवर्ड को लीक करने वाले दोनों कंप्यूटर ऑपरेटर सहित दिल्ली, सहारनपुर के तीन आरोपियों को सहारनपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया. वहीं अंबाह का युवक हरिओम सखबार फरार है. सहारनपुर पुलिस के मुरैना (Saharanpur and Morena Police Joint Operation) आने के बाद अंबाह पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी. वहीं उसके परिजन से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस के अनुसार आरोपी हरिओम भी सहारनपुर में ही कियोस्क सेंटर चलाता था. हरिओम सखबार के पिता सूरत में मजदूरी करते हैं.

आरोपी विपुल सैनी के लैपटॉप से मिला डाटा
दरसअल, सहारनपुर में रहने वाला कियोस्क सेंटर संचालक विपुल सैनी को यूपी पुलिस ने दो दिन पहले ही गिरफ्तार किया था. यहीं से पूरे गैंग की कड़ियां खुलनी शुरू हुईं, मुरैना के आरोपी हरिओम सखबार को छोड़कर शेष सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर शनिवार को सहारनपुर कोर्ट (Saharanpur Court) में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया.

यूपी के पंचायत चुनाव में 1.50 लाख वोटर फर्जी
उत्तरप्रदेश में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) में लगभग 1.50 लाख फर्जी वोटर की पहचान की गई. इसके बाद यूपी सरकार की पहल पर यूपी के डीजीपी (UP DGP) ने जांच के आदेश दिए, तो तब ये मामला सामने आया.

नाबालिग आरोपी के खाते में 60 लाख रुपए होने की खबर
16 वर्षीय नाबालिग ने हरिओम सखबार और उसके कामकाज के बारे में कुछ जानकारी यूपी एवं मुरैना पुलिस को दी है. पूछताछ के बाद यूपी पुलिस हरिओम सखबार के दोस्तों को अंबाह में ही छोड़ गई. अंबाह पुलिस ने हरिओम सखबार के साथ काम करने वाले जिस नाबालिग को पकड़ा है. उसने बताया कि उन्हें एक फर्जी वोटरकार्ड (Fake Voter Id Card in UP Panchayat Election) बेचने के बाद 100 रुपये मिलते थे. पुलिस को सैनी के बैंक खातों में 60 लाख रुपये से ज्यादा जमा होने की जानकारी मिली है. अब पुलिस हरिओम सखबार के बैंक खातों को भी मुरैना पुलिस के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश पुलिस खंगाल रही है.

श्योपुरः फर्जी वोटर कार्ड बनाने वाला कंप्यूटर सेंटर का संचालक गिरफ्तार

यह मामला यूपी का है. केस भी वहीं दर्ज है. शुक्रवार को सहारनपुर की पुलिस आई थी, जिन्हें अंबाह के हरिओम सखबार की तलाश थी. यह निर्वाचन आयोग की वेबसाइट खोलकर फर्जी वोटरकार्ड बनाने का आरोपी है. इसके खिलाफ भी सहारनपुर में मामला दर्ज है. यूपी पुलिस ने हरिओम के एक साथी से पूछताछ की है, लेकिन किसी को पकड़कर नहीं ले गई.

ललित शाक्यवार, एसपी, मुरैना

सहारनपुर/मुरैना: भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की वेबसाइट को हैक (Election Commission of India Website Hacked) करके फर्जी वोटरकार्ड बनाने के मामले में मुरैना जिले के अंबाह निवासी 18 वर्षीय युवक का नाम भी सामने आया है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर पुलिस (Saharanpur Police) ने अम्बाह में दबिश दी, तो आरोपी फरार हो गया. अब मुरैना पुलिस (Morena Police) भी उसकी तलाश में जुट गई है.

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक कर बनाए थे फर्जी वोटर कार्ड
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 12 अगस्त को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को हैक करके फर्जी वोटरकार्ड (Fake Voter ID Case) बनाने का मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस गिरोह का मास्टरमांइड यूपी के माछेरहेड निवासी विपुल सैनी है, जो गंगोह की शोभित यूनिवर्सिटी (Shobhit University) में बीसीए का छात्र (BCA Student Fraud) है. पूछताछ में उसने अंबाह के गुरुद्वारा मोहल्ला में रहने वाले हर्षा उर्फ हरिओम पुत्र दिनेश सखबार का नाम बताया. इसके अलावा दीपक उर्फ टेक्नीकल मेहता, विकेश कुमार और एमपी के हरदा का निवासी अरमान मलिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 568, 471 आईटी एक्ट की धारा 66, 66सी, 66डी, 72, 73 एवं 74 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

फर्जी 10 हजार वोटर आईडी कार्ड बेचे
बता दें कि आदित्य खत्री कमल बिहार-दिल्ली और नितिन कुमार सराय बस्ती-दिल्ली भारत निर्वाचन आयोग में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर (Computer Operator) पदस्थ हैं. ये दोनों विभागीय यूजर नेम और आईडी साइबर कैफे चलाने वाले आशीष जैन आजादपुर दिल्ली व अरमान मलिक उर्फ मोहम्मद नियाज आलम अमन बिहार को उपलब्ध कराते थे. आशीष जैन व अरमान मलिक देशभर में फैले अपने नेटवर्क को यह यूजर आईडी व पासवर्ड उपलब्ध कराते थे. इनकी मदद से नितिन कुमार, विपुल सैनी मच्छरहेड़ी सहारनपुर (उत्तरप्रदेश) और हरिओम पुत्र दिनेश सखबार गुरुद्वारा मोहल्ला अंबाह को उपलब्ध कराते हैं. इस पूरी गैंग ने अभी तक 10 हजार वोटर आईडी कार्ड तैयार कर लोगों को बेचा है.

दिल्ली-सहारनपुर के पांच आरोपी गिरफ्तार
भारत निर्वाचन आयोग के यूजर आईडी और पासवर्ड को लीक करने वाले दोनों कंप्यूटर ऑपरेटर सहित दिल्ली, सहारनपुर के तीन आरोपियों को सहारनपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया. वहीं अंबाह का युवक हरिओम सखबार फरार है. सहारनपुर पुलिस के मुरैना (Saharanpur and Morena Police Joint Operation) आने के बाद अंबाह पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दी. वहीं उसके परिजन से भी पूछताछ की जा रही है. पुलिस के अनुसार आरोपी हरिओम भी सहारनपुर में ही कियोस्क सेंटर चलाता था. हरिओम सखबार के पिता सूरत में मजदूरी करते हैं.

आरोपी विपुल सैनी के लैपटॉप से मिला डाटा
दरसअल, सहारनपुर में रहने वाला कियोस्क सेंटर संचालक विपुल सैनी को यूपी पुलिस ने दो दिन पहले ही गिरफ्तार किया था. यहीं से पूरे गैंग की कड़ियां खुलनी शुरू हुईं, मुरैना के आरोपी हरिओम सखबार को छोड़कर शेष सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर शनिवार को सहारनपुर कोर्ट (Saharanpur Court) में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया.

यूपी के पंचायत चुनाव में 1.50 लाख वोटर फर्जी
उत्तरप्रदेश में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) में लगभग 1.50 लाख फर्जी वोटर की पहचान की गई. इसके बाद यूपी सरकार की पहल पर यूपी के डीजीपी (UP DGP) ने जांच के आदेश दिए, तो तब ये मामला सामने आया.

नाबालिग आरोपी के खाते में 60 लाख रुपए होने की खबर
16 वर्षीय नाबालिग ने हरिओम सखबार और उसके कामकाज के बारे में कुछ जानकारी यूपी एवं मुरैना पुलिस को दी है. पूछताछ के बाद यूपी पुलिस हरिओम सखबार के दोस्तों को अंबाह में ही छोड़ गई. अंबाह पुलिस ने हरिओम सखबार के साथ काम करने वाले जिस नाबालिग को पकड़ा है. उसने बताया कि उन्हें एक फर्जी वोटरकार्ड (Fake Voter Id Card in UP Panchayat Election) बेचने के बाद 100 रुपये मिलते थे. पुलिस को सैनी के बैंक खातों में 60 लाख रुपये से ज्यादा जमा होने की जानकारी मिली है. अब पुलिस हरिओम सखबार के बैंक खातों को भी मुरैना पुलिस के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश पुलिस खंगाल रही है.

श्योपुरः फर्जी वोटर कार्ड बनाने वाला कंप्यूटर सेंटर का संचालक गिरफ्तार

यह मामला यूपी का है. केस भी वहीं दर्ज है. शुक्रवार को सहारनपुर की पुलिस आई थी, जिन्हें अंबाह के हरिओम सखबार की तलाश थी. यह निर्वाचन आयोग की वेबसाइट खोलकर फर्जी वोटरकार्ड बनाने का आरोपी है. इसके खिलाफ भी सहारनपुर में मामला दर्ज है. यूपी पुलिस ने हरिओम के एक साथी से पूछताछ की है, लेकिन किसी को पकड़कर नहीं ले गई.

ललित शाक्यवार, एसपी, मुरैना

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