लखनऊः बैंक लॉकर के नियमों को लेकर आरबीआई ने कई बड़े बदलाव है. इन्हीं में एक नियम है बैंक में कैश रखने को लेकर. लखनऊ में बीती दिसंबर को 42 लॉकर तोड़कर बड़ी चोरी अंजाम दी गई थी. इसके बाद बैंक में कीमती सामान की सुरक्षा को लेकर चिंताएं सामने आई थी. साथ ही लोगों को लॉकर में कैश रखने को लेकर नया नियम पता चला था. चलिए आज आपको लॉकर से संबंधित आरबीआई की उसी नई गाइडलाइन से रूबरू कराते हैं.
आरबीआई ने जारी की नई गाइडलाइनः बैंक लॉकर में सामान रखने को लेकर आरबीआई नई गाइडलाइन जारी कर चुका है. इसके तहत बैंक ग्राहक लॉकर में क्या सामान रख सकता है और क्या नहीं इसके बारे में स्पष्ट किया गया है. नए नियम में चोरी और बैंक की लापरवाही से होने वाले नुकसान की दशा में बैंक की ओर से दिए जाने वाली मुआवजा राशि को लेकर भी स्पष्ट किया गया है.
बैंक लॉकर में क्या कैश रख सकते हैं: नई गाइडलाइन के तहत आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि बैंक लॉकर में कैश नहीं रख जा सकता है, जो भी ग्राहक ऐसा कर रहे हैं वे आरबीआई की गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं. आरबीआई की ओर से ग्राहकों से अपील की गई है कि बैंक लॉकर में कैश कतई न रखें.
8 चीजें जो बैंक लॉकर में नहीं रख सकते
- नकदी
- हथियार
- ड्रग, जहर
- विस्फोटक
- खराब होने वाली वस्तुएं जैसे सब्जी फल आदि
- रेडियोएक्टिव सामग्री
- गैरकानूनी सामान
- ऐसा सामान जो दूसरों के लिए परेशानी बन जाए
बैंक लॉकर में क्या रख सकते हैं?
- आभूषण
- प्रापर्टी के पेपर
- जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र
- जरूरी कागजात
- मैरिज सर्टिफिकेट
- इंश्योरेंस पॉलिसी
- सेविंग बांड
- किसान विकास पत्र आदि.
बैंक की लापरवाही से नुकसान पर कितना मुआवजाः आरबीआई की ओर से स्पष्ट किया गया है कि बैंक की लापरवाही से बैंक लॉकर धारक को लॉकर के किराए का 100 गुना तक मुआवजा देने का प्रावधान है. इसमें आभूषण की कीमत का बैंक भुगतान बैंक नहीं करेगा. मान लीजिए सुनील लॉकर का किराया 4000 रुपए प्रति वर्ष का भुगतान करते हैं. यदि उनके लॉकर में बैंक की लापरवाही से चोरी या फिर कोई नुकसान होता है. ऐसी दशा में बैंक लॉकर के किराए का 100 गुना यानी 4 लाख रुपए तक बैंक मुआवजा राशि का भुगतान कर सकता है. ऐसी दशा में ग्राहक लॉकर के किराए से 100 गुना कीमती सामान रखने से बचें ताकि उनका नुकसान न हो सके.
बीते वर्ष लखनऊ में टूटे थे 42 लॉकरः दिसंबर 2024 में लखनऊ में इंडियन ओवरसीज बैंक में चोरों ने 42 लॉकर्स तोड़कर करोड़ों का सामान चुरा लिया गया था. इस चोरी की घटना के बाद ग्राहकों को अपने सामान की चिंता सताने लगी थी. रिटायर्ड वरिष्ठ बैंक मैनेजर सर्व मित्र भट्ट ने बताया कि आरबीआई ने 18 अगस्त 2019 को एक्ट लागू किया था, जिसके मुताबिक, आप अपनी बैंक में लॉकर्स के एवज में जितना किराया दे कर रहे हैं, चोरी होने की स्थिति में बैंक किराये का सौ गुना ही भुगतान करेगी. खबर विस्तार से पढ़ें.
क्या कैश चोरी होने पर मुआवजा मिलेगाः आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक यदि बैंक लॉकर से बैंक की लापरवाही से कैश चोरी हो जाता है, ऐसी दशा में बैंक इसके मुआवजे का भुगतान नहीं करेगा. बैंक की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि सिर्फ आभूषण और जरूरी प्रपत्र ही लॉकर में रखे जाएंगे. कैश रखने का प्रावधान नहीं है. ऐसी दशा में नुकसान का दावे के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं है.
बैंक लॉकर का किराया कितना हैः हर बैंक का लॉकर का किराया अलग-अलग है. यह 1350 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक हो सकता है. ग्राहकों को बैंक ने कई तरह की सुविधाएं दी हैं. इनमें स्माल से लेकर बड़े लॉकर की सुविधा भी शामिल है. इसके अलावा यदि दो लोग मिलकर लॉकर खोलना चाहते हैं तो बैंक इसकी भी अनुमति देता है. इसके लिए दोनों को मिलकर ज्वाइंट लॉकर खोलना होगा.
चाबी-पासवर्ड खोने पर बैंक जिम्मेदार नहींः बैंक की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि ग्राहक लॉकर की चाबी या फिर पासवार्ड खो देता है और उसका दुरुपयोग होता है तो उससे होने वाले नुकसान के लिए बैंक कतई जिम्मेदार नहीं होंगे. ऐसी स्थिति में बैंक क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं करेंगे.
परिवार के सदस्य नहीं खोल पाएंगे लॉकरः नए नियम के तहत सिर्फ ग्राहक को ही लॉकर खोलने की अनुमति दी गई है. परिवार के किसी भी अन्य सदस्य को लॉकर खोलने की अनुमति आरबीआई ने नहीं दी है.
कब ग्राहक को पूरा नुकसान उठाना पड़ेगा. आरबीआई की ओर से जारी नए नियम के तहत भूकंप, बाढ़, तूफान आदि प्राकृतिक आपदाओं की वजह से होने वाले नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा. ऐसी दशा में ग्राहक को खुद ही पूरा नुकसान उठाना पड़ेगा. इस दशा में बैंक मुआवजे के प्रति उत्तरदायी नहीं होगा.
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