सहारनपुर: फिरोजाबाद के एसआरके डिग्री कॉलेज में बुर्का पहनकर आने वाली मुस्लिम छात्राओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. कॉलेज के इस फरमान के बाद मुस्लिम छात्राओं में आक्रोश है. वहीं इस्लामिक जगत में भी हलचल मची हुई है. देवबंदी उलेमा ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इस फरमान को बेतुका बताया है.
बुर्का पर पाबंदी पर उलेमा ने दी प्रतिक्रिया
जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक और प्रसिद्ध आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस फरमान को बेतुकता बताते हुए महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताया. उनका कहना है कि इस फरमान को जारी कर लोकतंत्र धार्मिक आजादी के खिलाफ गैर कानूनी काम किया गया है. कॉलेज का यह फैसला इस्लाम के खिलाफ है. बुर्का पहनना इस्लाम की वेशभूषा है.
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इस्लाम में महिलाएं कीमती हैं और हर कीमती चीज को ढक कर रखा जाता है. इसीलिए मजहब-ए-इस्लाम में महिलाओं को पर्दे में रखने का हुकुम है. उलेमा ने मांग की कि कॉलेज प्रशासन को अपना यह फरमान वापस लेना चाहिए और तमाम लोगों से माफी मांगनी चाहिए. सरकार से मांग करते हुए कहा कि भेदभाव करने वाले गलत मानसिकता के लोगों पर लगाम कसे, जिससे लोकतंत्र आबाद रहे.