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फिरोजाबाद कॉलेज में बुर्के पर लगे बैन के बाद भड़के उलेमा, बताया मजहब के खिलाफ

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Published : Sep 10, 2019, 8:36 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

यूपी के सहारनपुर के देवबंद उलेमा ने फिरोजाबाद के एसआरके डिग्री कॉलेज में बुर्का पर पाबंदी को बेतुका बताया है. उन्होंने इसे इस्लाम के खिलाफ बताया है. साथ ही कॉलेज प्रशासन से इस फरमान को वापस लेने की मांग की है.

देवबंद उलेमा ने बुर्का पर पाबंदी को बताया बेतुका.

सहारनपुर: फिरोजाबाद के एसआरके डिग्री कॉलेज में बुर्का पहनकर आने वाली मुस्लिम छात्राओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. कॉलेज के इस फरमान के बाद मुस्लिम छात्राओं में आक्रोश है. वहीं इस्लामिक जगत में भी हलचल मची हुई है. देवबंदी उलेमा ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इस फरमान को बेतुका बताया है.

देवबंद उलेमा ने बुर्का पर पाबंदी को बताया बेतुका.


बुर्का पर पाबंदी पर उलेमा ने दी प्रतिक्रिया
जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक और प्रसिद्ध आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस फरमान को बेतुकता बताते हुए महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताया. उनका कहना है कि इस फरमान को जारी कर लोकतंत्र धार्मिक आजादी के खिलाफ गैर कानूनी काम किया गया है. कॉलेज का यह फैसला इस्लाम के खिलाफ है. बुर्का पहनना इस्लाम की वेशभूषा है.

पढ़ें:- लखनऊ: मोहर्रम को लेकर उलेमा ने की सरकार और प्रशासन से अपील

इस्लाम में महिलाएं कीमती हैं और हर कीमती चीज को ढक कर रखा जाता है. इसीलिए मजहब-ए-इस्लाम में महिलाओं को पर्दे में रखने का हुकुम है. उलेमा ने मांग की कि कॉलेज प्रशासन को अपना यह फरमान वापस लेना चाहिए और तमाम लोगों से माफी मांगनी चाहिए. सरकार से मांग करते हुए कहा कि भेदभाव करने वाले गलत मानसिकता के लोगों पर लगाम कसे, जिससे लोकतंत्र आबाद रहे.

सहारनपुर: फिरोजाबाद के एसआरके डिग्री कॉलेज में बुर्का पहनकर आने वाली मुस्लिम छात्राओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. कॉलेज के इस फरमान के बाद मुस्लिम छात्राओं में आक्रोश है. वहीं इस्लामिक जगत में भी हलचल मची हुई है. देवबंदी उलेमा ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इस फरमान को बेतुका बताया है.

देवबंद उलेमा ने बुर्का पर पाबंदी को बताया बेतुका.


बुर्का पर पाबंदी पर उलेमा ने दी प्रतिक्रिया
जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक और प्रसिद्ध आलिम मौलाना कारी इसहाक गोरा ने इस फरमान को बेतुकता बताते हुए महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताया. उनका कहना है कि इस फरमान को जारी कर लोकतंत्र धार्मिक आजादी के खिलाफ गैर कानूनी काम किया गया है. कॉलेज का यह फैसला इस्लाम के खिलाफ है. बुर्का पहनना इस्लाम की वेशभूषा है.

पढ़ें:- लखनऊ: मोहर्रम को लेकर उलेमा ने की सरकार और प्रशासन से अपील

इस्लाम में महिलाएं कीमती हैं और हर कीमती चीज को ढक कर रखा जाता है. इसीलिए मजहब-ए-इस्लाम में महिलाओं को पर्दे में रखने का हुकुम है. उलेमा ने मांग की कि कॉलेज प्रशासन को अपना यह फरमान वापस लेना चाहिए और तमाम लोगों से माफी मांगनी चाहिए. सरकार से मांग करते हुए कहा कि भेदभाव करने वाले गलत मानसिकता के लोगों पर लगाम कसे, जिससे लोकतंत्र आबाद रहे.

Intro:सहारनपुर : उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद के SRK डिग्री कॉलेज में बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं के लिए फरमान जारी किया है। कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज में बुर्का पहनने पर छात्राओं की ऐन्ट्री बैन कर दी गयी है। कॉलेज के इस फरमान के बाद जहां मुस्लिम छात्राओं में आक्रोश बना हुआ है वहीं इस्लामिक जगत में भी हलचल मची हुई है। मामला इस्लाम से जुड़ा होने पर देवबंदी उलेमा भले कैसे पीछे रह सकते हैं। इस मामले में देवबंदी उलेमाओं ने भी कड़ी निंदा करते हुए इस फ़रमान को बेतुका बताया है। उलेमा का कहना है कि कॉलेज का यह फैसला इस्लाम के खिलाफ है। बुर्का पहनना इस्लाम की वेशभूषा है।
Body:VO 1 - जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने इस फ़रमान को बेतुकता बताते हुए महिलाओं के सम्मान के ख़िलाफ़ बताया। उनका कहना है कि कॉलेज की इंतजमियाँ ने इस फ़रमान को जारी कर लोकतंत्र धार्मिक आज़ादी के ख़िलाफ़ ग़ैर क़ानूनी काम किया है। इस्लाम में महिलाएं क़ीमती हैं और हर क़ीमती चीज को ढक कर रखा जता है। इसी लिए मज़हब ए इस्लाम में महिलाओं को पर्दे का हुकुम है। हम मांग करते हैं कॉलेज की इंतज़ामिया को अपना यह फ़रमान वापसी लेना चाहिए और तमाम लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए। सरकार से मांग करते हुए कहा कि भेदभाव करने वाले ग़लत मानसिकता के लोगों पर लगाम कसे, जिससे लोकतंत्र आबाद रहे।

बाईट - कारी इशहाक गौरा ( देवबंदी उलेमा )Conclusion:रोशन लाल सैनी
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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