सहारनपुर: उत्तराखंड रक्षा अभियान के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने न सिर्फ शाहीन बाग, लखनऊ, अलीगढ़ और देवबंद समेत कई जगहों पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को गलत करार दिया, बल्कि विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि देश भर में जितने भी धरने प्रदर्शन हो रहे हैं. उनमें PFI नहीं बल्कि दारुल उलूम देवबंद फंडिंग कर रहा है. बड़ी बात तो ये है कि दारुल उलूम को हलाला के जरिये विदेशों से फंडिंग हो रही है.
मुसलमानों को गुमराह कर रहा देवबंद
स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध गलत किया जा रहा है. इससे किसी को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि धरने प्रदर्शन के लिए जो फंडिंग हो रही है, वह PFI नहीं बल्कि दारुल उलूम देवबंद कर रहा है. देवबंद मजहबी शिक्षा के कट्टरवाद को जन्म दे रहा है और इसमें मजहबी शिक्षा पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है. इस मजहबी शिक्षा के कारण हजारों मुसलमान गुमराह हो रहे हैं.
मुसलमानों को भ्रमित कर रहा देवबंद
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से दारुल उलूम धर्म और CAA के नाम पर मुसलमानों को भ्रमित कर रहा है, जबकि CAA लागू होने से किसी भी भारतीय मुसलमान को कोई खतरा नहीं है. देश भर में हो रहे आंदोलनों में दारुल उलूम देवबंद का सीधा हाथ है.
स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि धरने प्रदर्शन में ओरतों को भेजकर पूरे देश को शाहीन बाग मॉडल बनाने की कोशिश की जा रही है. दारुल उलूम देवबंद से निकलने वाले मौलाना मुफ़्ती तालिबान जैसा व्यवहार कर रहे है, जिसके चलते इस्लाम में तालिबान और देवबंद को एक विचारधारा माना जाता है.
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