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CAA के विरोध में हो रहे धरनों को फंडिंग कर रहा दारुल उलूम देवबंद: स्वामी दर्शन भारती

उत्तराखंड रक्षा अभियान के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने फतवों की नगरी देवबंद में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने न सिर्फ दारुल उलूम देवबंद पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हो रहे धरना प्रदर्शन में फंडिंग करने का आरोप लगाया है, बल्कि उसे आतंकियों का अड्डा भी करार दिया है.

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मीडिया से बातचीत करते स्वामी दर्शन भारती.
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Published : Feb 6, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: उत्तराखंड रक्षा अभियान के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने न सिर्फ शाहीन बाग, लखनऊ, अलीगढ़ और देवबंद समेत कई जगहों पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को गलत करार दिया, बल्कि विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.

मीडिया से बातचीत करते स्वामी दर्शन भारती.

स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि देश भर में जितने भी धरने प्रदर्शन हो रहे हैं. उनमें PFI नहीं बल्कि दारुल उलूम देवबंद फंडिंग कर रहा है. बड़ी बात तो ये है कि दारुल उलूम को हलाला के जरिये विदेशों से फंडिंग हो रही है.

मुसलमानों को गुमराह कर रहा देवबंद
स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध गलत किया जा रहा है. इससे किसी को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि धरने प्रदर्शन के लिए जो फंडिंग हो रही है, वह PFI नहीं बल्कि दारुल उलूम देवबंद कर रहा है. देवबंद मजहबी शिक्षा के कट्टरवाद को जन्म दे रहा है और इसमें मजहबी शिक्षा पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है. इस मजहबी शिक्षा के कारण हजारों मुसलमान गुमराह हो रहे हैं.

मुसलमानों को भ्रमित कर रहा देवबंद
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से दारुल उलूम धर्म और CAA के नाम पर मुसलमानों को भ्रमित कर रहा है, जबकि CAA लागू होने से किसी भी भारतीय मुसलमान को कोई खतरा नहीं है. देश भर में हो रहे आंदोलनों में दारुल उलूम देवबंद का सीधा हाथ है.

स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि धरने प्रदर्शन में ओरतों को भेजकर पूरे देश को शाहीन बाग मॉडल बनाने की कोशिश की जा रही है. दारुल उलूम देवबंद से निकलने वाले मौलाना मुफ़्ती तालिबान जैसा व्यवहार कर रहे है, जिसके चलते इस्लाम में तालिबान और देवबंद को एक विचारधारा माना जाता है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर: गोशालाओं की खुली पोल, आवारा गोवंशों को किसानों ने स्कूल में किया बन्द

सहारनपुर: उत्तराखंड रक्षा अभियान के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने न सिर्फ शाहीन बाग, लखनऊ, अलीगढ़ और देवबंद समेत कई जगहों पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को गलत करार दिया, बल्कि विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.

मीडिया से बातचीत करते स्वामी दर्शन भारती.

स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि देश भर में जितने भी धरने प्रदर्शन हो रहे हैं. उनमें PFI नहीं बल्कि दारुल उलूम देवबंद फंडिंग कर रहा है. बड़ी बात तो ये है कि दारुल उलूम को हलाला के जरिये विदेशों से फंडिंग हो रही है.

मुसलमानों को गुमराह कर रहा देवबंद
स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध गलत किया जा रहा है. इससे किसी को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि धरने प्रदर्शन के लिए जो फंडिंग हो रही है, वह PFI नहीं बल्कि दारुल उलूम देवबंद कर रहा है. देवबंद मजहबी शिक्षा के कट्टरवाद को जन्म दे रहा है और इसमें मजहबी शिक्षा पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है. इस मजहबी शिक्षा के कारण हजारों मुसलमान गुमराह हो रहे हैं.

मुसलमानों को भ्रमित कर रहा देवबंद
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से दारुल उलूम धर्म और CAA के नाम पर मुसलमानों को भ्रमित कर रहा है, जबकि CAA लागू होने से किसी भी भारतीय मुसलमान को कोई खतरा नहीं है. देश भर में हो रहे आंदोलनों में दारुल उलूम देवबंद का सीधा हाथ है.

स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि धरने प्रदर्शन में ओरतों को भेजकर पूरे देश को शाहीन बाग मॉडल बनाने की कोशिश की जा रही है. दारुल उलूम देवबंद से निकलने वाले मौलाना मुफ़्ती तालिबान जैसा व्यवहार कर रहे है, जिसके चलते इस्लाम में तालिबान और देवबंद को एक विचारधारा माना जाता है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर: गोशालाओं की खुली पोल, आवारा गोवंशों को किसानों ने स्कूल में किया बन्द

Intro:सहारनपुर : उत्तराखंड के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती ने आज देवबंद में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने न सिर्फ दारुल उलूम देवबंद पर धरने प्रदर्शन में फंडिंग करने का आरोप लगाया है बल्कि दारुल उलूम को आतंकियो को अड्डा करार दिया है। सीएए का विरोध गलत किया जा रहा है इससे किसी को कोई खतरा नहीं है। धरने प्रदर्शन के लिए जो फंडिंग हो रही है वह फंडिंग PFI नहीं बल्कि दारुल उलूम देवबंद कर रहा है और दारुल उलूम देवबंद को सीधे सऊदी अरब से फंडिंग आ रही है। देवबंद दारुल उलूम मजहबी शिक्षा के कट्टरवाद को जन्म दे रहा है और इसमें मजहबी शिक्षा पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है। इस मजहबी शिक्षा के कारण हजारों मुसलमान गुमराह हो रहे हैं।Body:VO 1 - उत्तराखण्ड संस्थापक स्वामी दर्शन भारती वीरवार को फतवो की नगरी देवबंद पहुंचे जहां उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए न सिर्फ शाहीन बाग, लखनऊ, अलीगढ़ और देवबंद समेत कई जगहों पर CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को गलत करार दिया है बल्कि विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में जितने भी धरने प्रदर्शन हो रहे है उनमें PFI नही बल्कि दारुल उलूम देवबंद फंडिंग कर रहा है। बड़ी बात तो ये है कि दारुल उलूम को हलाला के जरिये विदेशो से फंडिंग हो रही है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से दारुल उलूम धर्म और CAA के नाम पर मुसलमानों को भ्रमित कर रहा है जबकि CAA लागू होने से किसी भी भारतीय मुसलमान को कोई खतरा नही है। देश भर में हो रहे आंदोलनों मेंदारुल उलूम देवबंद का सीधा हाथ है। धरने प्रदर्शन में ओरतो को भेज कर पूरे देश को शाहीन बाग मॉडल बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम देवबंद से निकलने वाले मौलाना मुफ़्ती तालिबान जैसा व्यवहार कर रहे है। जिसके चलते इस्लाम मे तालिबान और देवबंद को एक विचारधारा में माना जाता है।


बाइट - स्वामी दर्शन भारती ( संस्थापक उतराखंड )Conclusion:रोशन लाल सैनी
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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