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मुसलमानों को बरगलाती है जमीयत उलेमा-ए-हिंद : फरहा फैज

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Published : Jan 18, 2021, 7:29 PM IST

लव जिहाद के आरोपी युवकों का मुकदमा जमीअत उलेमा-ए-हिंद लड़ेगा, जिसपर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज कड़ी आपत्ति जताई है. अधिवक्ता ने कहा कि "यह संस्था मुसलमानों को गुमराह करने के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है."

सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज

सहारनपुर: लव जिहाद को लेकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी द्वारा दिए गए बयान पर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने ऐतराज जताया है. फराह फैज ने कहा है कि "जमीयत उलेमा-ए-हिंद समय-समय पर आतंकवाद में लिप्त गुमराह मुस्लिम युवकों का समर्थन करता है.

अधिवक्ता फरहा फैज ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद पर साधा निशाना
लंबे समय से लव जिहाद कानून लाने की लड़ाई लड़ रही सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने लव जिहाद के खिलाफ कानून लाए जाने पर सीएम योगी का आभार जताया था. कानून आने के बाद मौलाना अरशद मदनी के बयान पर फरहा फैज ने अब आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि "जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी द्वारा पहले से ही समय-समय पर आतंकवाद में लिप्त गुमराह मुस्लिम युवकों का निशुल्क कानूनी लड़ाई लड़ने का आह्वान किया जाता रहा है. और अब लव जिहाद यानी पहचान बदलकर दूसरे धर्म की लड़की को बरगलाकर धर्मांतरण करने में लिप्त मुस्लिम युवकों की कानूनी लड़ाई लड़ने का ऐलान करके मौलाना अरशद मदनी ने इस बात की पुष्टि की है कि यह संस्था पूर्णतया मुसलमानों की दुश्मन है."

अधिवक्ता फरहा फैज ने कहा कि "यह संस्था मुसलमानों को गुमराह करने के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है. यदि इन्हें मुसलमानों की चिंता होती तो देश में आज मुस्लिम फैमिली एक्ट वजूद में होता और न कि मुसलमानों के माथे पर कट्टरवादी का टैग न लगा होता. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के द्वारा कभी भी महिलाओं की पैरवी, उनको इंसाफ दिलाने की कोई घोषणा नहीं की गई. उल्टे उनके लिए आए दिन तमाम फतवे जारी कर उनको प्रताड़ित होने के लिए मजबूर किया गया. अब वक्त आ गया है राजनीति करने के इस षड्यंत्र का कड़ा विरोध किया जाए और इनको मुंहतोड़ जवाब दिया जाए."

सहारनपुर: लव जिहाद को लेकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी द्वारा दिए गए बयान पर सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने ऐतराज जताया है. फराह फैज ने कहा है कि "जमीयत उलेमा-ए-हिंद समय-समय पर आतंकवाद में लिप्त गुमराह मुस्लिम युवकों का समर्थन करता है.

अधिवक्ता फरहा फैज ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद पर साधा निशाना
लंबे समय से लव जिहाद कानून लाने की लड़ाई लड़ रही सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज ने लव जिहाद के खिलाफ कानून लाए जाने पर सीएम योगी का आभार जताया था. कानून आने के बाद मौलाना अरशद मदनी के बयान पर फरहा फैज ने अब आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि "जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी द्वारा पहले से ही समय-समय पर आतंकवाद में लिप्त गुमराह मुस्लिम युवकों का निशुल्क कानूनी लड़ाई लड़ने का आह्वान किया जाता रहा है. और अब लव जिहाद यानी पहचान बदलकर दूसरे धर्म की लड़की को बरगलाकर धर्मांतरण करने में लिप्त मुस्लिम युवकों की कानूनी लड़ाई लड़ने का ऐलान करके मौलाना अरशद मदनी ने इस बात की पुष्टि की है कि यह संस्था पूर्णतया मुसलमानों की दुश्मन है."

अधिवक्ता फरहा फैज ने कहा कि "यह संस्था मुसलमानों को गुमराह करने के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है. यदि इन्हें मुसलमानों की चिंता होती तो देश में आज मुस्लिम फैमिली एक्ट वजूद में होता और न कि मुसलमानों के माथे पर कट्टरवादी का टैग न लगा होता. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के द्वारा कभी भी महिलाओं की पैरवी, उनको इंसाफ दिलाने की कोई घोषणा नहीं की गई. उल्टे उनके लिए आए दिन तमाम फतवे जारी कर उनको प्रताड़ित होने के लिए मजबूर किया गया. अब वक्त आ गया है राजनीति करने के इस षड्यंत्र का कड़ा विरोध किया जाए और इनको मुंहतोड़ जवाब दिया जाए."

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