सहारनपुर : एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िताओं की पहचान छिपाने के लिए विशेष गाइडलाइंस जारी की है. वहीं जिले में समाजवादी पार्टी के विधायक ने प्रेस नोट जारी कर न सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई है बल्कि नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की पहचान भी उजागर कर दी है. सपा विधायक संजय गर्ग के लेटरपैड पर जारी प्रेस नोट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
बता दें कि 2 जनवरी को थाना चिलकाना स्थित गांव निवासी 14 साल की युवती के साथ गांव के ही कुछ युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. वहीं घटना को अंजाम देकर आरोपियों ने युवती को सड़क किनारे फेंक दिया था. युवती को परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया और थाने में मुकदमा दर्ज काराया था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
वहीं 4 दिन पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा विधायक संजय गर्ग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने दुष्कर्म पीड़िता के घर पहुंच कर न सिर्फ घटना की जानकारी ली, बल्कि 50 हजार रुपये की धनराशि देकर आर्थिक मदद भी की. इस दौरान फोटो सेशन भी हुआ था.
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वहीं पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के बाद नगर विधायक संजय गर्ग ने अपने लेटर पैड पर प्रेस नोट जारी कर दिया. विधायक संजय गर्ग ने अखबारों में सुर्खियां बटौरने की जल्दबाजी में प्रेस नोट में रेप पीड़िता के नाम के साथ उसकी पहचान उजागर कर दी. कई बार विधायक, मंत्री रह चुके विधायक संजय गर्ग वर्तमान में सपा के प्रवक्ता भी हैं. उनके लेटर पैड पर रेप पीड़िता की पहचान उजगार करने की हर कोई निंदा कर रहा है. सपा विधायक संजय गर्ग रेप पीड़िता को आर्थिक मदद देने की बात तो स्वीकार कर रहे है लेकिन पहचान उजागर करने पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
वहीं एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि ईटीवी भारत के माध्यम से उन्हें पता चला है कि सपा विधायक के लेटर पेड पर रेप पीड़िता की पहचान उजागर हुआ प्रेस नोट वायरल हो रहा है. रेप पीड़िता की पहचान दर्शाना नैतिक रूप से भी गलत है और कानूनी तौर से भी सही नहीं है. इस प्रेस नोट की जांच कराई जाएगी.