सहारनपुर: यहां मादक पदार्थों का कारोबार करने वालों के खिलाफ अब स्थानीय लोगों ने भी मोर्चा खोल दिया है. पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल के बाद अब सहारनपुर के बेहट कस्बे में भी मादक पदार्थों की तस्करों के खिलाफ लोग आवाज बुलंद करने लगे हैं. पुलिस की अव्यवस्था और स्मैक तस्करों के मजबूत सिस्टम के सामने दम तोड़ रही युवा पीढ़ी को बचाने के लिए बेहट में पंचायत हुई. क्षेत्रवासियों ने पंचायत में मादक पदार्थों के कारोबार में लिप्त लोगों को सबक सिखाने का ऐलान किया. पंचायत में मादक पदार्थों की तस्करी के काम में शामिल लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया गया.
दरअसल जनपद सहारनपुर की कोतवाली बेहट कस्बे पूरे क्षेत्र में मादक पदार्थों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. कुछ समय पूर्व सहारनपुर के एसएसपी डॉ. चिनप्पा ने एक अभियान चलाया गया था, जिसके तहत बेहट पुलिस ने कुछ मादक पदार्थ तस्करों को पकड़ कर जेल भी भेजा था.
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क्षेत्र वासियों के मुताबिक इसके बाद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई. बेहट कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मैक, अफीम, डोडे आदि का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. पुलिस की कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है. क्षेत्र में बढ़ते नशे के कारोबार के खिलाफ अब ग्रामीण भी एकजुट होने लगे हैं.
बेहट कस्बे से सटी इंदिरा कालोनी के लोगों ने पंचायत की. इसमें स्मैक का धंधा करने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया गया. तय किया गया कि पहले स्मैक कारोबार करने और पीने वालों के परिवार वालों से मिलकर समझाने का प्रयास किया जाएगा. अगर नहीं माने तो कानून के दायरे में कालोनीवासी एकजुट होकर स्मैक तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाएंगे. इतना ही नहीं मादक पदार्थों का कारोबार करने वाले लोगों के परिजनों पर दबाव बनाने के लिए मरने के बाद कब्रिस्तान और श्मशान में जगह न देने का फैसला भी किया गया.