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सहारनपुर: धरने पर बैठे ग्रामीणों के सामने एसडीएम के बिगड़े बोल

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में अपनी मांग को लेकर धरना कर रहे ग्रामीणों के सामने एसडीएम ने अजीब बयान दिया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि एसडीएम ने कहा कि आपने भाजपा को वोट नहीं दिया तो विकास की उम्मीद क्यों कर रहे.

अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामी
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Published : Aug 14, 2019, 10:51 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : जनपद के बेहट तहसील के गांव हुसैन मलकपुर और गांव शाहपुर के लोग नदी पर पुल, तटबंध एंव बाढ़ में ध्वस्त हुए मुख्य मार्ग के निर्माण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. एसडीएम जब धरना स्थल पर ग्रामीणों को शांत कराने पहुंचे तो उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि भाजपा को वोट दिए थे क्या ? जब वोट नहीं दिया तो काम की उम्मीद क्यों करते हो? एसडीएम के इस तरीके के जवाब से ग्रामीणों में रोष व्यापत है.

अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण.

लोकसभा चुनाव के पहले भी ग्रामीणों ने दिया था धरना -
नदी पर पुल, तटबंध एंव बाढ़ में ध्वस्त हुए मुख्य मार्ग के निर्माण की मांग को लेकर जून महीने में चुनाव से पहले भी ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठे थे. ग्रामीणॊं की लगातार बिगड़ती हालत को देखकर जब सहारनपुर प्रशासन गम्भीर हुआ.

वहां पर उन्होंने जेसीबी मशीन लगाकर तुरन्त तटबंध व सड़कों के निर्माण कार्य को शुरू करवाया तथा इसके साथ ही नदी के पुल के प्रस्ताव के लिए भी जल्द मंजूरी की घोषणा भी की थी. लेकिन चुनाव के बाद फिर से वंहा पर कार्य बंद हो गया और कोई सुनवाई नहीं हुई. ग्रामीणों ने सरकार व नेताओं का ध्यान इस ओर लाने के लिए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था.

एसडीएम की ऐसी मंशा नही हो सकती और यदि उन्होंने ऐसा कहा है तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
- आलोक कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी

सहारनपुर : जनपद के बेहट तहसील के गांव हुसैन मलकपुर और गांव शाहपुर के लोग नदी पर पुल, तटबंध एंव बाढ़ में ध्वस्त हुए मुख्य मार्ग के निर्माण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. एसडीएम जब धरना स्थल पर ग्रामीणों को शांत कराने पहुंचे तो उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि भाजपा को वोट दिए थे क्या ? जब वोट नहीं दिया तो काम की उम्मीद क्यों करते हो? एसडीएम के इस तरीके के जवाब से ग्रामीणों में रोष व्यापत है.

अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण.

लोकसभा चुनाव के पहले भी ग्रामीणों ने दिया था धरना -
नदी पर पुल, तटबंध एंव बाढ़ में ध्वस्त हुए मुख्य मार्ग के निर्माण की मांग को लेकर जून महीने में चुनाव से पहले भी ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठे थे. ग्रामीणॊं की लगातार बिगड़ती हालत को देखकर जब सहारनपुर प्रशासन गम्भीर हुआ.

वहां पर उन्होंने जेसीबी मशीन लगाकर तुरन्त तटबंध व सड़कों के निर्माण कार्य को शुरू करवाया तथा इसके साथ ही नदी के पुल के प्रस्ताव के लिए भी जल्द मंजूरी की घोषणा भी की थी. लेकिन चुनाव के बाद फिर से वंहा पर कार्य बंद हो गया और कोई सुनवाई नहीं हुई. ग्रामीणों ने सरकार व नेताओं का ध्यान इस ओर लाने के लिए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था.

एसडीएम की ऐसी मंशा नही हो सकती और यदि उन्होंने ऐसा कहा है तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
- आलोक कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी

Intro:सहारनपुर की बेहट तहसील में सडक व तटबंध निर्माण की माँग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीणों के सामने SDM बेहट के अजीब बोल। SDM बेहट ने ग्रामीणो से कहा की वोट दिए थे क्या। आख़िर एक अधिकारी इस तरह की बात पब्लिक से कैसे कह सकता है। इस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने SDM से पूछा कि क्या जिन्होंने वोट दिए हैं सिर्फ़ उन्ही के काम होंगे क्या। ग्रामीणो में SDM के इन शब्दों से बहुत रोष है। Body:

Slug - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं सबका साथ सबका विकास। लेकिन मोदी सरकार में अधिकारी विकास से पहले पूछते हैं कि वोट किसे दिए थे।

सहारनपुर की बेहट तहसील में सडक व तटबंध निर्माण की माँग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीणों के सामने SDM बेहट के अजीब बोल। SDM बेहट ने ग्रामीणो से कहा की वोट दिए थे क्या। आख़िर एक अधिकारी इस तरह की बात पब्लिक से कैसे कह सकता है। इस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने SDM से पूछा कि क्या जिन्होंने वोट दिए हैं सिर्फ़ उन्ही के काम होंगे क्या। ग्रामीणो में SDM के इन शब्दों से बहुत रोष है।

आपको बता दें कि सहारनपुर की बेहट तहसील के गाँव हुसैन मलकपुर और गाँव शाहपुर के लोग नदी पर पुल, तटबंध एंव बाढ़ में ध्वस्त हुए मुख्य मार्ग के निर्माण की माँग को लेकर जून महीने में चुनाव से पहले भी आमरण अनशन पर बैठे थे। तेज गर्मी के कारण अनशन पर बैठे ग्रामीणॊं की तबियत लगातार बिगडने लगी। सूचना पर स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौक़े पर पहुँचे। डाक्टरों की टीम ने परीक्षण के बाद बीमार लोगों को ज़िला अस्पताल भिजवाना शुरू किया। लेकिन ग्रामीणॊं की लगातार बिगड्ती हालत से सहारनपुर प्रशासन के हाथ पैर फ़ूले और वंहा पर उन्होने जेसीबी मशीन लगाकर तुरन्त तटबंध व सडकों के निर्माण कार्य को शुरू करवाया । इसके साथ ही नदी के पुल के प्रस्ताव के लिए भी जल्द मंजूरी की घोषणा की।

आपको बता दें कि इस क्षेत्र के ग्रामीण कई सालो से मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रहे है। लेकिन कोई सुनवाई न होने के कारण यह आमरण अनशन पर बैठे थे। ग्रामीणों ने सरकार व नेताओं का इस और ध्यान लाने के लिए विस चुनाव व लोस चुनाव का बहिष्कार भी किया था। लेकिन आश्वासन व वायदे तो मिले लेकिन साकार कुछ नही हुआ। लेकिन आखिर उनकी मेहनत रंग लायी और प्रशासन को उनके सामने झुकना पडा था। लेकिन चुनाव के बाद फिर से वंहा पर कार्य बंद कर दिया गया।

बाद में जब SDM से उनके वोट वाले बयान के बारे में पूछा गया तो वह बोले सबका साथ सबका विकास पर यह कहा था कि चुनाव के वक़्त भी ध्यान रखना चाहिए था। उन्होंने अपनी ग़लती ना मानते हुए फिर से कहा की सबका साथ और सबका विकास की बात निर्वाचन के समय भी ध्यान रखनी चाहिए।
बाईट - शिवराज सिंह (SDM, Behat)

वही SDM की बात से आक्रोशित सभी ग्रामीण तो खुलकर कुछ नही बोल रहे हैं। लेकिन ग्रामीणो का साफ़ कहना है की जब तक हमारी समस्या का समाधान नही होगा तब तक हमारा धरना जारी रहेगा। वही प्रधान ने बताया की SDM ने कहा है कि आपने भाजपा को वोट नही दिया है इसलिए आप सरकार से किसी काम की उम्मीद ना करो।

बाइट - ग्रामीण

वही इस मामले में जब सहारनपुर के डीएम आलोक कुमार पांडे का कहना है कि एसडीएम की ऐसी मंशा नही हो सकती और यदि उन्होंने ऐसा कहा हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा

बाइट - आलोक कुमार पांडे डीएम सहारनपुरConclusion:रिपोर्टर खुर्शीद आलम
सहारनपुर

तहसील बेहट

9719146039


Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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