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सहारनपुर: हड़ताल पर बिजलीकर्मी, संविदाकर्मियों के भरोसे बिजली व्यवस्था

यूपी के सहारनपुर जिले में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी पूर्ण हड़ताल पर हैं. हालांकि हड़ताल को गम्भीरता से लेते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट है. आकस्मिक विद्युत समस्याओं से निपटने के लिए राजस्व कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से सभी बिजली घरों पर पुलिस भी तैनात की गई है.

पूर्ण हड़ताल पर बिजलीकर्मी, संविदाकर्मियों के भरोसे बिजली व्यवस्था.
पूर्ण हड़ताल पर बिजलीकर्मी, संविदाकर्मियों के भरोसे बिजली व्यवस्था.
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Published : Oct 5, 2020, 5:35 PM IST

सहारनपुर : विद्युत निगम के निजीकरण किए जाने के विरोध में बिजलीकर्मियों का आंदोलन तेजी पकड़ने लगा है. अब तक रोजाना तीन घंटे कार्य बहिष्कार करने के बाद जनपद के बिजलीकर्मी 5 अक्टूबर को पूर्णत: हड़ताल पर हैं. हालांकि हड़ताल को गम्भीरता से लेते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट है. आकस्मिक विद्युत समस्याओं से निपटने के लिए राजस्व कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से सभी बिजली घरों पर पुलिस भी तैनात की गई है.

दरअसल, विद्युत निगम में निजीकरण का विरोध काफी दिनों से चल रहा है. इसके तहत बिजली कर्मचारी रोजाना 3 घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन सोमवार से सभी कर्मचारी पूर्णता हड़ताल पर हैं. इससे बिजली के काम का सारा कार्य संविदाकर्मियों के कंधे पर आ गया है. जिले के करीब 135 बिजली घरों पर अभियंताओं सहित 1300 से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर हैं. वहीं हड़ताल के दौरान अगर ब्रेकडाउन, ओवरलोड और ट्रांसफार्मर के खराब होने पर अगर बिजली आपूर्ति बाधित होती है तो उसको सही कराना मुश्किल होगा.

हालांकि अस्पतालों, सरकारी और निजी बैंकों, औद्योगिक क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जिले के 6 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति देने और हालात नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से राजस्व कर्मचारियों की बिजली घरों पर ड्यूटी लगाई गई है. बिजलीकर्मियों के हड़ताल पर जाने से करीब 1100 संविदाकर्मियों के कंधों पर सारा बोझ आ गया है.

सहारनपुर : विद्युत निगम के निजीकरण किए जाने के विरोध में बिजलीकर्मियों का आंदोलन तेजी पकड़ने लगा है. अब तक रोजाना तीन घंटे कार्य बहिष्कार करने के बाद जनपद के बिजलीकर्मी 5 अक्टूबर को पूर्णत: हड़ताल पर हैं. हालांकि हड़ताल को गम्भीरता से लेते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट है. आकस्मिक विद्युत समस्याओं से निपटने के लिए राजस्व कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है. इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से सभी बिजली घरों पर पुलिस भी तैनात की गई है.

दरअसल, विद्युत निगम में निजीकरण का विरोध काफी दिनों से चल रहा है. इसके तहत बिजली कर्मचारी रोजाना 3 घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे थे, लेकिन सोमवार से सभी कर्मचारी पूर्णता हड़ताल पर हैं. इससे बिजली के काम का सारा कार्य संविदाकर्मियों के कंधे पर आ गया है. जिले के करीब 135 बिजली घरों पर अभियंताओं सहित 1300 से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर हैं. वहीं हड़ताल के दौरान अगर ब्रेकडाउन, ओवरलोड और ट्रांसफार्मर के खराब होने पर अगर बिजली आपूर्ति बाधित होती है तो उसको सही कराना मुश्किल होगा.

हालांकि अस्पतालों, सरकारी और निजी बैंकों, औद्योगिक क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जिले के 6 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति देने और हालात नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से राजस्व कर्मचारियों की बिजली घरों पर ड्यूटी लगाई गई है. बिजलीकर्मियों के हड़ताल पर जाने से करीब 1100 संविदाकर्मियों के कंधों पर सारा बोझ आ गया है.

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