सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के भगोड़े खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गिरफ्तारी से बचते हुए लगातार फरार चल रहे इकबाल की गिरफ्तारी को लेकर घोषित इनाम की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है.
सहारनपुर जिले के मिर्जापुर पोल गांव में रहने वाले खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला की एक समय पूरे प्रदेश में तूती बजती थी. बता दें कि हाजी इकबाल ने बसपा सरकार में अवैध खनन के जरिए कुछ ही दिनों में करोड़ की बेनामी संपत्ति का बादशाह बन गया. यह वह दौर था जब अधिकारी, खनन मंत्री और मुख्यमंत्री मायावती उसके इशारों पर काम किया करती थी. इन्हीं के दम पर हाजी इकबाल ने औने-पौने दामों पर ग्रमीणओं की खेती हड़प ली.
प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही खनन माफिया के खिलाफ जैसे ही शिकंजा कसना शुरू किया गया, वैसे ही उसके कारनामों की परत दर परत खुलनी शुरू हो गई. उसके काले कारनामों में शामिल उसके भाई महमूद अली, उसके बेटों और उसके साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज चुकी है, लेकिन खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला के गिरफ्तार नहीं होने पर उसे भगौड़ा घोषित करने के साथ-साथ उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था.
काफी समय से खनन माफिया हाजी इकबाल पुलिस के साथ आंख मिचौली का खेल खेलते हुए पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगाई गई हैं. खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला की गिरफ्तारी को सुनिश्चित करने के उद्देश्य को लेकर मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सब्बरवाल ने इनाम की राशि को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है.