सहारनपुर : नगर निकाय चुनाव का दूसरे चरण का मतदान गुरुवार को सम्पन्न हो गया. सभी प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटियों और ईवीएम में बंद होकर स्ट्रांग रूम पहुंच गई है. नतीजे आने में महज कुछ ही घंटे बाकी हैं. सकुशल मतगणना कराने के लिए जहां प्रशासन ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं. वहीं प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ी हुई हैं. सभासद से लेकर महापौर तक के प्रत्याशी वोटों के गुणा भाग करने में लगे हैं. सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने वाली ईवीएम के साथ मतपत्रों की बंद पेटियां शनिवार को खुल जाएंगी. शहर का सरताज कौन बनेगा यह कहना तो अभी जल्द बाजी होगी, लेकिन फिलहाल प्रत्याशियों के साथ शीर्ष नेताओं की चिंता बढ़नी शुरू हो गई हैं.
स्मार्ट सिटी सहारनपुर की बात करें तो यहां नगर निगम के कुल 70 वार्ड हैं. सभी वार्डों में 141 मतदान केंद्रों पर 553 पोलिंग बूथ बनाए गए थे. महानगर के कुल 6 लाख 21 हजार 450 मतदाताओं मे से महज 3 लाख 39 हजार ने वोट डाले. यानि ऐसा पहली बार हुआ कि सहारनपुर महानगर में 55% मतदान हुआ. कम मतदान प्रतिशत ने सत्तापक्ष से लेकर विपक्षी दलों महापौर प्रत्यशियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. इससे सारे समीकरण और आकंड़े फैल होते नजर आ रहे हैं. हालांकि सभी प्रत्याशी अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
खटाई में इमरान मसूद की साख
महानगर सहारनपुर में महापौर पद के लिए शुरू से माना जा रहा था कि बसपा और भाजपा में कांटे की टक्कर रहेगी. जिसमें बसपा प्रत्याशी का पलड़ा भारी रहने की संभावना जताई जा रही थी. सियासी पंडितों की भविष्यवाणी और समीकरण यही बता रहे थे कांटे के मुकाबले में महापौर की सीट बसपा के पाले जा सकती है. ऐसे मे भाजपा को अपने उम्मीदवार को महापौर पद पर जिताना अंधेरे को दिया दिखाने वाली बात दिखाई दे रही थी. क्योंकि बसपा प्रत्याशी खदीजा मसूद न सिर्फ मुस्लिम मतदाताओं के सहारे चुनाव मैदान में हैं, बल्कि बसपा का दलित वोट भी उसके साथ है.
चिकित्सकों ने संभाला मोर्चा
भाजपा उम्मीदवार जाने माने चिकित्सक के साथ बड़े रणनीतिकार भी माने जाते हैं. डॉ. अजय कुमार बहुत शांति और सरल स्वभाव के तो हैं ही साथ ही किसी मंजिल के अंतिम पायदान पर कैसे चढ़ना है यह भी भली भांति जानते हैं. यानि चुनाव में जीत कैसे हासिल करनी है अच्छी तरह जानते है. डॉ. अजय सिंह ने अपने स्टाफ़ और भाजपा नेताओं के साथ अपने डॉक्टरों की टीम भी मतदाताओं से जन सम्पर्क में लगा दी. विशेष रूप से शहर के नामचीन डॉ. मोहन सिंह, डॉ. अंकुर उपाध्याय, डॉ. प्रवीन शर्मा, डॉ. राहुल सिंह, डॉ. संजीव मिगलानी, डॉ. शोभा जैन समेत शहर के सभी डॉक्टर उनके पक्ष में उतर आए. सभी ने दिन रात जनसंपर्क अभियान चलाए रखा.
कई मंत्रियों ने संभाली रखी प्रचार की कमान : समाज कल्याण मन्त्री असीम अरुण, राज्यमंत्री कुंवर ब्रजेश सिंह औऱ जसवंत सैनी, प्रान्तीय उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल, प्रान्तीय मंत्री डॉ. चंद्र मोहन शर्मा और पार्टी के सभी विधायक देर रात तक चुनाव प्रचार के बाद दिन भर की समीक्षा करते रहे. जिससे भाजपा प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार को प्रचार में मजबूती मिलती गई.
बसपा औऱ मुस्लिम वोटों में हुई सेंधमारी : बसपा के परम्परागत मतों का कुछ प्रतिशत भाजपा की ओर साथ ही मुस्लिम मतों मे डॉ. अजय कुमार की घेरा बंदी ने भाजपा प्रत्याशी अजय सिंह की जीत सुनिश्चित मानी जा सकती है. यदि यह आंकड़ा 20 हजार को पार कर जाए तो कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी. क्योंकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के दौरे के बाद आंकड़े और समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं.