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सहारनपुर: खतरे में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ, दहशत में पत्रकार, सो रही सरकार!

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Published : Aug 19, 2019, 7:39 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

यूपी के सहारनपुर में पत्रकार और उसके भाई की गोली मारकर हत्या करने के मामले में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ आक्रोश में है. पूरे प्रदेश में पत्रकारिता जगत ने सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की बात कही है.

सहारनपुर में पत्रकार और उसके भाई की गोली मारकर हत्या.

सहारनपुर: योगी सरकार पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने के दावे कर रही है, लेकिन हकीकत सच्चाई से कोसों दूर है. उत्तर प्रदेश में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमलों से न सिर्फ संविधान का चौथा स्तंभ खतरे में है, बल्कि योगी सरकार के दावों की पोल खुलकर सामने आ गई है.

सहारनपुर में पत्रकार और उसके भाई की गोली मारकर हत्या.

नगर कोतवाली इलाके के माधो नगर में पत्रकार और उसके भाई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद से पत्रकारों में आक्रोश बना हुआ है. पत्रकार जब अपराधियों के खिलाफ खबरें लिखता है तो उसको जान से मारने की धमकी मिलती है. इस घटना के बाद पत्रकारों में दहशत का माहौल है. पत्रकारों ने सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर 50 - 50 लाख आर्थिक मदद और हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की है.

पत्रकार आशीष की हत्या के बाद जहां प्रदेश भर में पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए हैं. वहीं सहारनपुर के पत्रकारों ने शोक सभा कर श्रद्धांजलि दी है. शोक सभा के बाद स्थानीय पत्रकारों ने लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ हत्यारों के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की है. इतना ही नहीं पत्रकारों ने सीएम योगी और पीएम मोदी को भी पत्रकारों पर हो रहे हमलों के लिए चेताया है. अगर यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब संविधान का चौथा स्तंभ कहे जाने वाला पत्रकार जगत का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

सहारनपुर: योगी सरकार पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने के दावे कर रही है, लेकिन हकीकत सच्चाई से कोसों दूर है. उत्तर प्रदेश में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमलों से न सिर्फ संविधान का चौथा स्तंभ खतरे में है, बल्कि योगी सरकार के दावों की पोल खुलकर सामने आ गई है.

सहारनपुर में पत्रकार और उसके भाई की गोली मारकर हत्या.

नगर कोतवाली इलाके के माधो नगर में पत्रकार और उसके भाई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद से पत्रकारों में आक्रोश बना हुआ है. पत्रकार जब अपराधियों के खिलाफ खबरें लिखता है तो उसको जान से मारने की धमकी मिलती है. इस घटना के बाद पत्रकारों में दहशत का माहौल है. पत्रकारों ने सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर 50 - 50 लाख आर्थिक मदद और हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की है.

पत्रकार आशीष की हत्या के बाद जहां प्रदेश भर में पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए हैं. वहीं सहारनपुर के पत्रकारों ने शोक सभा कर श्रद्धांजलि दी है. शोक सभा के बाद स्थानीय पत्रकारों ने लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ हत्यारों के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की है. इतना ही नहीं पत्रकारों ने सीएम योगी और पीएम मोदी को भी पत्रकारों पर हो रहे हमलों के लिए चेताया है. अगर यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब संविधान का चौथा स्तंभ कहे जाने वाला पत्रकार जगत का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां सीएम योगी पत्रकारों की सुरक्षा मुहैया कराने के दावे कर रहे हैं लेकिन हकीकत सच्चाई हकीकत से कोसो दूर है। उत्तर प्रदेश में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमलो से न सिर्फ संविधान का चौथा स्तंभ खतरे में है बल्कि योगी सरकार के दावो की भी पोल भी खोल रही है। सहारनपुर की नगर कोतवाली इलाके के माधो नगर में पत्रकार और भाई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद से पत्रकारो में आक्रोश ही नही दहशत भी बनी हुई है। आलम यह है कि पत्रकारो अपराधियो के खिलाफ खबरे लिखने के बाद जानमाल की चिंता सताने लगी है। सहारनपुर में हुई पत्रकार की हत्या के मामले में पूरे प्रदेश में पत्रकारो ने सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर 50 - 50 लाख आर्थिक मदद और हत्यारो को फांसी की सजा देने की मांग की है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि रविवार की सुबह दिनदहाड़े दैनिक अखबार के पत्रकार आशीष और उसके भाई को घर मे घुस गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद पूरे जनपद के पत्रकारों में ही नही आम जनता में भी दहशत फैल गईं। हर कोई यही कहत नजर आया कि अब पत्रकार की सुरक्षित नही है तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी है। हालांकि दिन भर चले आक्रोश और विरोध प्रदर्शनों के बाद देर रात दोनों शवों का नम आंखों से अंतिम संस्कार किया कर दिया गया। सोमवार को सहारनपुर के तमाम पत्रकारों ने एक हॉल में शोक सभा आयोजित कर जहां पुलिस प्रशासन को हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की वहीं मृतक पत्रकार के परिवार को 50 लाख रुपये आर्थिक मदद की मांग की है। ईटीवी से बातचीत में वरिष्ठ पत्रकारों ने बातचीत में घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए बताया कि पत्रकार समाज का आइना है। समाज के उत्पीड़न की आवाज को पत्रकार विभिन्न अखबारों, न्यूज़ चैनलों के माध्यम से उठाता है। जहां समाज मे पत्रकार का अपना एक दर्जा होता है वहीं संविधान का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है। बावजूद इसके पुलिस और प्रशासन पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया नही करा पा रहा है कहीं ना कहीं यह पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार रियाज़ हाशमी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सहारनपुर पुलिस हमलावरों को अपराधी मानने को तैयार नही है। क्योंकि हमलावर शराब का अवैध कारोबार करते थे जिसकी खबर पत्रकार आशीष ने एक अखबार में प्रकासित की थी। इसके बाद भी पुलिस हत्यारो को शराब तस्कर होने पर पर्दा डालने में लगी है। वहीं वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र तनेजा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगातार पत्रकारों पर हमले हो रहे है। पत्रकारों की सुरक्षा नही कर पाना शासन प्रशासन की नाकामी साबित हो रही है। उन्होंने मांग की है कि इस घटना के आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेज दें वरना लोगो का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। एक अखबार के ब्यूरो चीफ जावेद साबरी का कहना है कि सहारनपुर में पत्रकार की हत्या के बाद सहारनपुर ही नही हिंदुस्तान का पत्रकार जगत दुखी है। पुलिस कार्यशैली पर सवाल लगाते हुए कहा कि अभी तक पुलिस मुख्य आरोपी महिपाल सैनी को भी गिरफ्तार नही कर पाई है। इतना ही नही पत्रकार समेत दोहरे हत्याकांड के बाद भी न तो चोंकी इंचार्ज पर कार्यवाई की गई है ना कोतवाली प्रभारी को निलंबित किया गया है। लगातार बढ़ती घटनाओं के बाद सहारनपुर का ही नही पूरे देश का पत्रकार दहशत में है। अपराधी परवर्ती के लोग पत्रकारों पर कभी भी हमला कर देते है कहीं भी पत्रकारों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। पत्रकार राजेश जैन ने बताया कि सहारनपुर में घटी घटना के बाद से पूरे हिंदुस्तान का मीडिया जगत जहां सदमे में है वहीं पुलिस की कार्यशैली से आक्रोशित भी है। आज पत्रकार आशीष की शोक सभा आयोजित कर श्रदांजलि दी। इसके बाद पत्रकारों के एक जुट होकर सरकार से पत्रकार आशीष के परिवार को 50 लाख रुपये आर्थिक मदद और उसकी पत्नी को सरकारी नोकरी देने की मांग की है। पत्रकारों के साथ हो रहे अत्याचार , समाचार लिखे जाने के बाद दंबग लोगो द्वारा धमकी दी जाना, मामूली बात पर दिन दहाड़े गोलियों से भून देना आम बात हो गई है। अगर पुलिस घटना होने से पहले ही खबर का संज्ञान ले तो किसी दबंग की इतनी हिम्मत नही कि पत्रकार की हत्या कर दे। लगातार पत्रकारों पर उत्तर प्रदेश में ही नही बल्कि आये दिन कहीं ना कही हिंदुस्तान में पत्रकारों की हत्या हो रही है। जिससे न सिर्फ पत्रकारों में दहशत का माहौल बनाता जा रहा है वहीं संविधान का चौथा स्तंभ भी खतरे में है।

बाईट - रियाज़ हाशमी ( वरिष्ठ पत्रकार )
बाईट - महेंद्र तनेजा ( वरिष्ठ पत्रकार )
बाईट - जावेद साबरी ( ब्यूरो चीफ दैनिक अखबार )
बाईट - राजेश जैन ( अध्यक्ष पत्रकार संगठन )




Conclusion:FVO - सहारनपुर में हुई पत्रकार आशीष की हत्या के बाद जहां प्रदेश भर में पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए हैं वही सहारनपुर के पत्रकारों ने शोक सभा कर श्रदांजलि दी है। शोक सभा के बाद स्थानीय पत्रकारों ने लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाई के साथ हत्यारो के खिलाफ फांसी की सजा की मांग की है। इतना ही नही पत्रकारों ने सीएम योगी और पीएम मोदी को भी पत्रकारों पर हो रहे हमलों के लिए चेताया है। अगर यही हाल रहा तो वो दिन दूर नही जब संविधान का चौथा स्तंभ कहे जाने वाला पत्रकार जगत का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।


रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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