सहारनपुर: देश में हर रोज बड़ी से संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. जिसके चलते केंद्र सरकार ने सशर्त लॉकडाउन-4 लागू कर दिया है, जहां लोगों को घरों में रहने के साथ लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की जा रही है.
वहीं डॉक्टर एंव स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की परवाह किये बगैर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को बचाने में लगे हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग आधे से कम डॉक्टरों एवं स्टाफ के सहारे उत्तर प्रदेश को कोरोना मुक्त बनाने की जुगत में लगे हैं.
सहारनपुर के जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि जिले में ही नहीं पूरे देश में डॉक्टरों की कमी चल रही है. स्वास्थ्य विभाग 50 फीसदी से कम डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के सहारे कोरोना को मात देने में लगे हैं.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया है. डॉक्टरों की टीम लगातार मरीजों का इलाज कर रही है. रेड जोन में शामिल हुए सहारनपुर में 203 मरीजों में से 184 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. जिला अस्पताल को डॉक्टरों एवं स्टाफ की कमी से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि सामान्य दिनों में 3-4 हजार मरीज ओपीडी में आते थे वहीं अब केवल 300- 400 ही आ रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को कोविड स्पेशल अस्पताल में लगाया गया है. इसके बावजूद जिला अस्पताल में सारी सेवाएं बदस्तूर जारी हैं. गंभीर मरीजों को उचित उपचार किया जा रहा है.
सीएमएस ने बताया कि गंभीर मरीजों को ऋषिकेश एम्स में रेफर किया जाता था. लेकिन उत्तराखण्ड सरकार ने बड़े अस्पतालों को कोविड स्पेशल अस्पताल बना दिया है, जिसके चलते उन अस्पतालों ने सामान्य मरीजों को लेने से इनकार किया जा रहा है. इस वजह से सहारनपुर जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज का लोड बढ़ता जा रहा है. अस्पताल पहले ही 50 प्रतिशत डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है और ज्यादातर डॉक्टरों को कोविड 19 अस्पताल में लगाया गया है.
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कोरोना काल में प्राइवेट अस्पताल बंद कर दिए गए थे, जिन्हें अनुमति देकर चलवाया गया है. लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज को भर्ती करने से पहले कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है, जिससे मरीजों का सारा लोड सरकारी अस्पताल पर आ गया है. जिला अस्पताल में डॉक्टर बहुत कम हैं.
-डॉ एसके वार्ष्णेय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक