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सहारनपुर: सब्जियों के बढ़े रेट ने बिगाड़ा रसोई का बजट, गृहणियां परेशान

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Published : Sep 27, 2019, 4:37 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

यूपी के सहारनपुर में सब्जियों के बढ़ते दामों ने लोगों की जेब और रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. सब्जियों के दाम बढ़ने के साथ आम जन का बजट भी बढ़कर दो से तीन गुणा हो गया है.

सब्जियों के बढ़े दाम से लोग परेशान.

सहारनपुर: एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार महंगाई पर कंट्रोल रखने के दावे कर रही है. वहीं सब्जियों के बढ़ते दामों ने न सिर्फ सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं, बल्कि लोगों की जेब और रसोई का बजट भी बिगाड़ दिया है. इस तरह महंगा हुआ प्याज लोगों को रुलाने लगा है.

सब्जियों के बढ़े दाम से लोग परेशान.


जिले में प्याज 50 रुपये प्रति किलो से लेकर 100 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है. हरी धनिया 200 रु. प्रतिकिलो और फूल गोभी 80 रुपये से 120 रुपये किलो और लहसुन 200 रुपये किलो बिक रही है. इतना ही नहीं लौकी, तोरी, कद्दू, पालक, भिंडी आदि सब्जियों के भाव भी पिछले 10 दिनों में दो से तीन गुना बढ़े हैं. इससे आम जनता की रसोई बजट के साथ खाने का स्वाद भी बिगड़ गया है.


आसमान छूने लगे सब्जियों के दाम-
बरसात के बाद त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है. त्योहारी सीजन में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. प्याज, लहसुन और टमाटर इतना महंगा हो गया है कि लोगों की थाली का स्वाद बिगड़ने लगा है. इन दिनों प्याज में महंगाई की आग लगी हुई है. प्याज महंगा होने से गृहणियों की रसोई का बजट बिगड़ गया है. सब्जियों के दाम बढ़ने के साथ आम जन का बजट भी बढ़कर दो से तीन गुणा हो गया है.

पढ़ें:- हमीरपुर: आवक कम होने से हरी सब्जियों के दाम आसमान पर, आम-आदमी परेशान

ईटीवी भारत ने दुकानदारों और ग्राहकों से बात की तो लोगों ने बढ़ती महंगाई से बजट बिगड़ने की बात कही. लोगों ने महंगाई की वजह से रसोई का बजट बढ़ कर दोगुना होने की बात कही. मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए इन दिनों सब्जियां खरीदना सोना खरीदने के बराबर है.


सब्जियों के बढ़े दाम-

सब्जियां दाम
आलू 10 रु. से बढ़कर 15 रु. किलो
लौकी 10 रु. से बढ़कर 25-30 रु. किलो
कद्दू 10 रु. से बढ़कर 20-30 रु. किलो
तोरई 20 रु. से बढ़कर 30-40 रु. किलो
भिंडी 15 रु. से बढ़कर 30 रु किलो
शिमला मिर्च 40 रु से बढ़कर 60 रु. किलो
हरी मिर्च 40 रु से बढ़कर 80 रु. किलो
खीरा 10 रु से बढ़कर 30 रु. किलो
फूल गोभी 50 रु से बढ़कर 80-100 रु. किलो
फ्रास्बीन 20 रु से बढ़कर 40-50 रु. किलो
करेला 30 रु से बढ़कर 60-80 रु. किलो
परवल 30 रु से बढ़कर 80 रु. किलो
पालक 25 रु से बढ़कर 50 रु. किलो
बिस्स 20 रु से बढ़कर 60 रु. किलो
बैगन 15 रु से बढ़कर 40 रु. किलो
गाजर 20 रु से बढ़कर 60-80 रु. किलो


सब्जी विक्रेता रामलाल के मुताबिक इन दिनों नासिक से प्याज नहीं आ पा रहा है. इसके चलते प्याज महंगा होता जा रहा है. प्याज महंगा आता है तो वे भी आगे महंगा बेचने को मजबूर हैं. लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है.

सहारनपुर: एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार महंगाई पर कंट्रोल रखने के दावे कर रही है. वहीं सब्जियों के बढ़ते दामों ने न सिर्फ सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं, बल्कि लोगों की जेब और रसोई का बजट भी बिगाड़ दिया है. इस तरह महंगा हुआ प्याज लोगों को रुलाने लगा है.

सब्जियों के बढ़े दाम से लोग परेशान.


जिले में प्याज 50 रुपये प्रति किलो से लेकर 100 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है. हरी धनिया 200 रु. प्रतिकिलो और फूल गोभी 80 रुपये से 120 रुपये किलो और लहसुन 200 रुपये किलो बिक रही है. इतना ही नहीं लौकी, तोरी, कद्दू, पालक, भिंडी आदि सब्जियों के भाव भी पिछले 10 दिनों में दो से तीन गुना बढ़े हैं. इससे आम जनता की रसोई बजट के साथ खाने का स्वाद भी बिगड़ गया है.


आसमान छूने लगे सब्जियों के दाम-
बरसात के बाद त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है. त्योहारी सीजन में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. प्याज, लहसुन और टमाटर इतना महंगा हो गया है कि लोगों की थाली का स्वाद बिगड़ने लगा है. इन दिनों प्याज में महंगाई की आग लगी हुई है. प्याज महंगा होने से गृहणियों की रसोई का बजट बिगड़ गया है. सब्जियों के दाम बढ़ने के साथ आम जन का बजट भी बढ़कर दो से तीन गुणा हो गया है.

पढ़ें:- हमीरपुर: आवक कम होने से हरी सब्जियों के दाम आसमान पर, आम-आदमी परेशान

ईटीवी भारत ने दुकानदारों और ग्राहकों से बात की तो लोगों ने बढ़ती महंगाई से बजट बिगड़ने की बात कही. लोगों ने महंगाई की वजह से रसोई का बजट बढ़ कर दोगुना होने की बात कही. मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए इन दिनों सब्जियां खरीदना सोना खरीदने के बराबर है.


सब्जियों के बढ़े दाम-

सब्जियां दाम
आलू 10 रु. से बढ़कर 15 रु. किलो
लौकी 10 रु. से बढ़कर 25-30 रु. किलो
कद्दू 10 रु. से बढ़कर 20-30 रु. किलो
तोरई 20 रु. से बढ़कर 30-40 रु. किलो
भिंडी 15 रु. से बढ़कर 30 रु किलो
शिमला मिर्च 40 रु से बढ़कर 60 रु. किलो
हरी मिर्च 40 रु से बढ़कर 80 रु. किलो
खीरा 10 रु से बढ़कर 30 रु. किलो
फूल गोभी 50 रु से बढ़कर 80-100 रु. किलो
फ्रास्बीन 20 रु से बढ़कर 40-50 रु. किलो
करेला 30 रु से बढ़कर 60-80 रु. किलो
परवल 30 रु से बढ़कर 80 रु. किलो
पालक 25 रु से बढ़कर 50 रु. किलो
बिस्स 20 रु से बढ़कर 60 रु. किलो
बैगन 15 रु से बढ़कर 40 रु. किलो
गाजर 20 रु से बढ़कर 60-80 रु. किलो


सब्जी विक्रेता रामलाल के मुताबिक इन दिनों नासिक से प्याज नहीं आ पा रहा है. इसके चलते प्याज महंगा होता जा रहा है. प्याज महंगा आता है तो वे भी आगे महंगा बेचने को मजबूर हैं. लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां केंद्र की मोदी सरकार महंगाई पर कंट्रोल रखने के दावे कर रही है वहीं सब्जियों के बढ़ते दाम न सिर्फ सरकार के दावो की पोल खोल रहे हैं बल्कि लोगो की जेब और रसोई का बजट भी बिगाड़ दिया है। जिस तरह महंगा प्याज लोगो को रुलाने लगा है उसी तरह टमाटर भी 60 का भाव लेकर लाल हुए जा रहा है। सहारनपुर की बात करे तो यहां की मंडी में प्याज 50 रुपये किलो से लेकर 100 रुपये किलो तक बिक रहा है। जबकि हरा धनिया 200 रु. प्रतिकिलो और फूल गोभी 80 रु. से 120 रुपये किलो और लहसुन 200 रुपये किलो बेची जा रही है। इतना ही नही लोकी, तोरई, कद्दू, पालक, भिंडी आदि सब्जियों के भाव भी पिछले 10 दिनों में दो से तीन गुना बढ़ चुके है। जिससे आम जनता की रसोई बजट के साथ खाने का स्वाद भी बिगाड़ दिया है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि बरसात के बाद त्यौहारी सीजन शुरू हो चुका है और त्यौहारी सीजन में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे है। सब्जियों में मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला प्याज, लहसुन और टमाटर इतना महंगा हो गया है कि लोगो की थाली का स्वाद बिगड़ने लगा है। इन दिनों प्याज में महंगाई की आग लगी हुई है वहीं इस आग से टमाटर भी लाल होता जा रहा है। जिससे लोगो की थाली से सलाद के साथ दाल सब्जी फ्राई करना भी मुश्किल हो गया है। आलम यह है कि प्याज महंगा होने से गृहणियों उनकी रसोई का बजट बिगड़ गया है। सब्जियों के दाम बढ़ने के साथ आम जन का बजट भी भी बढ़ कर दो से तीन गुणा हो गया है। ईटीवी की टीम से सहारनपुर की सब्जी मंडी का जायजा लिया और दुकानदारों एवं ग्राहकों से बात की तो लोगो ने सब्जियों पर बढ़ती महंगाई पर भड़ास निकाली। जहां आम आदमी ने प्याज , टमाटर के साथ लहसुन हरे धनिये के बिना बेस्वाद खाना खाने को बात कही तो वही गृहणियों ने भी बढ़ती महंगाई से बजट बिगड़ने की बात कही। ग्रहणी ने बताया कि जिस तरह से प्याज और टमाटर म्हगैया हुआ है उससे उनकी रसोई का बजट बढ़ कर दोगुना हो गया है। प्याज और टमाटर सब्जियों को स्वादिष्ट बनाते है लेकिन महंगाई के चलते इन्हें खरीदना आमजन की पहुंच से दूर है। अन्य सब्जियों की बात करें तो इनके दाम भी बढ़कर कर कई गुणा हो चुके है। माध्यम वर्गीय परिवारों के लिए इन दिनों सब्जियां खरीदना सोना खरीदने के बराबर है। प्याज 60 से 80 रु. प्रति किलो के भाव लेकर आग लगाए हुए है और इसी आग में जल रहा टमाटर कुछ ज्यादा ही लाल हुए जा रहा है। वही हरा भरा रहने वाला हरा धनिया 200 रु. किलो बिक रहा है।

सब्जियों के बढ़े दाम

आलू - 10 रु से बढ़कर 15 रु. किलो
लोकी - 10 रु. से बढ़कर 25-30 रु. किलो
कद्दू - 10 रु. से बढ़कर 20-30 रु. किलो
तोरई - 20 रु. से बढ़कर 30-40 रु. किलो
भिंडी - 15 रु. से बढ़कर 30 रु किलो
शिमला मिर्च - 40 रु से बढ़कर 60 रु. किलो
हरी मिर्च - 40 रु से बढ़कर 80 रु. किलो
खीरा - 10 रु से बढ़कर 30 रु. किलो
फूल गोभी - 50 रु से बढ़कर 80-100 रु. किलो
फ्रास्बीन - 20 रु से बढ़कर 40-50 रु. किलो
करेला - 30 रु से बढ़कर 60-80 रु. किलो
परवल - 30 रु से बढ़कर 80 रु. किलो
पालक - 25 रु से बढ़कर 50 रु. किलो
बिस्स - 20 रु से बढ़कर 60 रु. किलो
बैगन - 15 रु से बढ़कर 40 रु. किलो
गाजर - 20 रु से बढ़कर 60-80 रु. किलो


बाईट - रामशरण
बाईट - रामलाल ( सब्जी विक्रेता )
बाईट - सुष्मिता
बाईट - राजेन्द्र सिंह


Conclusion:FVO - सब्जी विक्रेता रामलाल के मुताबिक इन दिनों नासिक से प्याज नही आ पा रहा है। जिसके चलते प्याज महंगा होता जा रहा है। पीछे से प्याज महंगा आता है तो वे भी आगे महंगा बेचने को मजबूर है। लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। प्याज खून के आंसू रुलाने को तैयार है। जिससे आम जन की थाली से स्वाद और सलाद गायब हो गया है।


रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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