सहारनपुर : 2013 में पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर हुआ था, जिसका रिजल्ट जारी होने के बाद भी अभी तक युवकों को नौकरी नहीं मिली है. छ: साल से रिजल्ट का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों ने अब डीएम कार्यलय में ज्ञापन देकर इच्छा मृत्यु की मांग की है.
सपा सरकार में हुई थी पुलिस भर्ती परीक्षा, योगी सरकार में भी नहीं जारी हुआ रिजल्ट
- 2013 में अखिलेश यादव की सरकार में पुलिस भर्ती का परीक्षा हुई थी.
- इस परीक्षा में लाखों युवाओं ने न सिर्फ लिखित परीक्षा दी थी, बल्कि शारीरिक और मेडिकल परीक्षा भी पास कर ली थी.
- पुलिस में भर्ती होने के लिए आए अभ्यर्थियों का यह सपना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और पुलिस भर्ती पर रोक लग गई.
- अभ्यर्थियों ने अपने हक के लिए उठाई आवाज
- छ: साल बाद अभ्यर्थियों ने अपने हक के लिए आवाज उठाई है.
- मंगलवार को कई दर्जन युवक सहारनपुर जिला मुख्यालय पहुंचे.
- जिला मुख्यालय में युवक हाथों में बैनर लेकर जहां अपने हक की मांग की. वहीं नौकरी नहीं देने पर इच्छा मृत्यु की मांग भी की है.
2013 भर्ती के कैंडिडेट अमित कुमार का कहना है कि:
- मेडिकल फिजिकल सभी परीक्षाएं पास कर ली थी.
- परिणाम आने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही.
- पिछले चार-पांच साल से शासन-प्रशासन उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं है.
- इच्छा मृत्यु के पत्र को लेकर डीएम कार्यालय पहुंचे हैं या तो हमें नियुक्ति दी जाए या हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए.
अंकित कुमार का कहना है कि:
- 2013 में यह भर्ती सपा सरकार में शुरू हुई थी, जिसका फाइनल रिजल्ट सन 2015 में आया था.
- इसमें 41610 वैकेंसी थी. इनमें से 38315 वैकेंसी ली गई थी.
- इसके बाद 2312 पद इस वैकेंसी में खाली थे.
- इन रिक्त पदों की भर्ती के लिए सभी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट से ऑर्डर भी करा लिए हैं.
- 5 साल से यह भर्ती प्रकरण चल रहा है.
- इसमें हमें अभी तक जॉइनिंग नहीं मिली है और सभी अभ्यर्थी अपनी परेशानी को लेकर इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे है.
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने 2013 में पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा के साथ मेडिकल और शारीरिक परीक्षा दी थी, लेकिन आज तक उनका परीक्षा परिणाम के बाद भी उन्हें न तो पुलिस की वर्दी मिली और न ही नौकरी.