सहारनपुर: एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमृत योजना चलाकर घर-घर पीने का स्वच्छ पानी पहुंचाने के दावे कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सहारनपुर की 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या केवल 118 नलकूपों के सहारे जीवन गुजार रही है. नगर निगम की लेट-लतीफी के चलते अभी तक 32 गांव में पीने का पानी नही पहुंचा है. बावजूद इसके विभागीय अधिकारी नलकूप लगाने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं.
अधर में लटकी अमृत योजना:
- वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत योजना के तहत हर घर मे पीने स्वच्छ पानी पहुंचाने का संकल्प लिया था.
- इस योजना के मुताबिक नलकूप लगाकर पाइप लाइन के जरिये हर परिवार को मुफ्त पानी देने का आह्वान किया गया था.
- इसके लिए बाकायदा जल निगम को जिम्मेदारी देकर योजना को सफल बनाने के निर्देश दिए थे.
- बावजूद इसके विभाग की लापरवाही और लेट-लतीफी से न सिर्फ अमृत योजना अधर में लटकी पड़ी है, बल्कि स्मार्ट सिटी के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है.
- आलम यह है कि 10 लाख लोग महज 118 नलकुपों के सहारे जीवन काट रहे हैं.
- स्मार्ट सिटी शहरों की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद शहर में न तो नए नलकूप लगे हैं और ना ही पानी की टंकी बनवाई गई.
- इसके साथ ही नगर निगम में जोड़े गए 32 गांव में अमृत योजना नहीं पहुंची है.
जल निगम दो चरणों मे 7 पानी की टंकी और 12 नलकूप लगवाने जा रहा है. सहारनपुर में अमृत योजना के लिए करीब 57 करोड़ रुपये प्रस्तावित हो चुके हैं. नए शहर और 32 गांवो में अमृत योजना पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है. हालांकि पुराने शहर को छोड़कर नलकूप लगाए जा रहे हैं.
- संजीव गर्ग, अधिसाशी अभियंता, जल निगम