सहारनपुर: कोरोना वायरस महामारी का कहर लगातार जारी है. कोरोना के खौफ से सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. कोरोना के डर से अभिभावकों से फीस वसूली के लिए मॉन्टेसरी स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस लगानी शुरू कर दी है. वहीं अब आधुनिक मदरसों ने भी मॉन्टेसरी स्कूलों की तर्ज पर ऑनलाइन पढ़ाई कराना शुरू कर दिया है.
फतवों की नगरी दारुल उलूम से लेकर सभी छोटे-बड़े मदरसे व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं. अरबी, उर्दू की पढ़ाई अब ऑनलाइन कराई जा रही है. उधर आधुनिक मदरसों ने भी हिंदी, इंग्लिश, गणित, समेत सभी विषयों की क्लास व्हाट्सएप ग्रुप पर लेने के निर्देश दिए गए हैं. खास बात यह है कि गरीब असहाय एवं दिहाड़ी मजदूर अभिभावकों को न सिर्फ स्मार्ट फोन खरीदने में दिक्कत आ रही है, बल्कि कम पढ़े-लिखे होने की वजह से व्हाट्सप ग्रुप पर आए होम वर्क को कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण करीब चार महीने से सभी स्कूल, कॉलेज और मदरसे बंद चल रहे हैं. आये दिन कोरोना संक्रमित मरीजों को संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके चलते शासन ने सभी स्कूल, कॉलेजों के साथ मदरसों को ऑनलाइन क्लासेस लेने के निर्देश दिए हैं. मदरसा छात्र भी अब मॉन्टेसरी स्कूलों की तरह व्हाट्सएप ग्रुप पर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे.
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भारत लाल गोंड ने बताया कि सहारनपुर जिले में कुल 754 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. मार्च महीने में जब कोरोना वायरस शुरू हुआ तो शासन के निर्देश पर सभी मदरसों को बंद करा दिया गया. सभी मदरसे मई तक बंद चल रहे थे. उसके बाद खुलने पर मदरसों में भी ऑनलाइन क्लासेस प्रक्रिया शुरू की गई है. जिले में एक मदरसा एडेड है, जबकि 242 आधुनिकरण के तहत निहित किये गए मदरसे हैं. इन मदरसों में आधुनिक विषय पढ़ाए जाते हैं. शासन और अल्पसंख्यक विभाग का प्रयास है कि जब तक मदरसे नहीं खुलेंगे, तब तक छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी.
शासन के आदेश पर सभी मदरसे ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने बताया कि जो मदरसे अरबी भाषा से संबंधित हैं, यानी अरबी एवं उर्दू माध्यम के हैं उन मदरसों में अरबी उर्दू की पढ़ाई कराई जा रही है. इनके अलावा जो आधुनिक मदरसे हैं, वहां गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी समेत सभी विषयों के अध्यापक ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं. मॉन्टेसरी स्कूलों की तरह व्हाट्सप्प ग्रुप के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया गया है. हालांकि गरीब एवं दिहाड़ी मजदूरों के सामने स्मार्ट फोन खरीदने और चलाने में परेशानी हो रही है. इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने नजदीकी रिश्तेदारों, पड़ोसियों के मोबाइल पर पढ़ाई करने के निर्देश दिए हैं.