सहारनपुर: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम शनिवार को घोषित हो गए. इस दौरान एक तरफ जहां बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी 17 नगर निगमों पर जीत हासिल की. वहीं, दूसरी तरफ कई अजीबो गरीब परिणाम भी सामने आए. नगरीय निकाय चुनाव में जहां कई राजघरानों के प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा. वहीं, कई मौजूदा मंत्री भी अपनी साख नहीं बचा पाए. इसमें से एक नाम योगी सरकार में राज्यमंत्री और मेरठ के हस्तिनापुर से विधायक दिनेश खटीक का है. इनकी बहन वर्षा मोगा एक निर्दलीय प्रत्याशी से हार गईं. वह नगर पालिका अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रही थीं.
सहारनपुर के नगर पंचायत सरसावा में राज्यमंत्री दिनेश खटीक की बहन वर्षा मोगा की हार को लेकर चर्चा का बाजार इसलिए भी गरम है, क्योंकि बीजेपी से टिकट मिलने के बाद भी वर्षा मोगा इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहीं. उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी कोमल पंवार ने करीब 2672 वोटों से हरा दिया. बीजेपी की वर्षा मोगा को 3408 वोट मिले, जबकि निर्दलीय कोमल पंवार के खाते में 6414 वोट पड़े. वहीं, बसपा प्रत्याशी शंकुतला देवी 3737 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहीं.
दरअसल, योगी आदित्यनाथ सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के बहनोई बिजेंद्र मोगा सरसावा नगर पालिका में अध्यक्ष रह चुके हैं. लेकिन, इस बार सरसावा नगर पालिका अध्यक्ष की सीट को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था. इसके बाद पार्टी नेताओं से साठगांठ कर दिनेश खटीक ने अपनी बहन वर्षा मोगा को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा था. परिवार के सदस्य को टिकट देना स्थानीय भाजपाइयों को भी नागवार गुजरा. उन्होंने विरोध किया तो अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया गया. इन्हीं में से एक नेता ने अपनी पत्नी कोमल पंवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में वर्षा मोंगा के खिलाफ खड़ा कर दिया. उधर, दिनेश खटीक ने अपनी बहन को जिताने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं से लेकर कई बड़े नेताओं को साथ लेकर प्रचार भी किया. लेकिन, चुनाव जिताने में नाकाम रहे.
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