सहारनपुर: जिले में भीषण गर्मी के चलते बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग भी परेशान हैं. गर्मी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए डॉक्टर सावधानी बरतने के साथ गर्मी में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने और धूप में मुंह और सिर पर कपड़ा बांध कर बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए आरसीएच प्रभारी डॉ. एनसी कर्त्वान ने गर्मी में चलने वाली लू के बारे में पूरी जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने इसके लक्षण, उपाय और उपचार के बारे में बताया.
हीट स्ट्रोक के लक्षण
⦁ त्वचा का गर्म, लाल और शुष्क होना, पसीना न आना और तेज पल्स होना.
⦁ सिरदर्द, मितली, थकान, कमजोरी और चक्कर आना.
⦁ मूत्र में कमी होना.
क्या करें/क्या न करें
⦁ अधिक से अधिक पानी पीयें.
⦁ पसीना सोखने वाले पतले व हल्के रंग के वस्त्र ही पहने.
⦁ तेज धूप में निकलने से बचे, अगर धूप में निकलना जरूरी है, तो निकलते वक्त छाता लगा लें, टोपी पहन लें और ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर अधिक से अधिक ढका रहे.
⦁ यदि खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ-पैर को गीले कपडे से ढके रहें.
⦁ यात्रा करते समय अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पीने का स्वच्छ पानी रखें.
⦁ घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नीबू-पानी, छाछ, ORS आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके.
⦁ यदि मूर्छा या बीमारी का अनुभव करते हैं, तो तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें.
⦁ अपने घरों को ठंडा रखें, दरवाजे और खिडकियों पर पर्दे लगवाना उचित होता है.
⦁ श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय मे करने का प्रयास करें.
⦁ कार्यस्थल पर पीने के ठंडे पानी की व्यवस्था करें.
⦁ बासी भोजन अथवा खुले में बिकने वाले पेय पदार्थों के प्रयोग से बचें.
हीट-स्ट्रोक का फर्स्ट एड
⦁ शरीर के उच्च तापमान को नियंत्रित करने का प्रयास करें.
⦁ मरीज को ठण्डी जगह पर रखें.
⦁ मरीज को ठण्डी हवा दें और उसके शरीर को स्पंज अथवा गीले कपडे से पोछें.
⦁ मरीज को ठण्डे पानी के टब में रखें.
⦁ उसके ऊपर तब तक बर्फ की पट्टी रखें जब तक उसके शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट तक न हो जाए.