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सहारनपुर: सहगल परिवार हत्याकांड मामले में 4 को उम्रकैद

यूपी के सहारनपुर में 2011 में हुए सहगल परिवार हत्याकांड मामले में सहारनपुर अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने 4 बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 3 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

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सहगल परिवार हत्याकांड में 4 को उम्रकैद.
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Published : Dec 24, 2019, 3:53 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: 2011 में सहगल परिवार हत्याकांड मामले में सहारनपुर अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने 4 बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 3 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामले में 2 हत्यारे अभी भी फरार चल रहे हैं.

8 साल बाद भी पुलिस इनको पकड़ नहीं पाई है. अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत से आए इस फैसले की स्थानीय लोग सराहना कर रहे हैं. वहीं फरार बदमाशों को लेकर पुलिस कार्यशैली पर भी सवाल उठने लाजमी हैं.

सहगल परिवार हत्याकांड में 4 को उम्रकैद.

26 मई 2011
26 मई 2011 की रात 6 बदमाशों ने सर्राफ अनुज सहगल के घर में घुसकर न सिर्फ डकैती की घटना को अंजाम दिया था, बल्कि विरोध करने पर अनुज सहगल, उसके पिता, पत्नी और दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी थी. चौकाने वाली बात ये थी कि यह हत्याकांड शहर के थाना जनकपुरी इलाके की पॉश कॉलोनी में हुआ था, जिसके बाद तत्कालीन राज्य की बसपा सरकार में सहारनपुर से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया था.

घटना के बाद पूरे परिवार में कोहराम
इसके चलते तत्कालीन डीजीपी बृजलाल मीणा ने स्वयं घटना स्थल पहुंच कर पूरे घटनाक्रम का जायजा लेकर हत्यारों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे. पुलिस ने गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार कर चार्जशीट अदालत में पेश की थी, जबकि 2 हत्यारों को पुलिस पकड़ नहीं पाई थी. एक साथ पूरे परिवार की हत्या के बाद पूरा जनपद सिहर उठा था.

8 साल बाद आया फैसला
शासकीय अधिवक्ता धर्मवीर सिंह पुंडीर ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि अदालत में चार्जशीट आने के बाद 8 साल तक अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार भारती की अदालत में सुनवाई चली. लंबी बहस और सुनवाई के बाद अदालत ने 23 दिसम्बर को अपना फैसला सुनाया है.

2 हत्यारे अभी भी फरार
अदालत ने फाती उर्फ फतेह, रियाज उर्फ शेरा, इरशाद और मेहरबान को आजीवन कारावास के साथ 3 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अधिवक्ता ने बताया कि घटना को अंजाम देने में 6 लोग शामिल थे, जिनमें से 4 लोगों को सजा सुनाई गई है, जबकि जो 2 हत्यारे भागे हुए हैं. उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज हैं, जिन्हें पुलिस जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा करती आ रही है.

सहारनपुर: 2011 में सहगल परिवार हत्याकांड मामले में सहारनपुर अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने 4 बदमाशों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 3 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामले में 2 हत्यारे अभी भी फरार चल रहे हैं.

8 साल बाद भी पुलिस इनको पकड़ नहीं पाई है. अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत से आए इस फैसले की स्थानीय लोग सराहना कर रहे हैं. वहीं फरार बदमाशों को लेकर पुलिस कार्यशैली पर भी सवाल उठने लाजमी हैं.

सहगल परिवार हत्याकांड में 4 को उम्रकैद.

26 मई 2011
26 मई 2011 की रात 6 बदमाशों ने सर्राफ अनुज सहगल के घर में घुसकर न सिर्फ डकैती की घटना को अंजाम दिया था, बल्कि विरोध करने पर अनुज सहगल, उसके पिता, पत्नी और दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी थी. चौकाने वाली बात ये थी कि यह हत्याकांड शहर के थाना जनकपुरी इलाके की पॉश कॉलोनी में हुआ था, जिसके बाद तत्कालीन राज्य की बसपा सरकार में सहारनपुर से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया था.

घटना के बाद पूरे परिवार में कोहराम
इसके चलते तत्कालीन डीजीपी बृजलाल मीणा ने स्वयं घटना स्थल पहुंच कर पूरे घटनाक्रम का जायजा लेकर हत्यारों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे. पुलिस ने गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार कर चार्जशीट अदालत में पेश की थी, जबकि 2 हत्यारों को पुलिस पकड़ नहीं पाई थी. एक साथ पूरे परिवार की हत्या के बाद पूरा जनपद सिहर उठा था.

8 साल बाद आया फैसला
शासकीय अधिवक्ता धर्मवीर सिंह पुंडीर ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि अदालत में चार्जशीट आने के बाद 8 साल तक अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार भारती की अदालत में सुनवाई चली. लंबी बहस और सुनवाई के बाद अदालत ने 23 दिसम्बर को अपना फैसला सुनाया है.

2 हत्यारे अभी भी फरार
अदालत ने फाती उर्फ फतेह, रियाज उर्फ शेरा, इरशाद और मेहरबान को आजीवन कारावास के साथ 3 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अधिवक्ता ने बताया कि घटना को अंजाम देने में 6 लोग शामिल थे, जिनमें से 4 लोगों को सजा सुनाई गई है, जबकि जो 2 हत्यारे भागे हुए हैं. उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज हैं, जिन्हें पुलिस जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा करती आ रही है.

Intro:सहारनपुर : 2011 में सहगल परिवार हत्याकांड मामले में सहारनपुर अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने छै मार गिरोह के 4 बदमाशो को न सिर्फ आजीवन कारावास को सजा सुनाई है बल्कि 3 लाख 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जबकि 2 हत्यारे अभी भी फरार चल रहे है जिन्हें 8 साल बाद भी पुलिस पकड़ नही पाई है। अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत से आये इस फैसले की स्थानीय लोग सराहना कर रहे है। वहीं फरार बदमाशो को लेकर पुलिस कार्यशैली पर भी सवाल उठने लाज़मी है।


Body:VO 1 - आपको बता दे कि 26 मई 2011 को रात में 6 बदमाशों ने सरार्फ अनुज सहगल के घर मे घुसकर न सिर्फ डकैती की घटना को अंजाम दिया था बल्कि विरोध करने पर अनुज सहगल, उसके पिता, पत्नी और दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी थी। चौकाने वाली बात तो ये थी कि यह हत्याकांड शहर के थाना जनकपुरी इलाके की पॉश कालोनी में हुआ था। जिसके बाद तत्कालीन राज्य की बसपा सरकार में सहारनपुर से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया था। जिसके चलते तत्कालीन डीजीपी बृजलाल मीणा ने स्वंम घटना स्थल पहुंच कर पूरे घटनाक्रम का जायजा लेकर हत्यारो की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। पुलिस ने छै मार गिरोह के चार बदमाशो को गिरफ्तार कर चार्जशीट अदालत में पेश की थी। जबकि 2 हत्यारो को पुलिस पकड़ नही पाई थी। एक साथ पूरे परिवार की हत्या के बाद पूरा जनपद शीहर उठा था।

शासकीय अधिवक्ता धर्मवीर सिंह पुंडीर ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि अदालत में चार्जशीट आने के बाद 8 साल तक अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार भारती की अदालत में सुनवाई चली। लंबी बहस और सुनवाई के बाद अदालत ने 23 दिसम्बर को अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने फ़ाती उर्फ फतेह, रियाज उर्फ शेरा, इरशाद और मेहरबान को आजीवन कारावास के साथ 3 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अधिवक्ता ने बताया कि घटना को अंजाम देने में 6 लोग शामिल थे जिनमें से 4 लोगो को सजा सुनाई गई है जबकि जो 2 हत्यारे भागे हुए है उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज है। जिन्हें पुलिस जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा करती आ रही है।

बाईट - एडवोकेट धर्मवीर सिंह पुंडीर ( शासकीय अधिवक्ता )



Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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