सहारनपुर: जिले के चिलकाना क्षेत्र में विद्युत लाइन का सर्वे करने गए जेई यमुना नदी में डूब गए. जेई के नदी में बहने से टीम के हाथ पांव फूल गए. आनन- फानन में मौके पर पहुंचे स्थानीय गोताखोरों ने नदी में जेई की तलाश शुरू की. लेकिन घंटों के बाद भी कोई सुराग नहीं लगा है. सूचना मिलते ही सीओ सदर चिलकाना पुलिस और रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंचे हैं.
सहारनपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों में विद्युत आपूर्ति बाधित होने से दर्जनों गांवों में दो सप्ताह से अंधेरा है. अतिवृष्टि से यमुना नदी न सिर्फ खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई बल्कि आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. जैसे ही ग्रामीण इलाकों का पानी कम हुआ तो विधुत विभाग की टीम ने विद्यु आपूर्ति दुरुस्त करना शुरू कर दिया. बुधवार को उपखंड चिलकाना में तैनात अवर अभियंता(JE) प्रमोद कुमार अपनी टीम के साथ विद्युत आपूर्ति दुरुस्त करने निकल पड़े.
अवर अभियंता प्रमोद कुमार यमुना नदी पार बसे गांव सौंदेबांस और कांसेपुर में विद्युत आपूर्ति लाइन को करने पहुंचे थे. जहां यमुना नदी किनारे प्रमोद कुमार अपनी टीम के साथ विद्युत लाइन को ठीक करा रहे थे. दौरान एक खंभा पानी में गिर गया था, जिसको जेई प्रमोद कुमार उठाने लगे. हालांकि, उनके साथ मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. लेकिन वह नहीं रुके और कहा कि उनको तैरना आता है. बताया जा रहा है कि जैसे ही जेई यमुना में उतरे तो उनका पैर फिसल गया और पानी में जा गिरे. जब तक टीम के लोग कुछ समझ पाते तेज बहाव के साथ यमुना का पानी अवर अभियंता को बहा ले गया.
घटना की सूचना मिलते ही विभाग में अफरा-तफरी मच गई. बचाव दल मौके पर पहुंचा और गोताखोरों की मदद से यमुना नदी क्षेत्र में लगातार जेई प्रमोद कुमार की तलाश की जा रही है. वहीं, घटना की सूचना मिलते ही मौके पर जिलाधिकारी सहारनपुर डॉ. दिनेश चंद्र व कैराना सांसद प्रदीप चौधरी भी पहुंचे गए हैं. जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने बताया कि विद्युत विभाग के जेई प्रमोद कुमार के यमुना नदी में डूबने की एक बड़ी दुखद घटना हुई है. उनकी तलाश के लिए यहां पर बचाव टीम लगी हुई है.
वहीं, कैराना सांसद प्रदीप चौधरी ने कहा कि यमुना नदी में विद्युत विभाग के जेई के डूबने की खबर मिली है. अवर अभियंत यहां पर वह विद्युत लाइन ठीक करने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान यह हादसा हुआ है. उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि अभी कोई भी यमुना के करीब न जाए, नदी में पानी का बहाव तेज है.
यह भी पढ़ें: Watch Video: जब बाढ़ के पानी में झोपड़ी के साथ बहने लगे 3 युवक, ऐसे किया गया रेस्क्यू
यह भी पढ़ें: आगरा में 45 साल बाद यमुना नदी ने छुई ताजमहल की दीवार, दशहरा घाट डूबा