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CAA PROTEST: सहारनपुर पहुंचे जामिया के छात्र, प्रदर्शन जारी रखने की अपील की

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर प्रदर्शन हो रहा है. रविवार को महिलाएं और जामिया विश्वविद्यालय के छात्र भी प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि लोगों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई एक बड़ा सवाल है.

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सहारनपुर पहुंचे जामिया के छात्र.
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Published : Jan 20, 2020, 2:50 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: नागरिकता संशोधन कानून का विरोध थमा भी नहीं कि अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और NRC का विरोध शुरू हो गया है. जहां देवबंद में इसका विरोध हो रहा है, वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र नेताओं ने भी देवबंद में डेरा डाल लिया है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के छात्र नेता फवाद खान और साइमा एस. समेत कई छात्रों ने देवबंद पहुंच कर न सिर्फ जमीयत के प्रदर्शन का समर्थन किया, बल्कि देवबंद के लोगों से खुलकर NPR और NRC का विरोध करने की अपील की. इस दौरान स्थानीय महिलाएं जुलूस के रूप में प्रर्दशन स्थल पहुंचीं. उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

सहारनपुर पहुंचे जामिया के छात्र.

सीएए और एनआरसी के विरोध में उतरीं महिलाएं
देवबंद के ईदगाह मैदान में इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के बैनर तले नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान महिलाएं भी शामिल हुईं. महिलाओं का एक बड़ा समूह नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में ईदगाह मैदान में पहुंचा.

जामिया के छात्र भी हुए शामिल
खास बात ये रही कि जामिया विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी इस आंदोलन में अपनी हाजिरी लगाई. छात्र नेताओं ने एनपीआर और एनआरसी का विरोध करते हुए न सिर्फ जामिया में हुए बवाल पर कहानी बताई, बल्कि देवबंद के लोगों से एनआरसी और एनपीआर का विरोध करने की अपील की.

छात्र नेता ने सरकार पर साधा निशाना
छात्र नेता फवाद खान ने कहा कि आज मुल्क के हालात इतने खराब हैं कि किसान खुदकुशी कर रहे हैं, कारोबार पूरी तरह ठप हो चुके हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है और जीडीपी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. यह काले कानून सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ बनाए जा रहे हैं.

'पुलिस की बर्बर कार्रवाई एक बड़ा सवाल'
जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के छात्र नेता साइमा एस. ने कहा कि नागरिकता हमारा हक है. मोदी या अमित शाह हमारा हक नहीं देंगे तो हम उसे छीन सकते हैं. यह भी हो सकता है कि यह कानून वापस न हो और यह लड़ाई लंबी लड़नी पड़े. उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई एक बड़ा सवाल है.

सहारनपुर: नागरिकता संशोधन कानून का विरोध थमा भी नहीं कि अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और NRC का विरोध शुरू हो गया है. जहां देवबंद में इसका विरोध हो रहा है, वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र नेताओं ने भी देवबंद में डेरा डाल लिया है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के छात्र नेता फवाद खान और साइमा एस. समेत कई छात्रों ने देवबंद पहुंच कर न सिर्फ जमीयत के प्रदर्शन का समर्थन किया, बल्कि देवबंद के लोगों से खुलकर NPR और NRC का विरोध करने की अपील की. इस दौरान स्थानीय महिलाएं जुलूस के रूप में प्रर्दशन स्थल पहुंचीं. उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

सहारनपुर पहुंचे जामिया के छात्र.

सीएए और एनआरसी के विरोध में उतरीं महिलाएं
देवबंद के ईदगाह मैदान में इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के बैनर तले नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान महिलाएं भी शामिल हुईं. महिलाओं का एक बड़ा समूह नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में ईदगाह मैदान में पहुंचा.

जामिया के छात्र भी हुए शामिल
खास बात ये रही कि जामिया विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी इस आंदोलन में अपनी हाजिरी लगाई. छात्र नेताओं ने एनपीआर और एनआरसी का विरोध करते हुए न सिर्फ जामिया में हुए बवाल पर कहानी बताई, बल्कि देवबंद के लोगों से एनआरसी और एनपीआर का विरोध करने की अपील की.

छात्र नेता ने सरकार पर साधा निशाना
छात्र नेता फवाद खान ने कहा कि आज मुल्क के हालात इतने खराब हैं कि किसान खुदकुशी कर रहे हैं, कारोबार पूरी तरह ठप हो चुके हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है और जीडीपी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. यह काले कानून सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ बनाए जा रहे हैं.

'पुलिस की बर्बर कार्रवाई एक बड़ा सवाल'
जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के छात्र नेता साइमा एस. ने कहा कि नागरिकता हमारा हक है. मोदी या अमित शाह हमारा हक नहीं देंगे तो हम उसे छीन सकते हैं. यह भी हो सकता है कि यह कानून वापस न हो और यह लड़ाई लंबी लड़नी पड़े. उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई एक बड़ा सवाल है.

Intro:सहारनपुर : नागरिकता संशोधन कानून का विरोध थमा भी नही कि अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और NRC का विरोध शुरू हो गया है। जहां जमीयत उलमा-ए-हिंद फतवो की नगरी में विरोध प्रदर्शन कर रही है वहीं जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र नेताओं ने भी देवबंद में डेरा डाल लिया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के छात्र नेता फवाद खान व साइमा एस. समेत दर्जनों छात्रों ने देवबंद पहुंच कर न सिर्फ जमीयत के प्रदर्शन का समर्थन किया बल्कि देवबंद के मुसलमानों को खुलकर NPR और NRC का विरोध करने की अपील की। इस दौरान स्थानीय बुरखानशीं महिलाऐं जुलूस के रूप में प्रर्दशन स्थल पहुंची जहां उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।Body:VO 1- आपको बता दें कि फतवो की नगरी देवबंद के ईदगाह मैदान में इस्लामिक संगठन जमीयत उलेमा ए हिन्द के बैनर तले नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर एवं एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुरुषों के साथ हजारो महिलाएं भी शामिल हुई। महिलाओ का एक बड़ा समूह नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में ईदगाह मैदान में पहुंचा। खास बात ये रही कि जामिया विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने भी इस आंदोलन में अपनी हाजिरी लगाई। छात्र नेताओं ने एनपीआर और एनआरसी का विरोध करते हुए न सिर्फ जामिया में हुए बवाल पर कहानी बताई बल्कि देवबंद के मुसलमानों को एनआरसी और एनपीआर का विरोध करने की अपील की। छात्र नेता फवाद खान ने कहा कि आज मुल्क के हालात इतने खराब हैं कि किसान खुदकुशी कर रहे हैं, कारोबार पूरी तरह ठप हो चुके हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है और जीडीपी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। यह काले कानून सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ बनाये जा रहे है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के छात्र नेता साइमा एस. ने कहा कि सिटीजन हमारा हक है मोदी या अमित शाह हमारा हक नहीं देंगे तो हम उसे छीन सकते हैं। यह भी हो सकता है कि यह कानून वापस न हो और यह लड़ाई लंबी लडऩी पड़े। उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई एक बड़ा सवाल है। कहा कि इस पूरी कायनात का मालिक एक हैं मोदी का क्या आज है कल नहीं होंगे।Conclusion:रोशन लाल सैनी
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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