सहारनपुर: एक ओर जहां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरा देश आजादी के जश्न मनाने में डूब गया, वहीं दूसरी ओर स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन सरकार पर न सिर्फ अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं, बल्कि शहीदों के सपनों का भारत ढूंढ रहे हैं.
शहीद-ए-आजम भगत सिंह का सहारनपुर से विशेष नाता रहा है. यही वजह है कि उनके छोटे भाई सरदार कुलतार सिंह सहारनपुर आकर बस गए थे. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भगत सिंह का परिवार सरकार से पूछ रहा है कि कहां है शहीद भगत सिंह के सपनों का भारत? कहां है देशवासियों की आर्थिक आजादी? शहीद भगत सिंह के भतीजे सरदार किरणजीत सिंह ने बताया कि सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सुविधाएं देना तो दूर शहीद भगत को शहीद का दर्जा तक नहीं दे पाई है.
अब देश पूरी तरह से हुआ आजाद
ईटीवी से बातचीत करते हुए किरणजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने आज तक स्वतंत्रता सेनानियों की सूची तक नहीं बना पाई है. इसके चलते उन्हें और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को भारत सरकार से शिकायत रहेगी. वहीं अनुच्छेद 370 के सवाल पर किरणजीत सिंह ने मोदी सरकार की तारीफ की और कहा कि सही मायने अब भारत पूरी तरह से आजाद हुआ है.
सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप
स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. जिस परिवार ने अपनी तीन पीढ़ियों को आजादी के लिए कुर्बान कर दिया वही परिवार पूछ रहा है कि, 'कहां है शहीद-ए-आजम भगत सिंह के सपनों का भारत, वो भारत जिसकी आजादी के लिए भगत सिंह जैसे अनेकों भारत मां के सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति चढ़ा दी'.