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सहारनपुर: श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का तांता

देवबन्द नगर के सिद्धपीठ प्राचीन श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर पर बाहरी श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है. इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी श्रद्धालु कोई भी मनोकामना मांगता है, मां उसकी मनोकामना पूर्ण करती हैं. चौदस पर हर वर्ष यहां मेला लगता है, जो 21 दिन तक चलता है.

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Published : Apr 8, 2019, 3:30 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर

सहारनपुर: नवरात्रि के पावन पर्व पर नगर के प्राचीन सिद्घपीठ मन्दिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. दूर-दूर से भक्तजन यहां पहुंच रहे हैं. नवरात्रि के बाद चौदस पर हर वर्ष यहां मेला लगता है. यह मेला 'चमार चौदस' के नाम से प्रसिद्ध है. यह मेला पश्चिमी यूपी का ऐतिहासिक मेला है और यह 21 दिन तक चलता है.

मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का तांता


नवरात्रि के पावन पर्व पर देवबन्द नगर के सिद्धपीठ प्राचीन श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर पर बाहरी श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है. श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर एक अलग पहचान रखता है. प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्रि के बाद चौदस पर यहां भव्य मेला लगता है. मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद के तत्वावधान में होता है.


नवरात्रि से ही श्रद्धालु यहां आते हैं और अपनी मन्नते मांगते हैं. इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी श्रद्धालु कोई भी मनोकामना मांगता है, मां उसकी मनोकामना पूर्ण करती हैं. श्रद्धालु यहां बच्चों के मुंडन संस्कार भी कराते हैं. यह मंदिर प्राचीनकाल से स्थापित है. अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने यहां तपस्या की थी और श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की थी.


मंदिर परिसर में माता बाला सुंदरी के अलावा माता शाकुंभरी, काली माता और ग्यारहमुखी महादेव मंदिर भी है. नवरात्रि के बाद चौदस पर लगने वाले मेले में नगर पालिका परिषद के द्वारा रात में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है. श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर और यहां लगने वाला मेला पश्चिमी यूपी में अपनी एक अलग पहचान रखता है.

सहारनपुर: नवरात्रि के पावन पर्व पर नगर के प्राचीन सिद्घपीठ मन्दिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. दूर-दूर से भक्तजन यहां पहुंच रहे हैं. नवरात्रि के बाद चौदस पर हर वर्ष यहां मेला लगता है. यह मेला 'चमार चौदस' के नाम से प्रसिद्ध है. यह मेला पश्चिमी यूपी का ऐतिहासिक मेला है और यह 21 दिन तक चलता है.

मंदिर पर लगा श्रद्धालुओं का तांता


नवरात्रि के पावन पर्व पर देवबन्द नगर के सिद्धपीठ प्राचीन श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर पर बाहरी श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है. श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर एक अलग पहचान रखता है. प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्रि के बाद चौदस पर यहां भव्य मेला लगता है. मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद के तत्वावधान में होता है.


नवरात्रि से ही श्रद्धालु यहां आते हैं और अपनी मन्नते मांगते हैं. इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी श्रद्धालु कोई भी मनोकामना मांगता है, मां उसकी मनोकामना पूर्ण करती हैं. श्रद्धालु यहां बच्चों के मुंडन संस्कार भी कराते हैं. यह मंदिर प्राचीनकाल से स्थापित है. अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने यहां तपस्या की थी और श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की थी.


मंदिर परिसर में माता बाला सुंदरी के अलावा माता शाकुंभरी, काली माता और ग्यारहमुखी महादेव मंदिर भी है. नवरात्रि के बाद चौदस पर लगने वाले मेले में नगर पालिका परिषद के द्वारा रात में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है. श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर और यहां लगने वाला मेला पश्चिमी यूपी में अपनी एक अलग पहचान रखता है.

Intro:नवरात्रों के पावन पर्व पर नगर के प्राचीन सिद्घपीठ मन्दिर पर श्रद्धालुओं का लगा तांता । बड़ी दूर-दूर से पहुँच रहे भक्तजन, नवरात्रों के बाद चौदस पर हर वर्ष लगता है मेला। यह मेला चमार चौदस के नाम से है प्रसिद्ध, ये मेला पश्चिमी यूपी का है ऐतिहासिक मेला, इक्कीस दिन तक चलता है ये मेला।


Body:नवरात्रो के पावन पर्व पर देवबन्द नगर के सिद्धपीठ प्राचीन श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर पर बाहरी श्रद्धालुओं का आना जाना शुरू हो गया है। श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर अपनी एक अलग पहचान रखता है, प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्र के बाद चौदस पर यहाँ भव्य ,ऐतिहासिक मेला लगता है। मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद के तत्वावधान में होता है। नवरात्रो से ही श्रद्धालु यहाँ आते है और अपनी मन्नते मांगते है, इस मंदिर से सच्चे मन से जो भी श्रद्धालु कोई भी मनोकामना मांगता है, मां उसकी मनोकामना पूर्ण करती है। यहाँ पर श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन संस्कार भी कराते है, यह मंदिर प्राचीनकाल से स्थापित है, अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने भी यहाँ तपस्या की थी, तथा श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना की थी। इस मंदिर परिसर में माता बाला सुंदरी के अलावा माता शाकुम्भरी देवी, व काली माता का तथा गयारहमुखी महादेव मंदिर भी प्राचीन मंदिर है। नवरात्रों के बाद चौदस पर लगने वाले मेले में नगर पालिका परिषद के द्वारा रात्रि में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। जिसमे स्थानीय लोगो को इन कार्यक्रमों का संयोजक नियुक्ति किया जाता है। श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी मंदिर व मेला पश्चिमी यूपी में अपनी एक अलग पहचान रखता है।


Conclusion:बलवीर सैनी देवबन्द सहारनपुर मो0 9319488130
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
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