सहारनपुरः जिले में स्थानीय प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बने हैंडपंप विवाद पर आखिरकार विराम लग गया. हैंडपंप हटवाने और लगवाने को लेकर जिले की सियासत गरमा गई थी. प्रशासन का हैंडपंप को दूसरी जगह लगाना भी परेशानी का सबब बन गया था. जिसके बाद अब ये मामला थम गया. हैंडपंप लगाने के लिए तीसरी जगह चिन्हित कर ली गई है. वहां पर उसे लगवाने का काम भी शुरू कर दिया गया है.
ये है पूरा मामला
दरअसल सहारनपुर के बेहट कस्बे के मोहल्ला मनिहारान में 40 साल पुराने हैंडपंप को हटवाना स्थानीय प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गया था. एक दुकानदार की शिकायत पर स्थानीय प्रशासन ने पुलिस फोर्स के साथ सड़क किनारे गड़े हैंडपंप को हटवा दिया था. इसे हटवाने के बाद सियासी दौर शुरू हो गया. हैंडपंप लगाने की मांग को लेकर कांग्रेस के दो विधायकों, एक पूर्व मंत्री, पूर्व एमएलसी और कस्बे के चेयरमैन सहित कई लोग धरने पर बैठ गए थे. एसडीएम के दोबारा हैंडपंप लगाने के आश्वासन देने के बाद ही धरना समाप्त किया गया था. एसडीएम के दोबारा उसी स्थान पर हैंडपंप लगाने के आश्वासन के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सहित कई संगठनों के कार्यकर्ता आ खड़े हुए थे. हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली बेहट में धरना दिया और हनुमान चालीसा का पाठ किया. इस दौरान एसडीएम बेहट को ज्ञापन भी सौंपा गया था.
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वहीं दूसरी ओर प्रशासन के दिए गए आश्वासन के बाद भी जब हैंडपंप दोबारा नहीं लगाया गया, तो कांग्रेसियों ने फिर से धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया. कांग्रेस के विधायक नरेश सैनी मसूद, सहारनपुर देहात विधायक मसूद अख्तर, पूर्व मंत्री शायान मसूद धरने पर बैठने जा रहे थे. इसी दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया. इस वाकये से खफा विधायक हाईवे पर ही धरने पर बैठ गए. लेकिन पुलिस ने उन्हें जबरन गाड़ी में बैठा कर पुलिस लाइन भेज दिया. इस बीच जिस दुकान के पास से हैंडपंप हटवाया गया था. दुकान मालिक मुरारी झा ने बेहट चेयरमैन पर आरोप लगाते हुए पलायन करने तक की चेतावनी दे दी थी. इसके बाद डीएम सहारनपुर ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि हैंडपंप प्रकरण अब समाप्त हो चुका है और हटवाए गए नल से कुछ दूरी पर नया हैंडपंप लगवाया जाएगा. लेकिन जिस स्थान को प्रशासन द्वारा चिन्हित किया गया उस दुकान मालिक ने हैंडपंप न लगवाने की बात कही है. इतना ही नहीं चेतावनी दी गई कि अगर प्रशासन ने जबरन हैंडपंप लगवाने की कोशिश की तो वो मिट्टी का तेल छिड़कर खुद को आग लगा लेंगे. ये वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन में फिर हड़कंप मच गया. जिसके बाद सीओ और एसडीएम बेहट मौके पर पहुंचे. उन्होंने कुछ दूरी पर दूसरी जगह चिन्हित कर लिया है. लेकिन वहां के दुकानदार विरोध में उतर आए. जिसके बाद दुकानदारों ने एसडीएम बेहट को पत्र देकर हैंडपंप न लगाए जाने की गुहार लगाई थी. अब हैंडपंप लगवाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बन गई थी.
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स्थानीय प्रशासन ने व्यापारियों और आस-पास के लोगों की आम सहमति से मसले को सुलझा लिया. सहमति के बाद बोरवेल मशीन से हैंडपंप लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. इस दौरान एसडीएम बेहट दीप्ति देव, सीओ बेहट रामकरन सिंह, ईओ बेहट वीरज त्रिपाठी और इंस्पेक्टर बेहट कृष्ण पाल सिंह फोर्स मौके पर डटे रहे.