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सनी देओल के हैंडपंप ने इतना गदर नहीं काटा, जितना बेहट के इस नलके ने काट दिया

बेहट के मानिहारिन बाजार में एक हैंडपंप को उखाड़ने की घटना ने इतना तूल पकड़ा कि अब यह इलाके का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. धरना-प्रदर्शन के बीच इलाके के दुकानदार भी दो खेमों में बंट गए हैं. अब हालत यह है कि जिस दुकान के आगे प्रशासन ने हैंडपंप लगाने की बात कही है, उसके मालिक ने आत्मदाह की चेतावनी दी है.

बेहट हैंडपंप विवाद
बेहट हैंडपंप विवाद
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Published : Jun 11, 2021, 6:23 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 8:17 PM IST

सहारनपुर: बेहट में हैंडपंप का विवाद (handpump controversy) इतना गदर काट रहा है...जितना कभी सनी देओल वाली फिल्म ' गदर' ने नहीं काटा. 6 जून को बेहट के मनियारान में प्रशासन ने सड़क पर लगा हैंडपंप (नलका) हटा दिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हैंडपंप को नलका भी कहते हैं. खैर...नलके को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है. पहले दो समुदाय के लोग इस विवाद में सामने आए. फिर विधायक और कई नेता भी हैंडपंप की लड़ाई में कूद पड़े. विधायक और उनके समर्थकों ने हैंडपंप उखाड़ने के विरोध में धरना दिया तो हिंदूवादी संगठन के नेता इसके समर्थन में हनुमान चालीसा पढ़ने बैठ गए. अब हालत यह है कि हैंडपंप को दो पक्षों ने नाक का सवाल बना लिया है. सच्चाई यह है कि इलाके में पानी की दिक्कत नहीं है और नगर पंचायत की तरफ से हर घर में वाटर सप्लाई हो रही है. इस कहानी में अपडेट यह है कि प्रशासन दोबारा हैंडपंप लगाने को तैयार है, मगर बाजार का कोई दुकानदार यह नहीं चाहता कि उसकी दुकान के आगे अब दोबारा नलका लगे.

बेहट हैंडपंप विवाद.

विवाद का कारण जानेंगे तो आप भी सिर पीट लेंगे

बेहट में एक जगह है मनियारान. यहां के हर घर में भरपूर पानी आता है. वहां एक मार्केट भी है, जहां हिंदू-मुस्लिम सभी की दुकानें हैं. उसमें एक दुकान मुरारी झा की भी है. मुरारी की दुकान के आगे एक हैंडपंप दशकों से लगा था. हैंडपंप पर दुकान वाले और कई घरों के लोग पानी लेने आते थे. उन्हें इस पर आपत्ति थी. करीब 6 महीने पहले नगर पंचायच में एप्लिकेशन देकर हैंडपंप को हटाने की मांग की गयी. सुनवाई नहीं हुई तो दुकानदार मुरारी एसडीएम के पास आवेदन लेकर पहुंच गए. प्रशासन ने जांच-पड़ताल के बाद उनकी मांग मान ली और हैंडपंप को रोड से हटा दिया. 6 जून को प्रशासन ने हैंडपंप को क्या हटाया, हंगामा शुरू हो गया. किसी दुकानदार ने कांग्रेस नेता शायान मसूद, अख्तर शायान और विधायक नरेश सैनी को फोन कर हैंडपंप हटाने पर विरोध दर्ज कराया. विधायक भी मौके पर पहुंचे. खूब शोरगुल हुआ तो प्रशासन ने वहां दोबारा हैंडपंप लगाने का आश्वासन दे दिया.

7 जून को बजरंग दल ने पढ़ी थी हनुमान चालीसा
7 जून को बजरंग दल ने पढ़ी थी हनुमान चालीसा

हैंडपंप के समर्थन में धरना और विरोध में हनुमान चालीसा

राजनेता इस विवाद में कूदे तो माहौल को राजनीतिक रंग रंगना ही था. जब विरोध के स्वर उठे तो हैंडपंप उखाड़ने के समर्थन में भी दुकानदार सामने आए. हिंदूवादी संगठनों ने भी नलके को उखाड़ने की भरपूर वकालत की. 7 जून को बजरंग दल सहित विभिन्न हिंदू संगठनों के लोगों ने कस्बे में जुलूस निकाला और कोतवाली बेहट में हनुमान चालीसा का पाठ किया. उन्होंने भी एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर दोबारा हैंडपंप लगवाने का विरोध किया.

6 जून को कांग्रेस विधायक ने दिया था धरना
6 जून को कांग्रेस विधायक ने दिया था धरना

8 जून को हैंडपंप बन गया नाक का सवाल

जब हिंदूवादी संगठनों को एसडीएम ने आश्वासन दिया तो कांग्रेस पक्ष के लोग दोबारा मैदान में आए. 8 जून को विधायक नरेश सैनी, विधायक मसूद अख्तर, सपा नेता उमर अली खान दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग पर धरना देने लगे. प्रशासन सभी नेताओं को हिरासत में लेकर तहसील ले आया. वहां वार्ता हुई और बताया गया कि उसी रोड पर कहीं दोबारा हैंडपंप लगवा देंगे. साथ ही, रोज-रोज के हंगामे से तंग आकर प्रशासन ने चेतावनी दी कि अब जो नेता विवादित जगह पर पहुंचेगा, उसकी गिरफ्तारी की जाएगी. फिलहाल पीएसी और फोर्स लगी हुई है.

एक दुकानदार ने दी है आत्मदाह की धमकी

प्रशासन ने मनिहारान की मार्केट का ही एक अन्य जगह चिह्नित किया है, जहां हैंडपंप लगाया जाएगा. अब वहां दिक्कत यह है कि जिसकी दुकान के आगे प्रशासन हैंडपंप लगाना चाहता है, उसके मालिक रॉबिन खुराना ने आत्मदाह की चेतावनी दे दी है. उसने वीडियो जारी कर नलका लगाने का विरोध किया है. मार्केट के अन्य दुकानदार भी वहां अब दोबारा हैंडपंप लगाने के विरोध में हैं. ऐसे दुकानदारों ने प्रशासन को चिट्ठी लिखकर अपनी मंशा बता दी है. उसमें उन्होंने अपने तथ्य और तर्क रखे हैं.

हैंडपंप लगेगा या नहीं, मामला अभी अटका हुआ है. प्रशासन के लिए यह हैंडपंप यानी नलका गले की हड्डी बन गया है. फिलहाल यह इलाके का सबसे हॉट मुद्दा है.

इसे भी पढ़ें- हैंडपंप लगाने के विरोध में उतरा हिन्दू संगठन, कोतवाली में किया हनुमान चालीसा का पाठ

सहारनपुर: बेहट में हैंडपंप का विवाद (handpump controversy) इतना गदर काट रहा है...जितना कभी सनी देओल वाली फिल्म ' गदर' ने नहीं काटा. 6 जून को बेहट के मनियारान में प्रशासन ने सड़क पर लगा हैंडपंप (नलका) हटा दिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हैंडपंप को नलका भी कहते हैं. खैर...नलके को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है. पहले दो समुदाय के लोग इस विवाद में सामने आए. फिर विधायक और कई नेता भी हैंडपंप की लड़ाई में कूद पड़े. विधायक और उनके समर्थकों ने हैंडपंप उखाड़ने के विरोध में धरना दिया तो हिंदूवादी संगठन के नेता इसके समर्थन में हनुमान चालीसा पढ़ने बैठ गए. अब हालत यह है कि हैंडपंप को दो पक्षों ने नाक का सवाल बना लिया है. सच्चाई यह है कि इलाके में पानी की दिक्कत नहीं है और नगर पंचायत की तरफ से हर घर में वाटर सप्लाई हो रही है. इस कहानी में अपडेट यह है कि प्रशासन दोबारा हैंडपंप लगाने को तैयार है, मगर बाजार का कोई दुकानदार यह नहीं चाहता कि उसकी दुकान के आगे अब दोबारा नलका लगे.

बेहट हैंडपंप विवाद.

विवाद का कारण जानेंगे तो आप भी सिर पीट लेंगे

बेहट में एक जगह है मनियारान. यहां के हर घर में भरपूर पानी आता है. वहां एक मार्केट भी है, जहां हिंदू-मुस्लिम सभी की दुकानें हैं. उसमें एक दुकान मुरारी झा की भी है. मुरारी की दुकान के आगे एक हैंडपंप दशकों से लगा था. हैंडपंप पर दुकान वाले और कई घरों के लोग पानी लेने आते थे. उन्हें इस पर आपत्ति थी. करीब 6 महीने पहले नगर पंचायच में एप्लिकेशन देकर हैंडपंप को हटाने की मांग की गयी. सुनवाई नहीं हुई तो दुकानदार मुरारी एसडीएम के पास आवेदन लेकर पहुंच गए. प्रशासन ने जांच-पड़ताल के बाद उनकी मांग मान ली और हैंडपंप को रोड से हटा दिया. 6 जून को प्रशासन ने हैंडपंप को क्या हटाया, हंगामा शुरू हो गया. किसी दुकानदार ने कांग्रेस नेता शायान मसूद, अख्तर शायान और विधायक नरेश सैनी को फोन कर हैंडपंप हटाने पर विरोध दर्ज कराया. विधायक भी मौके पर पहुंचे. खूब शोरगुल हुआ तो प्रशासन ने वहां दोबारा हैंडपंप लगाने का आश्वासन दे दिया.

7 जून को बजरंग दल ने पढ़ी थी हनुमान चालीसा
7 जून को बजरंग दल ने पढ़ी थी हनुमान चालीसा

हैंडपंप के समर्थन में धरना और विरोध में हनुमान चालीसा

राजनेता इस विवाद में कूदे तो माहौल को राजनीतिक रंग रंगना ही था. जब विरोध के स्वर उठे तो हैंडपंप उखाड़ने के समर्थन में भी दुकानदार सामने आए. हिंदूवादी संगठनों ने भी नलके को उखाड़ने की भरपूर वकालत की. 7 जून को बजरंग दल सहित विभिन्न हिंदू संगठनों के लोगों ने कस्बे में जुलूस निकाला और कोतवाली बेहट में हनुमान चालीसा का पाठ किया. उन्होंने भी एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर दोबारा हैंडपंप लगवाने का विरोध किया.

6 जून को कांग्रेस विधायक ने दिया था धरना
6 जून को कांग्रेस विधायक ने दिया था धरना

8 जून को हैंडपंप बन गया नाक का सवाल

जब हिंदूवादी संगठनों को एसडीएम ने आश्वासन दिया तो कांग्रेस पक्ष के लोग दोबारा मैदान में आए. 8 जून को विधायक नरेश सैनी, विधायक मसूद अख्तर, सपा नेता उमर अली खान दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग पर धरना देने लगे. प्रशासन सभी नेताओं को हिरासत में लेकर तहसील ले आया. वहां वार्ता हुई और बताया गया कि उसी रोड पर कहीं दोबारा हैंडपंप लगवा देंगे. साथ ही, रोज-रोज के हंगामे से तंग आकर प्रशासन ने चेतावनी दी कि अब जो नेता विवादित जगह पर पहुंचेगा, उसकी गिरफ्तारी की जाएगी. फिलहाल पीएसी और फोर्स लगी हुई है.

एक दुकानदार ने दी है आत्मदाह की धमकी

प्रशासन ने मनिहारान की मार्केट का ही एक अन्य जगह चिह्नित किया है, जहां हैंडपंप लगाया जाएगा. अब वहां दिक्कत यह है कि जिसकी दुकान के आगे प्रशासन हैंडपंप लगाना चाहता है, उसके मालिक रॉबिन खुराना ने आत्मदाह की चेतावनी दे दी है. उसने वीडियो जारी कर नलका लगाने का विरोध किया है. मार्केट के अन्य दुकानदार भी वहां अब दोबारा हैंडपंप लगाने के विरोध में हैं. ऐसे दुकानदारों ने प्रशासन को चिट्ठी लिखकर अपनी मंशा बता दी है. उसमें उन्होंने अपने तथ्य और तर्क रखे हैं.

हैंडपंप लगेगा या नहीं, मामला अभी अटका हुआ है. प्रशासन के लिए यह हैंडपंप यानी नलका गले की हड्डी बन गया है. फिलहाल यह इलाके का सबसे हॉट मुद्दा है.

इसे भी पढ़ें- हैंडपंप लगाने के विरोध में उतरा हिन्दू संगठन, कोतवाली में किया हनुमान चालीसा का पाठ

Last Updated : Jun 11, 2021, 8:17 PM IST
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