सहारनपुर: जिले का प्राचीन ग्यारहमुखी महादेव मंदिर महाभारत काल से भी पुराना है. अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां पूजा अर्चना की थी. ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भारी संख्या में श्रद्धालु यहाँ पर आकर जलाभिषेक करके मन की मुराद पाते हैं.
क्या है इस मंदिर का इतिहास:
- नगर का प्राचीन ग्यारहमुखी महादेव मंदिर महाभारत काल से भी पहले का है.
- अज्ञातवास के दौरान पांडवो ने भी यहाँ पूजा अर्चना की थी.
- देवबन्द नगर में देवीकुंड स्थित ग्यारहमुखी महादेव मंदिर अपनी अलग ही पहचान रखता है.
- इसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है,अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने वन में भ्रमण किया था.
- इस मंदिर में एक साथ ग्यारह शिवलिंग के दर्शन होते है, इसीलिए इसे ग्यारहमुखी महादेव मंदिर कहा जाता है.
- जब इंसान के हाथों चारों तरफ से निराशा लगती है, तब इस मन्दिर में आकर रुद्राभिषेक करने से उसकी निराशा आशा में बदल जाती है.
- ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मनचाहा फल प्राप्त होता है.
इस मन्दिर में सच्चे मन से की गई सेवा विशेष फलदायी होती है, जब इंसान के हाथ चारों ओर से निराशा लगती है, तब इस मन्दिर में आकर रुद्राभिषेक करने से उसकी निराशा आशा में बदल जाती है. इस मंदिर में आसपास के जिलों से भी लोग भारी संख्या में दर्शन के लिये आते हैं.
आकाश शर्मा, मन्दिर के पुजारी