सहारनपुर: कोरोना वायरस के कहर से पूरी दुनिया में लॉकडाउन चल रहा है. सभी वाहन, कारखाने, फैक्ट्रियां, धुंआ उगलती चिमनियां सब बंद हैं. कोरोना वायरस के खौफ से जहां हर कोई लॉकडाउन में रहने को मजबूर है वहीं पर्यावरण भी पूरी तरह प्रभावित हुआ है. आलम यह है कि सेकड़ों किलोमीटर की दूरी से गंगा-यमुनोत्री के ग्लेशियर साफ देखे जा रहे हैं. ऐसी ही कुछ तस्वीरें सहारनपुर में वायरल हो रही हैं. दावा किया जा रहा है कि इन तस्वीरों को अशोक पुष्कर नाम के व्यक्ति ने 26 अप्रैल को हुई बरसात के बाद अपनी छत से खींचा था. ETV भारत ने इन तस्वीरों की सत्यता जानने के लिए वन संरक्षक वीके जैन से बात की. उन्होंने न सिर्फ इन तस्वीरों का सत्यापन कराने की बात कही, बल्कि लॉकडाउन में प्रदूषण मुक्त पर्यावरण होने की पुष्टि भी की है.
लॉकडाउन में साफ हुआ पर्यावरण
लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में रहकर सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं. सवा महीने से तमाम कारखाने, फैक्ट्रियां और वाहनों के पहिये थमने से पर्यावरण पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो गया है. आलम यह है कि ऊंचे भवनों से सैकड़ों मील का नजारा भी लोगों को हैरानी में डाल रहा है.
175 किमी. दूरी से दिख रहे पहाड़
सहारनपुर से 175 किलोमीटर दूर गंगा-यमुनोत्री के पहाड़ साफ देखे जा रहे हैं. ऐसी ही कुछ तस्वीरें आयकर विभाग में तैनात अशोक पुष्कर ने बरसात के बाद अपनी छत से खींची हैं. अशोक पुष्कर का दावा है कि इन तस्वीरों में गंगा-यमुनोत्री और उसके आसपास की ग्लेशियर साफ दिख रहे हैं.
ETV भारत ने पर्यावरण विशेषज्ञ एवं वन संरक्षक वीके जैन से की बात
इन तस्वीरों की सत्यता जानने के लिए ETV भारत ने पर्यावरण विशेषज्ञ एवं वन संरक्षक वीके जैन से बात की. ETV भारत से बातचीत में वन संरक्षक वीके जैन ने बताया कि ये उन्होंने इन तस्वीरों का सत्यापन कराया है. तस्वीरों में उठ रहे विभिन्न सवालों पर विराम लगाया जा सके.