सहारनपुर: खनन माफिया और बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला और उसके भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली समेत चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. मिर्जापुर थाना पुलिस ने हाजी इकबाल के कारोबार में साझेदार रहे अमित जैन दादू की तहरीर पर दोनों भाइयों और नौकरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. अमित जैन का आरोप है कि इकबाल बाला ने न सिर्फ उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया है, बल्कि फर्जी दस्तखत कर खनन पट्टे आवंटित कराए थे.
हत्या की साजिश का आरोप: अमित जैन ने थाना मिर्जापुर में तहरीर देकर पूर्व एमएलसी भाइयों हाजी इकबाल और महमूद अली समेत उनके नौकर जगजीत सिंह और नसीम अहमद पर धोखाधड़ी व जालसाजी का आरोप लगाते हुए मुदकमा दर्ज कराया है. अमित जैन की तहरीर पर चारों लोगों के खिलाफ धारा 420, 465, 467, 468, 471 IPC के तहत मुकदमा लिखा गया है. एसपी देहात सूरज राय ने बताया कि अमित जैन खनन माफिया हाजी इकबाल का पार्टनर रहा है. उसने थाना मिर्जापुर में तहरीर देकर इकबाल बाला पर आरोप लगाए हैं. तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
खुद के बचाव के लिए पाला बदला: जानकारी के अनुसार हाजी इकबाल उर्फ बाला के कारोबार में सहयोगी रहे अमित जैन सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. यूपी चुनाव से पहले वह भाजपा से जुड़ गए थे. सूत्रों की मानें तो अमित जैन को सफेदपोश नेताओं का संरक्षण मिल चुका है. इसके चलते अपने बचाव के लिए अमित जैन इकबाल बाला के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं. कुछ माह पहले उन्होंने सीएम योगी को प्रार्थना पत्र भेजकर हत्या की साजिश का आरोप भी हाजी इकबाल पर लगा चुके हैं.
अवैध खनन से बनाई बेनामी संपत्ति: मिर्जापुर निवासी हाजी इकबाल उर्फ बाला ने बसपा सरकार के दौरान यमुना नदी से अवैध खनन करने के साथ ही एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर बेनामी संपत्ति अर्जित कर ली थी. बताया जाता है कि इस खेल में हाजी इकबाल का करीबी अमित जैन भी सक्रिय रहा. बताते चलें कि अमित जैन के कई शहरों में संपत्ति है. यहां तक कि सऊदी अरब और दुबई में जमीन और कोठियां होने के दावे लोग करते हैं.
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खनन माफिया से बने एमएलसी: लोगों का दावा है कि इकबाल बाला ने बसपा सरकार में ऐसी पकड़ बनाई कि 2010 में विधान परिषद सदस्य बनकर राजनीति में आ गया. इसमें फर्जी शैक्षिक योग्यता दिखाने की बात भी कही जाती है. 2016 में कार्यकाल खत्म होने के बाद इकबाल बाला ने छोटे भाई महमूद अली को एमएलसी बनवा दिया.
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