सहारनपुर: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देर रात देवबंद पहुंचे. यहां उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की. करीब आधे घंटे तक दोनों के बीच मुलाकात का दौर चला.
ये बोले हरीश रावत
- मौलाना मदनी के साथ उनकी मुलाकात अच्छी रही.
- करंट अफेयर्स के इतने बड़े फैसले के मौके पर देश के सभी वर्गों ने भाईचारे और प्यार का सबूत दिया.
- यह हमारे वास्तविक भारत की पहचान है.
- मौलाना अरशद मदनी की आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात मेरे विचार में एक अच्छा कदम था.
- इस तरह की बैठकें धर्म के नाम पर नफरत की दीवार को खत्म करती हैं और देश में आपसी भाईचारे और शांति को मजबूत करती हैं.
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गांधी परिवार की एसपीजी सिक्योरिटी को खत्म करने पर हरीश रावत ने कहा कि यह ऐतिहासिक भूल है. हमने नरसिम्हा राव के समय में ऐसी गलती की जब हमने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को खो दिया था. अगर ऐसा नहीं किया गया होता तो आज राजीव गांधी देश का नेतृत्व कर रहे होते. वही हरीश रावत ने साध्वी प्रज्ञा के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारों के भक्तों को ताकत दी जा रही है.