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सहारनपुर के इस बेटे ने अंतरराष्‍ट्रीय एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स में प्राप्त किया प्रथम स्थान - इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स

जनपद के रितिक सिरोहा भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं. उन्होंने अंतरराष्‍ट्रीय एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स में पहला स्थान हासिल किया है. भारत के अलावा कई अन्य देशों के सैन्य अधिकारी इस कोर्स में शामिल थे.

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Published : Jun 11, 2019, 9:13 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होता- एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो. इस कहावत को चरितार्थ किया है एक साधारण परिवार में जन्मे रितिक सिरोहा ने. रितिक ने न सिर्फ फ्लाइंग ऑफिसर का पद जॉइन किया है बल्कि एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स में अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया है. जिले के बेटे की इस उपलब्धि से जहां उनके घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है वही शुभचिंतकों में खुशी का माहौल है. उनकी इस उपलब्धि पर ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत की.

ईटीवी भारत संवाददाता ने फ्लाइंग ऑफिसर रितिक सिरोहा से की खास बातचीत.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फहराया परचम

  • दवा विक्रेता के घर मे जन्मे रितिक सरोहा को साल 2018 में फ्लाइंग ऑफिसर की जिम्मेदारी मिली थी.
  • रितिक के मुताबिक उन्होंने बचपन से ही इंडियन डिफेंस जॉइन करने का फैसला कर लिया था.
  • इसके लिए उन्होंने अपने फिजिकल और दिमागी तौर पर जनरल अवेयरनेस पर काम किया.
  • फ्लाइंग ऑफिसर बनने के बाद रितिक को एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स के लिए चुना गया. 6 महीने के इस कोर्स में भारत के अलावा कई देशों से फ्लाइंग ऑफिसर, नेवी ऑफिसर, आर्मी ऑफिसर शामिल थे.
  • कुल 31 अधिकारियों ने एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट की परीक्षा दी थी और रितिक ने पहला स्थान हासिल किया.

मैंने बचपन से ही एयरफोर्स से जुड़ने का मन बना लिया था. इसके लिए कड़ी मेहनत और जज्बे की जरूरत थी और इस काम में मेरे परिवार के लोगों ने मदद की. मेरी इस सफलता का श्रेय मेरे माता-पिता और बहन को जाता है. उनके सपोर्ट और हौसले के बिना मेरे लिए यह मुमकिन नहीं था.
- रितिक सिरोहा, फ्लाइंग ऑफिसर

सहारनपुर : कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होता- एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो. इस कहावत को चरितार्थ किया है एक साधारण परिवार में जन्मे रितिक सिरोहा ने. रितिक ने न सिर्फ फ्लाइंग ऑफिसर का पद जॉइन किया है बल्कि एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स में अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया है. जिले के बेटे की इस उपलब्धि से जहां उनके घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है वही शुभचिंतकों में खुशी का माहौल है. उनकी इस उपलब्धि पर ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत की.

ईटीवी भारत संवाददाता ने फ्लाइंग ऑफिसर रितिक सिरोहा से की खास बातचीत.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फहराया परचम

  • दवा विक्रेता के घर मे जन्मे रितिक सरोहा को साल 2018 में फ्लाइंग ऑफिसर की जिम्मेदारी मिली थी.
  • रितिक के मुताबिक उन्होंने बचपन से ही इंडियन डिफेंस जॉइन करने का फैसला कर लिया था.
  • इसके लिए उन्होंने अपने फिजिकल और दिमागी तौर पर जनरल अवेयरनेस पर काम किया.
  • फ्लाइंग ऑफिसर बनने के बाद रितिक को एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स के लिए चुना गया. 6 महीने के इस कोर्स में भारत के अलावा कई देशों से फ्लाइंग ऑफिसर, नेवी ऑफिसर, आर्मी ऑफिसर शामिल थे.
  • कुल 31 अधिकारियों ने एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट की परीक्षा दी थी और रितिक ने पहला स्थान हासिल किया.

मैंने बचपन से ही एयरफोर्स से जुड़ने का मन बना लिया था. इसके लिए कड़ी मेहनत और जज्बे की जरूरत थी और इस काम में मेरे परिवार के लोगों ने मदद की. मेरी इस सफलता का श्रेय मेरे माता-पिता और बहन को जाता है. उनके सपोर्ट और हौसले के बिना मेरे लिए यह मुमकिन नहीं था.
- रितिक सिरोहा, फ्लाइंग ऑफिसर

Intro:सहारनपुर : " कौन कहता है, आसमान में सुराख नही होता। एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, आसमान में भी सुराख हो जाये।" ऐसा ही कुछ कर दिखाया है सहारनपुर के साधारण परिवार में जन्मे रितिक सरोहा ने। रितिक ने न सिर्फ फ्लाइंग ऑफिसर का पद जॉइन किया है बल्कि एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स में अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया है। नाइजीरिया, फिलीपींस समेत कई देशों के 31 फ्लाइंग ऑफिसरो में से अव्वल आकर अपने माता पिता और जिले का ही नही हिंन्दुस्तान का नाम भी रोशन किया है। जिले के बेटे की इस उपलब्धि से जहां उनके घर पर बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है वही शुभचिंतकों में खुशी का माहौल बना हुआ है। फ्लाइंग ऑफिसर रितिक अपनी इस उपलब्धि के लिए अपने माता पिता को श्रेय दे रहे है। उनका कहना है कि वे बचपन से ही सेना में भर्ती होना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर इंडियन डिफेंस की पढ़ाई शुरू कर दी थी।

घर लौटने पर


Body:VO 1 - 24 वर्षीय रितिक ने कभी सपने में भी नही सोचा था कि वह फ्लाइंग ऑफिसर तो दूर एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स में अव्वल स्थान प्राप्त कर पायेगा। लेकिन उसकी मेहनत और जज्बे ने उसे उस मुकाम पर पहुंचा दिया जिसकी इसे उम्मीद भी नही थी। दवा विक्रेता के घर मे जन्मे रितिक सरोहा ने 2018 में फ्लाइंग ऑफिसर के पद की जिम्मेदारी मिली थी। रितिक सरोहा ने ईटीवी से अपने अनुभव और संघर्ष साझा करते हुए बताया कि एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स में प्रथम स्थान हासिल करना , खुद को देश को समर्पित करना, देश के काम आना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। रितिक के मुताबिक उसने ज्यादातर अपनी पढ़ाई पर ध्यान देकर कुछ बनने का लक्ष्य बनाया। बचपन से ही इंडियन डिफेंस जॉइन करने का जज्बा था। उसके लिए उसने एयर फोर्स को चुना और एयर फोर्स में जाने के लिए अपने फिजिकल और दिमागी तौर पर जनरल अवेयरनेस पर काम किया। दृढ़ संकल्प और मेहनत से पढ़ाई करते हुए 18 दिसंबर 2018 को फ्लाइंग ऑफिसर बनकर पासआउट हुआ। खास बात ये है कि रितिक को इसके बाद एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स के लिए चुना गया और 6 महीने की पढ़ाई के बाद हुई परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त कर जिले का ही नही देश का नाम रोशन किया है। रितिक ने ईटीवी को बताया कि भारत के साथ कई देशों से फ्लाइंग ऑफिसर, नेवी ऑफिसर, आर्मी ऑफिसर कुल 31 अधिकारियों ने एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट की परीक्षा दी थी। एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट कोर्स का परिणाम आया तो रितित और परिजनों की ख़ुशी का ठिकाना नही रहा। कई देशों के अधिकारियों की इस परीक्षा में रितिक को पहला स्थान मिला था। रितिक ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता और बहन को दिया है। रितिक के पिता राजीव सरोहा ने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व करते हुए कहा कि बेटे की यह उपलब्धि उसके लिए नही बल्कि पूरे जिले के लिए गौरव की बात है। इससे युवाओ को सीख लेकर अपना कैरियर बनाना चाहिए। ताकि वे भी किसी भी क्षेत्र में आकर अपने देश और समाज की सेवा कर सके।

बाईट -रितिक सरोहा ( फ्लाइंग ऑफिसर )
बाईट - राजीव सरोहा ( पिता )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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