सहारनपुर: रेलवे लाइन दोहरीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर एक बार फिर भारतीय किसान यूनियन और जिला प्रशासन आमने सामने आ गए हैं. भारतीय किसान यूनियन ने प्रशासन द्वारा जबरन किसानों की जमीन कब्जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को बड़ी संख्या में किसानों ने जिला मुख्यालय पर पहुंचे. यहां किसानों ने शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया और बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.
महत्वपूर्ण बिंदु-
रेलवे लाइन दोहरीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों का प्रदर्शन.
किसानों का कहना है कि शासन और प्रशासन जमीन का उचित मुआवजा नहीं दे रहा है.
रविवार को प्रशासन ने खेतों में खड़ी किसानों की धान की फसल पर बुलडोजर और ट्रैक्टर चलवा दिया.
आक्रोशित किसानों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया.
बता दें कि सहारनपुर जिले से देवबंद के रास्ते दिल्ली को जाने वाली रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए 2011 में किसानों की जमीन को अधिग्रहण किया गया था. जमीन के एवज में वाजिब मुआवजा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने जमीन देने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट परियोजना का कार्य प्रभावित हो रहा था.
वाजिब मुआवजे के लिए भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसानों ने धरने प्रदर्शन भी किया, लेकिन सरकार की ओर से मुआवजे में कोई वृद्धि नहीं की गई. वहीं रविवार को बिना किसी नोटिस के पुलिस फोर्स लाखनौर गांव पहुंची. यहां पुलिस ने खेतों में लगभग तैयार खड़ी किसानों की फसल पर बुलडोजर और ट्रैक्टर चलवा दिया.
प्रशासन पर लगाए कई गंभीर आरोप
किसानों का कहना है कि किसानों के खेतों में धान खड़ी फसल लगभग तैयार है, कुछ दिन में फसल कट जाएगी इसके बाद रेलवे लाइन के दोहरीकरण के जमीन अधिग्रहण की जा सकती है. लेकिन रविवार को प्रशासन भारी पुलिस फोर्स के साथ बिना किसी नोटिस के कई किसानों की फसल में बुलडोजर और ट्रैक्टर चलवाकर बर्बाद कर दिया.
भारतीय किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष विनय चौधरी ने बताया कि प्रशासन मनमानी कर किसानों का उत्पीड़न कर रहा है. बिना किसी नोटिस या सूचना के खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल पर प्रशासन ने बुलडोजर और ट्रैक्टर चलवा दिया. इसके चलते किसान जिला मुख्यालय पर अधिकारियों से बातचीत करने आए हैं.
'नहीं मिल रहा उचित मुआवजा'
भारतीय किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि एक समझौते के तहत किसानों ने रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए जमीनें दी हैं. प्रशासन इन किसानों के साथ दोगला व्यवहार कर रहा है. जमीन के एवज में किसानों को समान मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. मुजफ्फरनगर के किसानों को 21,00 रुपये मीटर जबकि देवबंद के किसानों को 15,00 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से मुवावजा दिया गया, लेकिन सहारनपुर के लाखनौर, सुभरी, बेलड़ा जुनारदार, आदि गांवो के किसानों को केवल 140 रुपये मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है. इस दौरान किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें वाजिब मुआवजा दिया जाए. अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो किसान लामबंद होकर जिला मुख्यालय पर बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.