सहारनपुर: केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं. खरीफ, रबी की फसल की बुवाई के लिए न सिर्फ किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि कई फसलों की अच्छी प्रजाति के बीजों पर विशेष अनुदान भी दिया जा रहा है. रबी की मुख्य फसल गेहूं की बात करें तो सरकार गेहूं की बुवाई के लिए बीज और खाद पर 50 प्रतिशत अनुदान दे रही है. उप कृषि निदेशक राम जतन मिश्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि गेहूं की अच्छी पैदावार और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कटिबद्ध है.
खोले गए 11 कृषि प्रसार केंद्र
कृषि विभाग की ओर से जिले के सभी 11 विकासखंड में 11 कृषि प्रसार केंद्र खोले हुए हैं. किसानों को गेहूं की विभिन्न नई प्रजातियों के बीज उपलब्ध कराए गए हैं. खास बात यह है कि इन प्रजातियों के बीज पर सरकार की ओर से किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. अच्छी प्रजातियों का बीज 3300 रुपये क्विंटल है, लेकिन सरकार इस बीज को 1650 रुपये क्विंटल उपलब्ध करा रही है. यानी 1650 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसान इन प्रजाति के बीज लेकर अपने खेतो में बुवाई करा सकेंगे.
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गेहूं की बुवाई में ये बरतने सावधानियां
उप कृषि निदेशक ने कहा कि गेहूं की बुवाई करते समय किसानों को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. गेहूं की बुवाई लाइन में करें. किसानों को चाहिए कि गेहूं की बुवाई मशीनों से करें, ताकि बुवाई किया हुआ बीज लाइन में रह सके. लाइन में बीज गिरने से खाद और उर्वरक भी बीज के पास में ही गिरेंगे और सिंचाई का पानी भी लाइन में ज्यादा आएगा. मशीनों से की गई बुवाई से एक ओर जहां कम पानी से ज्यादा सिंचाई होती है और वहीं दूसरी ओर गेहूं का पौधा भी घना और मजबूत बनता है.
खेतो में नमी पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए. यदि खेत में नमी ज्यादा हुई तो बीज खराब हो जाएगा और यदि नमी कम हुई तो बीज कम अंकुरित होंगे. बीज लाइन में बुवाई करने पर लागत में 25 प्रतिशत कम हो जाती है. किसानों की आय दोगुनी करना प्रधानमंत्री मोदी का सपना है. गेहूं की बुवाई के बाद पहला पानी 25 दिन बाद देना चाहिए और कम देना चाहिए. गेहूं की अच्छी तरह बुवाई करने और सिंचाई करने पर गेहूं की पैदावार बेहतर रहती है.