सहारनपुर: भोर होते ही किसान अपने खेतों पर पहुंचते हैं. अपने खेतों की बुआई से लेकर फसलों के तैयार होने तक हर प्रकार से देखभाल करते हैं. किसान अपने बच्चों की तरह फसल को उगाते हैं और उसकी देख-रेख करते हैं, ताकि अन्न देश की जनता के मुंह का निवाला बन सके. वहीं, आजकल तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक अजीब ही नजारा देखने को मिल रहा है. ताजा मामला बेहट तहसील क्षेत्र स्थित गांव ढाबा माजरा का है. यहां कई किसानों ने अपनी खड़ी गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया. हालांकि, अपने हाथों से मेहनत कर उगाई फसल को रौंदने के बाद किसान चेहरे पर मायूसी लिए घर लौट गए.
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परिवारों के भरण-पोषण के लिए किसान उगाएंगे फसल
पूरा मामला तहसील बेहट इलाके के गांव ढाबा माजरा का है. जहां कई किसानों ने गन्ना भुगतान न होने, कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की सुनवाई न होने, ट्यूबवेलों पर लगाए गए मीटर और ज्यादा बिल आने से दुखी किसानों ने अपने खेत में खड़ी गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया. किसान पप्पू, आदित्य, संजय, अनिल आदि ने अपने खेत में लहलहाती कई बीघा गेहूं की फसल को ट्रैक्टर और हैरो चलाकर तहस नहस कर दिया.
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फसल को उजाड़ते हुए किसानों ने सरकार के रवैये के प्रति निराशा जाहिर की. किसानों का कहना है कि कृषि कानून का लंबे समय से विरोध चल रहा है, लेकिन सरकार किसानों की मांगों पर सुनवाई नहीं कर रही है. किसानों का कहना है कि अब वे केवल उतनी ही फसल उगाएंगे, जिससे उनके परिवारों का भरण-पोषण हो सके. अब सरकार को बेचने के लिए फसल नहीं उगाएंगे.