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सहारनपुर: ढाई हजार वोटों से हारे थे नोमान मसूद, क्या इस बार कांग्रेस को जीता पाएंगे गंगोह विधानसभा

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गंगोह विधानसभा में उपचुनाव का बिगुल बज चुका है. ईटीवी भारत से बातचीत में उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नोमान मसूद ने चुनाव को लेकर अपनी प्राथमिकताएं गिनाई.

गंगोह विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नोमान मसूद की ईटीवी भारत से खास बातचीत.
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Published : Sep 16, 2019, 11:59 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश की 13 विधानसभा सीटो पर होने वाले उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की तैयारियां जोरों पर हैं. सहारनपुर की गंगोह विधानसभा सीट पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने 12 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी ने इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद को गंगोह विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में नोमान मसूद ने विधानसभा को लेकर अपनी प्राथमिकताएं गिनाई.

गंगोह विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नोमान मसूद की ईटीवी भारत से खास बातचीत.

नोमान मसूद की गंगोह को लेकर प्रथमिकताएं
नोमान मसूद पर कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताया है. उन्हें उपचुनाव का टिकट मिल चुका है. नोमान मसूद 2017 का विधानसभा चुनाव भी लड़े थे. उस दौरान बीजेपी के प्रदीप चौधरी से करीब ढाई हजार मतों से हार कर दूसरे नम्बर पर रहे थे. ईटीवी भारत से बात करने पर नोमान मसूद ने बताया कि मोदी सरकार जनविरोधी है. मेरे पार्टी के अपने मुद्दे हैं, हम देश के अन्दर बेहतर माहौल चाहते हैं, साम्प्रदायिक सौहार्द चाहते हैं, हमारा देश और प्रदेश विकास की राह पर चले, इसको लेकर कांग्रेस पार्टी की स्तिथि बिल्कुल स्पष्ट है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाजेपी ने देश में सौहार्द को खराब कर दिया है. उस माहौल से निकालना कांग्रेस का पहली प्राथमिकता है.

बहुजन और भाजपा सरकार में हो रहा जनता का उत्पीड़न
पूर्व में रही बसपा सरकार पर बड़ा हमला करते हुए नोमान ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान तो जनता का उत्पीड़न हुआ है. मायावती की सरकार में उत्पीड़न का वो दौर चला है, जिसके चलते बहुजन समाज पार्टी धरातल पर चली गई है. बसपा का तो केवल एक ही मुद्दा रह गया है जो सबसे ज्यादा भारी थैली देगा बसपा सुप्रीमो उसको टिकट देती हैं. बसपा में न तो कार्यकर्ताओं को देखा जाता है और न लोगों के समर्पण को.

इसे भी पढ़ें:- 87 साल का नौजवान हूं, मेरा तन टायर नहीं है मेरा मन रिटायर नहीं: कल्याण सिंह

भाजपा ने नहीं कराया विकास
नोमान मसूद ने बीजेपी से विधायक रहे प्रदीप चौधरी के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों पर बोलते हुए कहा कि पहले कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे प्रदीप चौधरी जो बाद में बीजेपी में चले गए और भाजपा से विधायकी भी जीते और अब सांसद भी हैं. प्रदीप चौधरी ने बातें तो बहुत की, लेकिन उनका अमल नहीं हो पाया. नोमान मसूद ने गंगोह इलाके से हरियाणा राज्य को जोड़ने वाले अधूरे पड़े यमुना नदी के पुल का जिक्र करते हुए कहा कि यमुना नदी के पुल को बनने में 10 साल लग गए, लेकिन आवागमन अभी तक भी नहीं चालू हुआ है. अन्य जगहों पर दो साल में पुल बनाकर चालू कर दिए जाते हैं. मसूद का यह कहना है कि यदि वह चुनाव जीतते हैं तो इस पुल को चालू करवाना उनकी प्राथमिकता रहेगी.

स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा होगा फोकस
सड़कों के सवाल पर नोमान मसूद ने कहा कि कोई शक नहीं है कि ज्यादातर सड़कें टूटी हुई हैं और विकास कार्य धरातल पर कहीं नहीं दिख रहा है. सीएम योगी के दौरे पर बोलते हुए कहा कि योगी जी आये थे 450 करोड़ रुपये की योजनाओं का एलान कर गए, लेकिन गंगोह क्षेत्र को कुछ नहीं मिला. गंगोह को हम तहसील बनाने की मांग कर रहे हैं, जिस पर सरकार बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है. यदि वह चुनाव जीतते हैं तो गंगोह को तहसील बनाया जाएगा.

किसानों की स्थिति सुधारना
नोमान मसूद ने कहा कि किसान का गन्ने का बकाया भुगतान नहीं हुआ है, जबकि अगली फसल आ रही है. योगी सरकार में चीनी महंगी हो गई फिर भी गन्ने का कोई दाम नहीं बढ़ा, चावल महंगा हो रहा है तब भी किसान के धान की कीमत नहीं बढ़ी, आटा के भाव आसमान पर हैं, लेकिन गेंहू के दाम जस के तस हैं. किसानों की आय दोगनी करना मेरे मुद्दों में से है.

सड़कों का करेंगे उद्धार
नोमान मसूद ने कहा कि गंगोह विधानसभा क्षेत्र की सड़कें बदहाल हुई पड़ी हैं. सड़कों में गड्ढे नहीं बल्कि गड्डों में सड़क देखने को मिल रही है. हालांकि कस्बा गंगोह में चेयरमैन रहते मैने काफी सुधार कराया था, लेकिन गांव, देहात की सड़कों का बहुत बुरा हाल हुआ पड़ा है. इस चुनाव में सड़कों को ठीक कराना मेरी प्राथमिकता रहेगी.

क्या अब भी है मोदी लहर
मोदी लहर के सवाल पर नोमान मसूद ने कहा कि पिछला चुनाव गंगोह सीट पर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में अजीब तूफान यानी मोदी लहर चली थी. इस दौरान भी मुझे करीब 62 हजार वोट मिले थे और मैं दूसरे नंबर पर रहा था. इसके अलावा सहारनपुर में ही बेहट और सहारनपुर देहात विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर कांग्रेस ने परचम लहराया था. इसी तरह मेरा वोट हमेशा मेरे साथ रहा है. मोदी लहर नहीं मैं वोटों के धुवीकरण के चलते हार गया था. भाजपा यही काम करती है, लेकिन इस बार गंगोह क्षेत्र में वोटों का धुवीकरण नहीं होगा. मुझे सर्व समाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिसके चलते मुझे शत प्रतिशत जीत मिलने जा रही है.

सहारनपुर : उत्तर प्रदेश की 13 विधानसभा सीटो पर होने वाले उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की तैयारियां जोरों पर हैं. सहारनपुर की गंगोह विधानसभा सीट पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने 12 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी ने इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद को गंगोह विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में नोमान मसूद ने विधानसभा को लेकर अपनी प्राथमिकताएं गिनाई.

गंगोह विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नोमान मसूद की ईटीवी भारत से खास बातचीत.

नोमान मसूद की गंगोह को लेकर प्रथमिकताएं
नोमान मसूद पर कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताया है. उन्हें उपचुनाव का टिकट मिल चुका है. नोमान मसूद 2017 का विधानसभा चुनाव भी लड़े थे. उस दौरान बीजेपी के प्रदीप चौधरी से करीब ढाई हजार मतों से हार कर दूसरे नम्बर पर रहे थे. ईटीवी भारत से बात करने पर नोमान मसूद ने बताया कि मोदी सरकार जनविरोधी है. मेरे पार्टी के अपने मुद्दे हैं, हम देश के अन्दर बेहतर माहौल चाहते हैं, साम्प्रदायिक सौहार्द चाहते हैं, हमारा देश और प्रदेश विकास की राह पर चले, इसको लेकर कांग्रेस पार्टी की स्तिथि बिल्कुल स्पष्ट है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाजेपी ने देश में सौहार्द को खराब कर दिया है. उस माहौल से निकालना कांग्रेस का पहली प्राथमिकता है.

बहुजन और भाजपा सरकार में हो रहा जनता का उत्पीड़न
पूर्व में रही बसपा सरकार पर बड़ा हमला करते हुए नोमान ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान तो जनता का उत्पीड़न हुआ है. मायावती की सरकार में उत्पीड़न का वो दौर चला है, जिसके चलते बहुजन समाज पार्टी धरातल पर चली गई है. बसपा का तो केवल एक ही मुद्दा रह गया है जो सबसे ज्यादा भारी थैली देगा बसपा सुप्रीमो उसको टिकट देती हैं. बसपा में न तो कार्यकर्ताओं को देखा जाता है और न लोगों के समर्पण को.

इसे भी पढ़ें:- 87 साल का नौजवान हूं, मेरा तन टायर नहीं है मेरा मन रिटायर नहीं: कल्याण सिंह

भाजपा ने नहीं कराया विकास
नोमान मसूद ने बीजेपी से विधायक रहे प्रदीप चौधरी के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों पर बोलते हुए कहा कि पहले कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे प्रदीप चौधरी जो बाद में बीजेपी में चले गए और भाजपा से विधायकी भी जीते और अब सांसद भी हैं. प्रदीप चौधरी ने बातें तो बहुत की, लेकिन उनका अमल नहीं हो पाया. नोमान मसूद ने गंगोह इलाके से हरियाणा राज्य को जोड़ने वाले अधूरे पड़े यमुना नदी के पुल का जिक्र करते हुए कहा कि यमुना नदी के पुल को बनने में 10 साल लग गए, लेकिन आवागमन अभी तक भी नहीं चालू हुआ है. अन्य जगहों पर दो साल में पुल बनाकर चालू कर दिए जाते हैं. मसूद का यह कहना है कि यदि वह चुनाव जीतते हैं तो इस पुल को चालू करवाना उनकी प्राथमिकता रहेगी.

स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा होगा फोकस
सड़कों के सवाल पर नोमान मसूद ने कहा कि कोई शक नहीं है कि ज्यादातर सड़कें टूटी हुई हैं और विकास कार्य धरातल पर कहीं नहीं दिख रहा है. सीएम योगी के दौरे पर बोलते हुए कहा कि योगी जी आये थे 450 करोड़ रुपये की योजनाओं का एलान कर गए, लेकिन गंगोह क्षेत्र को कुछ नहीं मिला. गंगोह को हम तहसील बनाने की मांग कर रहे हैं, जिस पर सरकार बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है. यदि वह चुनाव जीतते हैं तो गंगोह को तहसील बनाया जाएगा.

किसानों की स्थिति सुधारना
नोमान मसूद ने कहा कि किसान का गन्ने का बकाया भुगतान नहीं हुआ है, जबकि अगली फसल आ रही है. योगी सरकार में चीनी महंगी हो गई फिर भी गन्ने का कोई दाम नहीं बढ़ा, चावल महंगा हो रहा है तब भी किसान के धान की कीमत नहीं बढ़ी, आटा के भाव आसमान पर हैं, लेकिन गेंहू के दाम जस के तस हैं. किसानों की आय दोगनी करना मेरे मुद्दों में से है.

सड़कों का करेंगे उद्धार
नोमान मसूद ने कहा कि गंगोह विधानसभा क्षेत्र की सड़कें बदहाल हुई पड़ी हैं. सड़कों में गड्ढे नहीं बल्कि गड्डों में सड़क देखने को मिल रही है. हालांकि कस्बा गंगोह में चेयरमैन रहते मैने काफी सुधार कराया था, लेकिन गांव, देहात की सड़कों का बहुत बुरा हाल हुआ पड़ा है. इस चुनाव में सड़कों को ठीक कराना मेरी प्राथमिकता रहेगी.

क्या अब भी है मोदी लहर
मोदी लहर के सवाल पर नोमान मसूद ने कहा कि पिछला चुनाव गंगोह सीट पर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में अजीब तूफान यानी मोदी लहर चली थी. इस दौरान भी मुझे करीब 62 हजार वोट मिले थे और मैं दूसरे नंबर पर रहा था. इसके अलावा सहारनपुर में ही बेहट और सहारनपुर देहात विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर कांग्रेस ने परचम लहराया था. इसी तरह मेरा वोट हमेशा मेरे साथ रहा है. मोदी लहर नहीं मैं वोटों के धुवीकरण के चलते हार गया था. भाजपा यही काम करती है, लेकिन इस बार गंगोह क्षेत्र में वोटों का धुवीकरण नहीं होगा. मुझे सर्व समाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिसके चलते मुझे शत प्रतिशत जीत मिलने जा रही है.

Intro:सहारनपुर : उत्तर प्रदेश की 13 विधानसभा सीटो पर होने वाले उपचुनाव के लिए जहां निर्वाचन आयोग तैयारियों में जुटा है वहीं सभी राजीनीतिक दलों ने भी चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली है। सत्तारूढ़ बीजेपी हो या विपक्षी दल कांग्रेस, सपा, बसपा सबकी नजर उपचुनाव जीतने के लिए दिन रात एक कर रहे है। खास बात ये है सहारनपुर की गंगोह विधानसभा सीट पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है। शायद यही वजह है कि पिछले दिनों सीएम योगी स्वम गंगोह क्षेत्र में लाभार्थी मेले की अध्यक्षता कर 450 करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओ के लोकार्पण और शिलान्यास कर चुके हैं। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी नोमान मसूद ने सीएम दौरे को महज एक खानापूर्ति का दौरा करार देते हुए बताया कि 450 करोड़ की योजनाओ में गंगोह विधानसभा क्षेत्र को कुछ नही दिया गया। ईटीवी से EXCLUSIVE बातचीत में कांग्रेस से गंगोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किये गए नोमान मसूद ने न सिर्फ स्थानीय मुद्दे गिनाए बल्कि जनता के साथ खड़े रहने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार जीत तो लगी रहती है लेकिन जनता की सेवा करने के लिए वे जनता के बीच रहते है। उपचुनाव में नोमान मसूद अपनी जीत के लिए 99 प्रतिशत आश्वश्त है।


Body:VO 1 - उपचुनाव घोषित होने में कुछ ही समय बचा है लेकिन सभी पार्टियां चुनाव लड़ने के लिए जोड़ तोड़ में जुट गई हैं। सहारनपुर की गंगोह विधान सभा सीट की बात करें तो इस सीट पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है। गंगोह विधानसभा सीट से 2017 में बीजेपी के प्रदीप चौधरी ने कांग्रेस को हराकर अपने नाम किया था और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदीप चौधरी को बीजेपी को लोकसभा चुनाव लड़ाकर बीजेपी ने संसद भेज दिया। जिसके बाद यह सीट खाली हुई है। नियमानुसार गंगोह विधानसभा सीट पर भी अब उपचुनाव होने जा रहा है। यहां के लिए सबसे पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर विवादित बयानों के चलते चर्चाओं में रहने वाले प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद को चुनाव मैदान में उतारा है। नोमान मसूद 2017 के विधान सभा चुनाव भी लड़े थे उस दौरान बीजेपी के प्रदीप चौधरी से करीब ढाई हजार मतों से हार कर दूसरे नम्बर पर रहे थे। इससे पहले नोमान मसूद गंगोह नगर पालिका के चेयरमैन पद पर काबिज रह चुके है। कांग्रेस प्रत्याशी नोमान मसूद से EXCLUSIVE बातचीत में न सिर्फ स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की बल्कि केंद्र की मोदी सरकार को भी जन विरोधी सरकार बताया है। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के अपने मुद्दे है, हम देश के अंदर बेहतर माहौल चाहते है, साम्प्रदायिक सौहार्द चाहते है, हमारा देश और प्रदेश विकास की राह पर चले। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी की स्तिथि बिल्कुल स्पष्ट है। आज देश जिस हालात में जा रहा है जीटीबी डाउन हो रही है, देश मे अजीब तनाव का माहौल बनता जा रहा है। जनमानस अपने को असुरक्षित समझने लगा है। उन्होंने कहा कि हमारा देश एक गुलदस्ता है सभी इस देश मे प्यार मोहब्बत के साथ रहते है। यह दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां सभी धर्मों के लोग इज्जत और सम्मान के साथ भारतीय सविधान में सबको बराबरी का हक दिया गया है। बीजेपी सरकार आने पर आज उस पर दिक्कत हो रही है। कांग्रेस उस माहौल को तरक्की की तरफ लेकर जाए यही असली मुद्दा है।
पूर्व में विधायक बसपा से महिपाल माजरा और कांग्रेस एवं बीजेपी से विधायक रहे प्रदीप चौधरी के कार्यकाल में हुए विकास कार्यो पर बोलते हुए नोमान मसूद ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान तो जनता का उत्पीड़न हुआ है। मायावती की सरकार में उत्पीड़न का वो दौर चला है जिसके चलते बहुजन समाज पार्टी धरातल पर चली गई है। बसपा का तो केवल ही मुद्दा रह गया है। जो सबसे ज्यादा भारी थैली देगा बसपा सुप्रीमो उसको टिकट देती है। बसपा में न तो कार्यकर्ताओ को देखा जाता है और ना लोगो के समपर्ण को देखते है। कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे प्रदीप चौधरी जो बाद में बीजेपी में चले गए और भाजपा से विधायक भी जीते और अब सांसद भी है। प्रदीप चौधरी ने बाते तो बहुत की लेकिन उतना अमल नही हो पाया। नोमान मसूद ने गंगोह इलाके से हरियाणा राज्य को जोड़ने वाले अधूरे पड़े यमुना नदी के पुल का जिक्र करते हुए कहा कि यानुना नदी के पुल को बनने में 10 साल लग गए लेकिन आवागमन अभी तक भी नही हुआ है। हालांकि बाकी जगहों पर 2 साल में पुल बनाकर चालू कर दिए जाते हैं। गंगोह की लाइफ लाइन बनने वाला यह पुल आज तक चालू नही हुआ है। उनका कहना है कि यदि यह पुल जल्दी चालू हो जाता है तो हरियाणा से जुड़ कर गंगोह क्षेत्र का विकास होता है। यदि उपचुनाव में उनकी जीत होती है तो सबसे पहले वे प्राथमिकता पर यमुना नदी के पुल को चालू कराने का काम करेंगे। इसके अलावा स्थानीय मुद्दों पर बोलते हुए कहा कि देखिए जहां तक गंगोह क्षेत्र की सडको की बात करे तो इसमें कोई शक नही की गंगोह क्षेत्र की ज्यादातर सड़के टूटी पड़ी है। और विकास कार्य धरातल पर कही कुछ नही दिख रहा है। सीएम योगी के दौरे पर बोलते हुए कहा कि योगी जी आये थे 450 करोड़ रुपये की योजनाओ का एलान कर गए लेकिन गंगोह क्षेत्र को कुछ मिला। गंगोह विधानसभा क्षेत्र के बारे में कोई एलना नही किया गया। कई दशक से कांग्रेस गंगोह को तहसील का दर्जा देने की मांग भी करती रही है लेकिन इस पर योगी सरकार ने कोई अमल नही किया। यदि कस्बा गंगोह तहसील बन जाये तो 200 से ज्यादा गांवो के किसानो को बहुत फायदा मिलेगा। छोटे वे काम के लिए ग्रामीणों को 25 से 40 किलोमीटर दूर नकुड़ जाना पड़ता है। इस दौरान उन्होंने गन्ना बकाया भुगतान पर बोलते हुए कहा कि किसान का गन्ने का बकाया भुगतान नही हुआ है। जबकि अगली फसल आ रही है योगी सरकार में तो किसानों के लिए ही आम जनता के लिए अजीबो गरीब कारनामे देखने को मिल रहे है। चीनी महंगी हो गई, गन्ने का कोई दाम नही बढ़ा, चावल महंगा हो रहा है, किसान के धान की कोई कीमत नही, आटा के भाव आसमान पर है गेंहू के दाम जस के तस है। बहरहाल किसान जो कच्चा माल दे रहा है उसकी कीमत पर भी बढ़ोतरी होनी चाहिए। उसी तरह गंगोह विधानसभा क्षेत्र की सड़कें बदहाल हुई पड़ी है। सडको में गड्ढे नही बल्कि गड्डो में सड़क देखने को मिल रही है। हालांकि कस्बा गगोह में चेयरमैन रहते उन्होंने ही कुछ सुधार कराया था लेकिन ग़ांव देहात की सडको का बहुत बुरा हाल हुआ पड़ा है। बसपा महिपाल माजरा विधायक रहे हो या फिर कांग्रेस से प्रदीप चौधरी लेकिन कही भी संतोषजनक काम नही हुआ है। प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद और भाई नोमान मसूद पहले भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके है। जहां दोनों ने बीजेपी प्रत्याशियों के सामने मुहं की खानी पड़ी थी। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव गंगोह सीट पर ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में अजीब तूफान यानी मोदी लहर चली थी इस दौरान भी वे करीब 62 हजार वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे। इसके अलावा सहारनपुर में ही बेहट और सहारनपुर देहात विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर कांग्रेस का परचम लहराया था। इसी तरह मेरा वोट हमेशा मेरी साथ रहा है। हालांकि नोमान मसूद वोटो के धुर्वीकरण के चलते भी हार मान रहे हैं। लेकिन उस बार गंगोह क्षेत्र में वोटो का धुर्वीकरण नही होगा। मुझे सर्व समाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है जिसके चलते वे शत शत प्रतिशत जीत मिलने जा रही है। जातीय समीकरण की बात करें तो गंगोह सीट पर बीजेपी और सपा हिन्दू गुर्जर और बसपा मुस्लिम गुर्जर को प्रत्याशी बनाकर मैदान में भेज रही है ऐसे में नोमान मसूद की राह आसान नही होगी। क्योंकि गंगोह विधानसभा क्षेत्र गुर्जर बाहुल्य सीट मानी जाती है। उस सवाल पर नोमान मसूद का कहना है कि वे जातिवाद पर विश्वास नही करते। उन्हें सभी जातियों का समर्थन मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों में गंगोह इलाके में कोई जातीय हिंसा, साम्प्रदायिक हिंसा तो दूर आपसी झगड़े भी नही होने दिए है। उपचुनाव में मोदी लहर के सवाल पर कहा कि जहां तक मोदी लहर की बात है वो तो एक धुर्वीकरण का खेल था। वो पहले हुआ है लेकिन इस बार मोदी जी का कोई असर उपचुनाव पर नही पड़ने वाला है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद समेत दोनों भाई चुनाव लड़े और एक साथ दोनों ही हार गए। इस पर उन्होंने अपने दादा और चाचा का जिक्र करते हुए कहा कि 1952 से लगातार चुनाव लड़ कर हारते रहे और 1969 में जाकर जीत हासिल हुई थी। इसी तरह ये भी लगातार जनता के बीच रहकर चुनाव लड़ते आ रहे है। इन्हें उम्मीद है एक दिन उनकी भी जीत होगी।

बाईट - नोमान मसूद ( गंगोह से उपचुनाव प्रत्याशी कांग्रेस )


Conclusion:FVO - उपचुनाव की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन भी तैयारियां कर रहा है। राजनीतिक दलों ने जनसंपर्क अभियान छेड़ दिया है। ग़ांव ग़ांव जाकर मतदाताओं को रिझाआया जा रहा है। अब सबको इंतजार है तो बस निर्वाचन आयोग से जारी होने वाली अधिसूचना का।

रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759845153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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