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शर्मनाक: नहीं मिला इलाज तो बुजुर्ग ने तोड़ा दम, अस्पताल के बाहर भीगता रहा शव

सहारनपुर जिला अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग को इलाज तो दूर स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ, जिससे उसकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई. इतना ही नहीं, बुजुर्ग का शव बारिश में भींगता रहा और मेडिकल स्टाफ तमाशबीन बना देखता रहा.

elderly death due to lack of treatment in saharanpur district hospital
सहारनपुर जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में मरीज की मौत.
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Published : Jul 27, 2020, 8:05 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कोरोना काल में मरीजों को बेहतर इलाज देने का राग अलाप रही है, वहीं सहारनपुर के जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में हुई एक बुजुर्ग की मौत ने सरकार के सभी दावों की पोल खोल के रख दी है. इमरजेंसी वार्ड में इलाज कराने आए बुजुर्ग को इलाज तो दूर स्ट्रेचर भी नसीब नहीं हो पाया, जिसके चलते बुजुर्ग ने अस्पताल परिसर में ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.

अस्पताल के बाहर बुजुर्ग ने तोड़ा दम.

चौंकाने वाली बात यह है कि मरीज की पत्नी घण्टों तक शव के पास बारिश में भीगती रही, जबकि अस्पताल स्टाफ आराम फरमाता रहा. घंटों बाद वहां से गुजर रहे दो युवकों ने शव को उठाकर रैन बसेरे में रखा. इस बाबत जब सीएमएस से बात की गई तो उनका जवाब भी चौंकाने वाला था.

तमाशबीन बने देखते रहे लोग
दरअसल, सोमवार की सुबह एक बुजुर्ग महिला अपने बीमार पति को लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्टाफ ने मरीज को भर्ती कर इलाज करना तो दूर स्ट्रेचर देना भी जरूरी नहीं समझा. बुजुर्ग जमीन पर गिर गया तो उसको उठाने की भी जहमत नहीं उठाई. हद तो उस वक्त हो गई, जब मरीज इलाज के लिए तड़पने लगा और अस्पताल का स्टाफ तमाशबीन बना रहा. जिंदगी-मौत के बीच फंसा बुजुर्ग आखिर में मौत से हार गया और तड़प-तड़पकर उसने दुनिया को अलविदा कह दिया.

वायरल वीडियो से हुआ खुलासा
जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर जमीन पर पड़े शव को अन्य मरीज, तीमारदारों के साथ अस्पताल का स्टाफ भी टकटकी लगाए देख रहा था, लेकिन किसी ने भी शव को उठाकर छाया में रखने की जरूरत नहीं समझी. बुजुर्ग का शव और उसकी पत्नी घण्टों तक बारिश में भींगते रहे. जिला अस्पताल की लापरवाही और मनमानी की यह करतूत किसी शख्स ने अपने कैमरे में कैद कर ली और उसे वायरल कर दिया.

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है किस तरह शव खुले आसमान के नीचे बारिश में भीग रहा है और बुजुर्ग महिला शव के पास बैठी अपनी किस्मत एवं सरकारी व्यवस्था को कोस रही है. शव को भींगता देख दो युवकों का दिल पसीजा तो उन्होंने शव को छाया में रख दिया. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के कान पर जूं नही रेंगी.

सीएमएस ने दी सफाई
इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने सीएमएस डॉ. एस.के.वार्ष्णेय से बात की तो उन्होंने बेतुका जवाब देते हुए बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति का शव अकेले ही अस्पताल आया था, जिसको डॉ. प्रवेश अहमद ने चेक किया तो वह ब्रॉड डेड मिला. इसके बाद महिला का आना बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिन युवकों ने शव को उठाकर रैन बसेरे में रखा है, उन लोगों ने मास्क लगाया हुआ था, जिसकी वजह से उनकी पहचान नहीं हो पा रही है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर में नाबालिग की हत्या का मामला, मां-मामा ही निकले हत्यारे

युवकों की कराई जाएगी जांच
अब सीएमएस साहब अस्पताल स्टाफ की करतूतों को छिपाने के लिए दोनों युवको की जांच कराने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि शव को उठाकर रखना कानूनी अपराध है, जिसके चलते दोनों युवकों की जांच कराने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी.

सहारनपुर: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कोरोना काल में मरीजों को बेहतर इलाज देने का राग अलाप रही है, वहीं सहारनपुर के जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में हुई एक बुजुर्ग की मौत ने सरकार के सभी दावों की पोल खोल के रख दी है. इमरजेंसी वार्ड में इलाज कराने आए बुजुर्ग को इलाज तो दूर स्ट्रेचर भी नसीब नहीं हो पाया, जिसके चलते बुजुर्ग ने अस्पताल परिसर में ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.

अस्पताल के बाहर बुजुर्ग ने तोड़ा दम.

चौंकाने वाली बात यह है कि मरीज की पत्नी घण्टों तक शव के पास बारिश में भीगती रही, जबकि अस्पताल स्टाफ आराम फरमाता रहा. घंटों बाद वहां से गुजर रहे दो युवकों ने शव को उठाकर रैन बसेरे में रखा. इस बाबत जब सीएमएस से बात की गई तो उनका जवाब भी चौंकाने वाला था.

तमाशबीन बने देखते रहे लोग
दरअसल, सोमवार की सुबह एक बुजुर्ग महिला अपने बीमार पति को लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्टाफ ने मरीज को भर्ती कर इलाज करना तो दूर स्ट्रेचर देना भी जरूरी नहीं समझा. बुजुर्ग जमीन पर गिर गया तो उसको उठाने की भी जहमत नहीं उठाई. हद तो उस वक्त हो गई, जब मरीज इलाज के लिए तड़पने लगा और अस्पताल का स्टाफ तमाशबीन बना रहा. जिंदगी-मौत के बीच फंसा बुजुर्ग आखिर में मौत से हार गया और तड़प-तड़पकर उसने दुनिया को अलविदा कह दिया.

वायरल वीडियो से हुआ खुलासा
जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर जमीन पर पड़े शव को अन्य मरीज, तीमारदारों के साथ अस्पताल का स्टाफ भी टकटकी लगाए देख रहा था, लेकिन किसी ने भी शव को उठाकर छाया में रखने की जरूरत नहीं समझी. बुजुर्ग का शव और उसकी पत्नी घण्टों तक बारिश में भींगते रहे. जिला अस्पताल की लापरवाही और मनमानी की यह करतूत किसी शख्स ने अपने कैमरे में कैद कर ली और उसे वायरल कर दिया.

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है किस तरह शव खुले आसमान के नीचे बारिश में भीग रहा है और बुजुर्ग महिला शव के पास बैठी अपनी किस्मत एवं सरकारी व्यवस्था को कोस रही है. शव को भींगता देख दो युवकों का दिल पसीजा तो उन्होंने शव को छाया में रख दिया. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के कान पर जूं नही रेंगी.

सीएमएस ने दी सफाई
इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने सीएमएस डॉ. एस.के.वार्ष्णेय से बात की तो उन्होंने बेतुका जवाब देते हुए बताया कि बुजुर्ग व्यक्ति का शव अकेले ही अस्पताल आया था, जिसको डॉ. प्रवेश अहमद ने चेक किया तो वह ब्रॉड डेड मिला. इसके बाद महिला का आना बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिन युवकों ने शव को उठाकर रैन बसेरे में रखा है, उन लोगों ने मास्क लगाया हुआ था, जिसकी वजह से उनकी पहचान नहीं हो पा रही है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर में नाबालिग की हत्या का मामला, मां-मामा ही निकले हत्यारे

युवकों की कराई जाएगी जांच
अब सीएमएस साहब अस्पताल स्टाफ की करतूतों को छिपाने के लिए दोनों युवको की जांच कराने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि शव को उठाकर रखना कानूनी अपराध है, जिसके चलते दोनों युवकों की जांच कराने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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