सहारनपुर: नकुड़ तहसील में किसान के किडनी बेचने के मामले में ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित किए जाने के बाद जिलाधिकारी ने मामले में जांच बैठा दी है. इसके साथ ही संबंधित बैंकों को नोटिस जारी कर मैनेजर को तलब कर लिया है. जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने बताया कि बैंक मैनेजर को किसान को लोन देने या नहीं देने का कोई अधिकार नहीं है. इस मामले में जिस बैंक मैनेजर की लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
नकुड़ तहसील के चत्तरसाली गांव के रहने वाले किसान रामकुमार ने बैंकों की कार्यशैली से हताश होकर अपनी किडनी की नीलामी करने का विज्ञापन बंटवा दिया. किसान रामकुमार ने किडनी बेचने की इस्तिहार सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी. इसके बाद देश-विदेश के जरूरतमन्दो ने फोन कर एक करोड़ रुपये तक की बोली लगा दी. ईटीवी भारत पर इस खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया. जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने आनन-फानन में एसडीएम नकुड़ को गांव भेजकर न सिर्फ मामले की जांच कराई बल्कि एसडीएम के माध्यम से रामकुमार को ऐसा नहीं करने के लिए समझाया भी.
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जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट के आधार पर किसान स्वरोजगार के लिए ऋण ले सकता है. इसके बाद भी बैंकों ने रामकुमार को किन्ही कारणों से ऋण देने से मना कर दिया, जो सरकार की योजना के खिलाफ है. इस मामले का संज्ञान ले लिया गया है. जिन बैंकों में पीड़ित रामकुमार ने ऋण के लिए आवेदन किया था, उन सबको नोटिस भेज मैनेजरों को तलब कर लिया है.
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उन्होंने बताया कि सोमवार को सभी मैनेजरों को बुलाकर ऋण नहीं देने का कारण पूछा जाएगा. इस प्रकरण में यदि किसी बैंक मैनेजर की लापरवाही मिलती है तो उसके खिलाफ कानूनी तौर पर कार्रवाई की जाएगी. उनका कहना है कि अक्सर बैंक मैनेजर अपने चहेतों को ऋण दे देते हैं. रामकुमार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण लेकर आया है. सर्टिफिकेट के आधार पर नियमानुसार किसान को ऋण दिया जाएगा.