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टिक-टॉक वीडियो बनाना इस्लाम में नाजायज: देवबंद उलेमा

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में उलेमाओं ने टिक-टॉक वीडियो बनाने को शरीयत के खिलाफ बताया है. उलेमाओं का कहना है कि बिना जरूरत वीडियो व फोटोग्राफी करना इस्लाम के खिलाफ है.

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Published : Jul 9, 2019, 10:56 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

टिक-टॉक वीडियो बनाना शरियत में नाजायज.

सहारनपुर: दंगल गर्ल जायरा वसीम के फिल्मों से तौबा करने और तबरेज अंसारी की मौत के बाद सोशल मीडिया पर टिक-टॉक वीडियो बनाकर भड़काऊ भाषण देने को देवबंदी उलेमाओं ने शरीयत के खिलाफ बताया है. उलेमाओं ने इसे इस्लाम में नाजायज करार दिया है. उलेमाओं के मुताबिक बिना जरूरत वीडियो और फोटोग्राफी करना इस्लाम के खिलाफ है.

उलेमाओं ने कहा बिना जरूरत वीडियो व फोटोग्राफी करना इस्लाम के खिलाफ.

उलेमाओं ने दी वीडियो न बनाने की हिदायत

  • इन दिनों टिक-टॉक, विगो, LIKE आदि मोबाइल एप्प पर वीडियो बनाने का प्रचलन जोरों पर चल रहा है.
  • हर वर्ग के युवक-युवतियां वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं.
  • कई लोग तो भड़काऊ भाषण की वीडियो भी वायरल कर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
  • देवबंदी उलेमाओं ने मुस्लिम युवक-युवतियों से ऐसी कोई भी वीडियो एवं फोटोग्राफी नहीं करने की हिदायत दी है.

बिना जरूरत वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी- शरीयत में नाजायज

  • जायरा वसीम द्वारा फिल्मों से तौबा करने पर छिड़ी बहस अभी थमी भी नहीं कि सोशल मीडिया पर चल रहे टिक-टॉक वीडियो बनाने को भी उलेमा ने नाजायज करार दिया है.
  • देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने बताया कि बिना जरूरत वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी शरीयत में पहले से ही नाजायज मानी गई हैं.
  • इस्लाम में केवल जरूरत के लिए वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी कराने की छूट दी गई है.
  • मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि टिक-टॉक पर वीडियो ग्राफी या सेल्फी लेने का शरई फरमान सबको पता है, जो लोग शरीयत की मुखालफत करते हैं, यकीनन वह गुनहागार हैं.

सहारनपुर: दंगल गर्ल जायरा वसीम के फिल्मों से तौबा करने और तबरेज अंसारी की मौत के बाद सोशल मीडिया पर टिक-टॉक वीडियो बनाकर भड़काऊ भाषण देने को देवबंदी उलेमाओं ने शरीयत के खिलाफ बताया है. उलेमाओं ने इसे इस्लाम में नाजायज करार दिया है. उलेमाओं के मुताबिक बिना जरूरत वीडियो और फोटोग्राफी करना इस्लाम के खिलाफ है.

उलेमाओं ने कहा बिना जरूरत वीडियो व फोटोग्राफी करना इस्लाम के खिलाफ.

उलेमाओं ने दी वीडियो न बनाने की हिदायत

  • इन दिनों टिक-टॉक, विगो, LIKE आदि मोबाइल एप्प पर वीडियो बनाने का प्रचलन जोरों पर चल रहा है.
  • हर वर्ग के युवक-युवतियां वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं.
  • कई लोग तो भड़काऊ भाषण की वीडियो भी वायरल कर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
  • देवबंदी उलेमाओं ने मुस्लिम युवक-युवतियों से ऐसी कोई भी वीडियो एवं फोटोग्राफी नहीं करने की हिदायत दी है.

बिना जरूरत वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी- शरीयत में नाजायज

  • जायरा वसीम द्वारा फिल्मों से तौबा करने पर छिड़ी बहस अभी थमी भी नहीं कि सोशल मीडिया पर चल रहे टिक-टॉक वीडियो बनाने को भी उलेमा ने नाजायज करार दिया है.
  • देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने बताया कि बिना जरूरत वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी शरीयत में पहले से ही नाजायज मानी गई हैं.
  • इस्लाम में केवल जरूरत के लिए वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी कराने की छूट दी गई है.
  • मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि टिक-टॉक पर वीडियो ग्राफी या सेल्फी लेने का शरई फरमान सबको पता है, जो लोग शरीयत की मुखालफत करते हैं, यकीनन वह गुनहागार हैं.
Intro:सहारनपुर : दंगल गर्ल जायरा वसीम के फिल्मों से तौबा करने और तबरेज अंसारी की मौत के बाद सोशल मीडिया पर टीक-टॉक वीडियो बनाकर भड़काऊ भाषण देने को देवबंदी उलेमाओ ने गैर शरीयत के खिलाफ बताया है बल्कि इस्लाम मे नाजायज करार दिया है। उलेमाओ के मुताबिक बिना जरुरत वीडियो और फोटोग्राफी करना इस्लाम के खिलाफ है। दारुल उलूम इसके लिए फतवा भी जारी कर चुका है बावजूद इसके जानते हुए मुस्लिम युवक और युवतियां टिक टॉक आदि पर वीडियो ग्राफी से गुरेज नही कर रहे है। तो ऐसे में वे लोग शरीयत के हिसाब से गुनेहगार माने गए है।Body:VO 1 - आपको बता दें कि इन दिनों टिक टॉक , विगो, LIKE आदि मोबाइल एप्प पर वीडियो बनाने का प्रचलन जोरो पर चल रहा है। हर वर्ग के युवक युवतियां विभिन्न वीडियो बनाकर सोशल मीडिया अपर वायरल कर रहे है। कई लोग तो भड़काऊ भाषण की वीडियो भी वायरल कर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे है। पश्चमी देशों की इस सभ्यता को देखते हुए देवबंदी उलेमाओ ने मुस्लिम युवक युवतियों से ऐसी कोई भी वीडियो एवं फ़ोटो ग्राफी नही करने की हिदायत दी है। जायरा वसीम द्वारा फिल्मों से तौबा करने पर छिड़ी बहस अभी थमी भी नहीं कि सोशल मीडिया पर चल रहे टीक-टॉक बनाने को भी उलेमा ने नाजायज करार दिया है। देवबंदी उलेमा मुफ़्ती असद कासमी ने बताया कि बिना जरुरत वीडियो ग्राफी हो या फोटो ग्राफी शरीयत में पहले से ही नाजायज मानी गई हैं। इस्लाम मे केवल जरुरत के लिए वीडियो ग्राफी या फोटो ग्राफी कराने की छूट दी गई है। मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मोबाइल पर टीक-टॉक पर वीडियो ग्राफी या सेल्फी लेने का शरई फरमान सबको पता है। और जो लोग शरीयत की मुखालफत करते हैं यकीनन वह गुनहागार हैं। 

बाइट - मुफ्ती असद कासमी ( मोहतमिम मदरसा जामिया शेख -उल- हिंद )Conclusion:FVO - TIK TOK समेत कई एप्प पर वीडियो ग्राफी कर सोशल मिडिया पर डालने का फैशन बना हुआ है। युवाओ में वीडियो बनाने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसको लेकर उलमाओ ने मुस्लिम युवक युवतियों को बिना जरूरत के वीडियो एवं फोटोग्राफी नही करने की हिदायत दी है। उलेमाओ के इस हिदायत पर मुस्लिम युवा कितना अमल करते है ये देखने वाली बात होगी।

रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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