सहारनपुर: हाथरस जिले में दलित युवती के साथ हुई हैवानियत के बाद हत्या मामले में बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है. खुफिया जांच में न सिर्फ 100 करोड़ से ज्यादा फंडिंग होना पाया गया है, बल्कि जातीय हिंसा कराने की साजिश निकलकर सामने आई है. यह सनसनीखेज दावा ईडी ने किया है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस, भीम आर्मी और पीएफआई संगठनों की साजिश बताई जा रही है. इसमें पीएफआई के चार संदिग्ध सदस्य गिरफ्तार भी किए गए हैं. इस मामले में ईडी के हाथ एक ऑडियो भी लगी है, जिसमें सरकार से नाराजगी जताने पर 25 लाख की एवज में 50 लाख का मुआवजा देने की बात कही गई है. इस मामले पर जिले के कांग्रेसी नेताओं ने सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.
इस साजिश में कांग्रेस का नाम आने के बाद अब कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता सरकार पर हाथरस गैंगरेप मामले को दबाने का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सपा, बसपा ईडी और सीबीआई जांच के डर से चुप बैठे हैं.
ईडी की जांच में हुआ साजिश का पर्दाफाश
हाथरस कांड में पीड़िता को इंसाफ दिलाने की आड़ में मॉरीशस से जातीय हिंसा भड़काने के लिए 100 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग का मामला ईडी की जांच में सामने आया है, जिसके बाद राजीनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. फंडिंग मामले में कांग्रेस, भीम आर्मी और पीएफआई संगठनों के नाम बताए जा रहे हैं. इस मामले में पीएफआई के चार संदिग्ध सदस्यों को मथुरा से हिरासत में भी लिया गया था, जिन्हें बुधवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
जनविरोधी साबित हो चुकी योगी सरकार
कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर ने ईटीवी भारत से बातचीत में सरकार पर न सिर्फ तानाशाही के आरोप लगाए, बल्कि सरकार को जनविरोधी करार दिया है. कांग्रेस विधायक का कहना है कि प्रदेश में आपराधिक घटनाओं के अलावा बहु-बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में योगी सरकार एक दम फेल हो चुकी है. यह सरकार जनविरोधी साबित हो चुकी है. एक के बाद एक आपराधिक घटनाएं उत्तर प्रदेश में हो रही हैं, लेकिन बीजेपी सरकार किसी भी मामले को सही तरीके से सुलझा नहीं पाई है.
दबाव में दी गई पीड़ित परिवार से मिलने की अनुमति
कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर ने कहा कि हाथरस कांड में सरकार ने मनघडंत कहानी बनाकर मामले को दबाने की कोशिश की थी. उन्होंने कह दिया था कि वहां युवती के साथ बालात्कार ही नहीं हुआ, लेकिन यह विपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दबाव में उन्होंने वहां परिवार से मिलने की अनुमति भी दी. मीडिया को भी गांव में जाने की अनुमति मिली. इससे जनता को मामले की सच्चाई का पता लगा.
दबाव में काम कर रही जांच एजेंसियां
कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर ने कहा कि जहां 100 करोड़ रुपये की फंडिंग की बात है. वह सब मुद्दे को भटकाने वाली बात है. देश-प्रदेश की सभी जांच एजेंसियां बीजेपी सरकार के हाथ में हैं. ये जो चाहते हैं वो करा देते हैं. सरकारी एजेंसियों दुरुपयोग किया जा रहा है.
विधायक ने कहा कि एक ओर दुष्कर्म जैसी बड़ी घटना हुई और उसे दबाने के लिए सरकार ने सुशांत वाला मुद्दा उठा दिया. सुशांत मामले में कई फिल्मी कलाकारों को फंसाने का काम किया गया. अब सरकार के पास से वह मुद्दा खत्म हो गया.
असली मुद्दों से भटकाना चाहती है सरकार
कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर ने 100 करोड़ की फंडिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ जो मुद्दे होते हैं, उनसे ध्यान भटकाने के लिए सरकार विपक्ष पर इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रही है. भारतीय जनता पार्टी की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जो लड़ाई लड़ रही हैं, वह सिर्फ कांग्रेस पार्टी लड़ रही है. इसलिए कांग्रेस पर फंडिंग करने कराने का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि पूरा विपक्ष चुप बैठा हुआ है. समाजवादी पार्टी हो या फिर बहुजन समाज पार्टी दोनों A और B पार्टी के रूप में बीजेपी के लिए काम कर रही हैं. विपक्ष की भूमिका अगर सही मायनों में है तो वह सिर्फ कांग्रेस पार्टी और हमारे नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी निभा रहे हैं. इसलिए बीजेपी सरकार को तकलीफ और पेट में दर्द हो रहा है कि कांग्रेस हर मामले में जनता की आवाज में काम क्यों करती है.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने भी उठाए सवाल
वहीं इस मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली का कहना है कि अगर सरकार को लग रहा था कि हाथरस में युवती के साथ बलात्कार नहीं हुआ है, तो राहुल गांधी को वहां जाने से क्यों रोका जा रहा था? क्यों रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के ऊपर डंडे बरसाए जा रहे थे? अगर कोई आदमी पीड़ित परिवार से मिलकर उनका दुख दर्द बांटना चाहता है, तो सरकार उस पर डंडा बरसा रही है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी के साथ बदतमीजी की गई. बीजेपी सरकार हिटलरशाही के साथ देश-प्रदेश को चलाना चाहती है. सभी एजेंसियां केवल उनके लिए काम कर रही हैं.
सपा, बसपा ने जांच के डर से किया सरेंडर
सपा, बसपा के खिलाफ ईडी, सीबीआई समेत कई जांच एजेंसियों में फाइल चल रही है, जिसका दबाव बनाकर सरकार उन्हें अपने हक में कर लेती है. यही वजह है कि हाथरस कांड पर सपा, बसपा चुप बैठे हैं. कांग्रेस पार्टी आम आदमी और मजदूर लोगों की लड़ाई लड़ रही है. उन्होंने कहा कि 100 करोड़ की फंडिंग का आरोप विपक्ष पर लगाया गया है. सरकार उस आरोप को साबित करे.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली ने कहा कि बीजेपी की योगी सरकार पर हजारों आरोप लगाए जा रहे हैं. रात को पीड़िता के शव को जलाने का आरोप, परिजनों को शव नहीं देने का आरोप. उन्होंने कहा कि सरकार ने रात में पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया, बल्कि उसे फूंका गया है, ताकि सारे सबूतों को मिटाया जा सके. यदि पुलिस पीड़िता के शव को परिजनों को दे देती, तो उसका दोबारा पोस्टमार्टम होता, जिससे बलात्कार और मारपीट की पुष्टि हो जाती. इससे पूरी घटना की सच्चाई सामने आ जाती.