सहारनपुर : कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से जहां एक ओर लोगों की मौत हो रही है. वहीं घर से बाहर नहीं निकल पाने के कारण स्कूली बच्चों पर मानसिक दबाव भी बन रहा है. प्रदेश के राज्य एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने बच्चों को शारीरिक रूप से पुनर्वासन प्रदान के निर्देश दिए हैं. साथ ही बच्चों में मानसिक रूप से एक सुरक्षात्मक भावना पैदा करने की व्यवस्था के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए अभिभावक अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं और बच्चों से बातचीत करें.
राज्य एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष मंगलवार को सहारनपुर दौरे पर पहुंचे. उन्होंने सर्किट हाउस सभागार में बच्चों के लिए काम कर रही सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बच्चों एवं स्कूली छात्रों पर मानसिक दबाव बना हुआ है. संक्रमण न फैले इसलिए बच्चे घरों में कैद होकर रह गए हैं. सामाजिक एवं खुलापन नहीं मिलने के कारण बच्चों पर अनावश्यक मानसिक दबाव बन रहा है. अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ अधिक से अधिक सवांद करना चाहिए.
डॉ. गुप्ता ने कहा कि ऐसे सामाजिक कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की जाए, जो बच्चों की काउंसलिंग को लेकर इच्छुक हो. उन्होंने कहा कि बिना परिवार के रहने वाले बच्चे और जेल में बंद कैदियों के बच्चों से संबंधित मामलों पर विचार कर उपचारात्मक उपाय किए जाने की आवश्यकता है. समाज के विभिन्न वर्गों के बीच बाल अधिकार साक्षरता का प्रसार करना और बच्चों के लिए उपलब्ध सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है. बाल अधिकारों के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए स्वयंसेवी संस्थाएं अहम भूमिका निभा सकती हैं.