सहारनपुर: खनन माफिया एवं पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल पर योगी सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है. सहारनपुर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने सयुंक्त रूप से सोमवार को खनन माफिया हाजी इकबाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. हाजी इकबाल द्वारा शहर की पॉश कालोनी के बनाये गए करोड़ों रुपये कीमत के तीन अवैध निर्माणों पर बुलडजोर चलवा दिया.
सिटी मजिस्ट्रेट, एडीएम फाइनेंस ने सहारनपुर विकास प्राधिकरण और पुलिस बल के साथ भगत सिंह कालोनी पहुंच कर इक़बाल बाला की तीन कोठियों पर बुलडोजर चलवा दिया. तीनों कोठियों को नक्शे के विपरीत बनाया हुआ था. प्रशसनिक अधिकरियो ने बताया कि हाजी इकबाल की दो कोठियां SDA से प्रस्तावित मानचित्र से बाहर बनाया हुआ है. जिन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. जबकि एक कोठी पूरी तरह अवैध बनी है, जिसको ध्वस्त भी पूरी तरह किया जाएगा. हाजी इकबाल ने इन कोठियों को अपराधिक तरीके से कमाए पैसे से बनाया हुआ है. जिसका हाजी इकबाल के पास कोई सबूत भी नही हैं. प्रशानिक अधिकारियों के मुताबिक खनन माफिया हाजी इकबाल ने SDA द्वारा भेजे गए नोटिस का कोई संतोषजनक जवाब नही दिया था. जिसके चलते SDA के आदेश पर हाजी इकबाल की तीन कोठियों पर बुलडोजर चलाया है.
अब तक 125 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार पार्ट 2.0 में हाजी इकबाल से पीड़ित लोगों ने विभिन्न माध्यमों से शिकायत की हाजी इक़बाल के खिलाफ धोखाधड़ी, गैंगस्टर समेत कई धाराओं में दर्जनों मुकदमे दर्ज किए गए। एसएसपी आकाश तोमर ने एक बाद एक गैंगस्टर के तहत कई कार्रवाई की. हाजी इक़बाल द्वारा अपने चहेतों के नाम की गई 125 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को कुर्क किया गया. इसके अलावा हाल ही में महिला द्वारा डाक से भेजी गई शिकायत के आधार पर हाजी इक़बाल, पूर्व एमएलसी भाई महमूद अली समेत बेटे आलीशान, वाजिद चारों बेटोक खिलाफ दुष्कर्म औऱ पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. गैंगस्टर की धाराओं में हाजी इकबाल के तीन बेटे जेल भी जा चुके हैं. हालांकि हाजी इकबाल भाई महमूद के साथ अंडर ग्राउंड है.
कौन है हाजी इकबाल?
बता दें कि सहारनपुर के थाना मिर्जापुर इलाके में रहने वाला हाजी इकबाल कभी परचून की छोटी सी दुकान चलाया करता था. इसके बाद इक़बाल ने न सिर्फ खैर की लकड़ियों की तस्करी की बल्कि गरीब असहाय किसानों को डरा धमका कर उनकी जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया. 2007 में बसपा की सरकार बनी तो हाजी इकबाल खनन माफिया बन गया. देखते ही देखते कुछ ही महीनों में अवैध खनन कर अकूत संपत्ति का बेताब बादशाह बन गया.खास बात तो ये है कि पैसे के बल पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती तक पहुंच गया और जो चाह वो कर लिया. यानी सहारनपुर मंडल के तीनों जिलों में खनन मामले में हाजी इक़बाल का सिक्का चलने लगा. सफेद रेत और पत्थर के काले कारोबार से कुछ ही सालों में हजारों करोड़ रुपये का मालिक बन गया. इसके बाद तो बेहट इलाके के किसानों को डरा धमका कर, थाने में बिठा कर, झूठे मुकदमों में फंसा कर उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया. इकबाल के रसूख के आगे जिला प्रशासन भी मौन रहता थाय ऐसे में अगर किसी अधिकारी के कार्रवाई करने की सोचने मात्र पर या तो पैसों से उसका मुंह बंद कर दिया जाता या फिर उसका ट्रांसफर करा दिया था.
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खनन के काले करोबार के चलते खनन माफिया हाजी इकबाल गांव से निकल कर सहारनपुर शहर आ गया. जहां उसने शासन में मिलीभगत कर अरबों की जमीन को कौड़ियों के भाव खरीद लिया.कई जगहों पर तो डरा धमका कर गरीबों एवं व्यापारियों के प्लाट कब्जा लिये. जहां आज बड़ी बड़ी कोठियां बनी हुई है. शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं होती थी. जिला अधिकारी आवास के बराबर में भगत सिंह कालोनी में तीन कोठियां अवैध रूप से बनाई हुई थी. जिन पर सोमवार को प्रशासन ने कार्रवाई की.