सहारनपुर: 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी राजनीतिक दल मैदान में आ गए है. जहां कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद के भाई नोमान मसूद को टिकट दिया है, वहीं समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री चौधरी यशपाल सिंह के बेटे इन्द्रसेन को चुनाव मैदान में प्रत्याशी घोषित किया है. इस बार उपचुनाव से दूर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी ने भी चुनाव लड़ने का मन बनाया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी 13 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुनावी बिगुल बजा दिया है.
चौधरी इरशाद को प्रत्याशी के रूप में उतारा
सहारनपुर की गंगोह विधानसभा सीट की बात करें तो यहां बसपा ने पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रहे चौधरी इरशाद को बसपा ने प्रत्याशी के रूप में उतारा है. ईटीवी भारत ने बसपा प्रत्याशी चौधरी इरशाद से खास बातचीत की तो उन्होंने न सिर्फ बीजेपी सरकार को घेरने का काम किया हैं बल्कि कांग्रेस की नीतियों पर भी सवाल खड़े किए. बसपा प्रत्याशी चौधरी इरशाद ने जहां गंगोह विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को गिनाया, वहीं पूर्व में बसपा शासनकाल में पार्टी के विधायक को विकास कार्यों का श्रेय दिया है. उनका कहना है कि गंगोह विधानसभा क्षेत्र में ज्यादातर विकास कार्य 2007 में आई बसपा सरकार में कराए गए हैं.
2005 से जिला पंचायत अध्यक्ष रहे
बता दें कि चौधरी इरशाद 2005 से 2010 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं. इससे पहले 2002 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधानसभा सीट सरसावा ( जो वर्तमान में नकुड़ है ) से चुनाव लड़े थे और बसपा में रहे डॉ धर्म सिंह सैनी से महज 3000 हजार वोटों से पराजित हो गए थे. इसके बाद चौधरी इरशाद ने सपा छोड़ बसपा का दामन थाम लिया. कई बार बसपा सुप्रीमो मायावती से हुई मुलाकातों के बाद 61 साल के इरशाद को गंगोह सीट पर उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाकर भरोसा जताया है.
बीजेपी शासन में भुखमरी की कगार पर पूरा देश
स्थानीय मुद्दे गिनाते हुए चौधरी इरशाद ने कहा कि देश की जनता सब जानती है. आज देश के क्या हालात हैं? बीजेपी शासन में पूरा देश आज भुखमरी की कगार पर है. बहुजन समाज पार्टी सर्व सामज की पार्टी है. गंगोह विधानसभा क्षेत्र में बसपा का अपना इतना वोट है कि वे अच्छे मतों से जीत सकती है. आज देश को बहुजन समाज पार्टी की जरूरत है इसलिए वे चुनाव मैदान में उतरे हैं. पूर्व में रही बसपा शासन ने सबसे ज्यादा काम किए हैं, जबकि इसके बाद प्रदीप चौधरी चाहे कांग्रेस से विधायक रहे हो या फिर बीजेपी से विधायक चुने गए हो. उन्होंने कही भी कोई कार्य नहीं कराया.
बीजेपी नेता विकास कार्यों में विश्वास नहीं रखते
उन्होंने खुद भी सभी गांव में योजनाओं के मुताबिक कार्य कराए हैं. यहीं वजह है कि हर गांव के ग्रामीण उन्हें भरपूर समर्थन दे रहे हैं. बसपा और बीजेपी विधायकों द्वारा कराए गए विकास कार्यों की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि जितने गांव में हम दौरा कर रहे हैं. 80 फीसदी से ज्यादा बसपा विधायक महिपाल माजरा द्वारा कराए गए कार्य ही दिख रहे हैं. बीजेपी विधायक पर सवाल खड़े करते हुए चौधरी इरशाद ने कहा कि बीजेपी नेता विकास कार्यों में विश्वास नहीं रखते, ये केवल हिन्दू-मुस्लिम की बात करके देश को तोड़ना चाहते है, देश को बर्बाद करना चाहते है. जनता इस बात को समझ चुकी है.
गंगोह क्षेत्र गुर्जर बाहुल्य क्ष्रेत्र
कांग्रेस और सपा प्रत्याशी चौथे नम्बर की लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं. जातीय समीकरण की बात करे तो यहां तीन प्रत्याशी गुर्जर बिरादरी से आ रहे हैं और गंगोह क्षेत्र गुर्जर बाहुल्य क्ष्रेत्र है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि उपचुनाव में जातीय समीकरण पर चुनाव होगा. क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी भी इस सीट को जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ स्वयं कस्बा गंगोह में लाभार्थी मेले की अध्यक्षता कर 450 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का लोकापर्ण और शिलान्यास कर चुके हैं.