सहारनपुर : जिले के चिकलाना क्षेत्र में यमुना नदी पर पुल नहीं बनने के कारण ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि हर बार चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि पुल बनाने का वादा तो करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही भूल जाते हैं.
आस-पास के ग्रामीण कच्चा पुल बनाकर यमुना नदी पार करते हैं. नदी के किनारे बसे गांव सोंधेपुर और गयासुद्दीनपुर के ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के वर्षों बाद भी इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. पुल नहीं बनने के कारण जाम जोखिम में डालकर नदी को पार करना पड़ता है. नदी से केवल 5 से 7 किलोमीटर दूर हरियाणा राज्य की सीमा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुल बन जाए, तो आवागमन काफी सुगम हो जाएगा और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा.
बारिश में बह जाता है ग्रामीणों का बनाया कच्चा पुल
क्षेत्र के ग्रामीण कच्चा पुल बनाकर आवागमन करते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में नदी में तेज प्रवाह होने के कारण वह बह जाता है और लोग नाव के सहारे नदी पार करते हैं. कुछ समय पहले जब नदी में पानी कम हुआ था, तो सीमेंट के पाइप डाले गए थे, लेकिन हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से वह पाइप भी पानी में बह गया. वहीं ग्रामीणों ने बताया कि नदी पार करने के लिए नाव भी लगाई गई थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से प्रशासन ने सोशल डिस्टेंस का हवाला देते हुए बंद करा दिया.
चुनाव खत्म होने के बाद जनप्रतिनिधि भूल जाते हैं अपने वादे
ग्रामीणों ने बताया कि यह क्षेत्र की सबसे पुरानी और बड़ी समस्या है. हर बार चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि गांव में पहुंचकर लोगों की समस्या सुनते हैं और पुल बनवाने का वादा भी करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के साथ ही वह अपना वादा भी भूल जाते हैं. इस संबंध में कई बार प्रशासन को भी सूचित किया गय, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं किया गया.