सहारनपुरः शंकलापुरी से निकलकर शहर के बीचो-बीच बह रही पांवधोई नदी को जिले की गंगा कहा जाता है. जिले के लोग इसे भागीरथी गंगा मैया की तरह ही पूजते हैं. मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले बाबा लालदास की तपस्या से खुश होकर गंगा नदी सहारनपुर के शंकलापुरी से अवतरित हुई थी. यही वजह है कि गंगा सफाई अभियान की तर्ज पर न सिर्फ इसकी सफाई की जा रही है बल्कि नदी के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये का बजट भी पास किया गया है.
शंकलापुरी से उद्गम के बाद पांवधोई नदी शहर के बीचों बीच होकर डमोला नदी में मिल जाती है. जनपद और आसपास के हजारों लोग पांवधोई नदी में स्नान करने यहां के घाटों पर पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो पांवधोई नदी का पानी भी गंगाजल की तरह पवित्र और शुद्ध माना जाता है, जिसके चलते लोग इस पवित्र नदी में स्नान कर धर्म का लाभ उठाते हैं.
बताया जाता है कि बाबा लालदास जी की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा मैया उनके आश्रम के पास से अवतरित हुई थीं. इसके चलते स्थानीय लोग पांवधोई नदी को छोटी गंगा भी कहा जाता है. मंडलायुक्त संजय कुमार ने बताया कि शहर में पांवधोई नदी और डमोला प्रमुख नदियां हैं, जिनका स्मार्ट सिटी योजना के तहत सौंदर्यीकरण किया जा रहा है.
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उन्होंने बताया कि पांवधोई नदी के 7 किलोमीटर तक दोनों किनारों पर पेड़ लगाने के साथ ही पाथ-वे बनाया जा रहा है. इसके अलावा डमोला नदी में भी सफाई अभियान चलाया गया है. पांवधोई नदी पर सुंदर पार्क के साथ ही बैठने के लिए बेंचे भी लगाई जाएंगी. इसके साथ ही पार्क में एलईडी लाइट लगाने का प्रस्ताव भी पास हुआ है.