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सहारनपुर: करोड़ों की लागत से हो रहा पांवधोई नदी का सौन्दर्यीकरण - सहारनपुर समाचार

यूपी के सहारनपुर में जिला प्रशासन ने पांवधोई नदी का सौंदर्यीकरण करने का बीड़ा उठाया है. इसके तहत नदी के किनारों को पक्का किया जा रहा है. मंडलायुक्त ने बताया कि नदी का सौंदर्यीकरण स्मार्ट सिटी योजना के तहत किया जा रहा है.

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पांवधोई नदी की सौंदर्यीकरण किया जा रहा.
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Published : Feb 10, 2020, 7:45 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुरः शंकलापुरी से निकलकर शहर के बीचो-बीच बह रही पांवधोई नदी को जिले की गंगा कहा जाता है. जिले के लोग इसे भागीरथी गंगा मैया की तरह ही पूजते हैं. मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले बाबा लालदास की तपस्या से खुश होकर गंगा नदी सहारनपुर के शंकलापुरी से अवतरित हुई थी. यही वजह है कि गंगा सफाई अभियान की तर्ज पर न सिर्फ इसकी सफाई की जा रही है बल्कि नदी के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये का बजट भी पास किया गया है.

पांवधोई नदी का सौंदर्यीकरण.

शंकलापुरी से उद्गम के बाद पांवधोई नदी शहर के बीचों बीच होकर डमोला नदी में मिल जाती है. जनपद और आसपास के हजारों लोग पांवधोई नदी में स्नान करने यहां के घाटों पर पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो पांवधोई नदी का पानी भी गंगाजल की तरह पवित्र और शुद्ध माना जाता है, जिसके चलते लोग इस पवित्र नदी में स्नान कर धर्म का लाभ उठाते हैं.

बताया जाता है कि बाबा लालदास जी की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा मैया उनके आश्रम के पास से अवतरित हुई थीं. इसके चलते स्थानीय लोग पांवधोई नदी को छोटी गंगा भी कहा जाता है. मंडलायुक्त संजय कुमार ने बताया कि शहर में पांवधोई नदी और डमोला प्रमुख नदियां हैं, जिनका स्मार्ट सिटी योजना के तहत सौंदर्यीकरण किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- सहारनपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस उद्यान का कई वर्षों पुराना रहा है इतिहास

उन्होंने बताया कि पांवधोई नदी के 7 किलोमीटर तक दोनों किनारों पर पेड़ लगाने के साथ ही पाथ-वे बनाया जा रहा है. इसके अलावा डमोला नदी में भी सफाई अभियान चलाया गया है. पांवधोई नदी पर सुंदर पार्क के साथ ही बैठने के लिए बेंचे भी लगाई जाएंगी. इसके साथ ही पार्क में एलईडी लाइट लगाने का प्रस्ताव भी पास हुआ है.

सहारनपुरः शंकलापुरी से निकलकर शहर के बीचो-बीच बह रही पांवधोई नदी को जिले की गंगा कहा जाता है. जिले के लोग इसे भागीरथी गंगा मैया की तरह ही पूजते हैं. मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले बाबा लालदास की तपस्या से खुश होकर गंगा नदी सहारनपुर के शंकलापुरी से अवतरित हुई थी. यही वजह है कि गंगा सफाई अभियान की तर्ज पर न सिर्फ इसकी सफाई की जा रही है बल्कि नदी के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये का बजट भी पास किया गया है.

पांवधोई नदी का सौंदर्यीकरण.

शंकलापुरी से उद्गम के बाद पांवधोई नदी शहर के बीचों बीच होकर डमोला नदी में मिल जाती है. जनपद और आसपास के हजारों लोग पांवधोई नदी में स्नान करने यहां के घाटों पर पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो पांवधोई नदी का पानी भी गंगाजल की तरह पवित्र और शुद्ध माना जाता है, जिसके चलते लोग इस पवित्र नदी में स्नान कर धर्म का लाभ उठाते हैं.

बताया जाता है कि बाबा लालदास जी की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा मैया उनके आश्रम के पास से अवतरित हुई थीं. इसके चलते स्थानीय लोग पांवधोई नदी को छोटी गंगा भी कहा जाता है. मंडलायुक्त संजय कुमार ने बताया कि शहर में पांवधोई नदी और डमोला प्रमुख नदियां हैं, जिनका स्मार्ट सिटी योजना के तहत सौंदर्यीकरण किया जा रहा है.

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उन्होंने बताया कि पांवधोई नदी के 7 किलोमीटर तक दोनों किनारों पर पेड़ लगाने के साथ ही पाथ-वे बनाया जा रहा है. इसके अलावा डमोला नदी में भी सफाई अभियान चलाया गया है. पांवधोई नदी पर सुंदर पार्क के साथ ही बैठने के लिए बेंचे भी लगाई जाएंगी. इसके साथ ही पार्क में एलईडी लाइट लगाने का प्रस्ताव भी पास हुआ है.

Intro:सहारनपुर : सहारनपुर के शंकलापुरी से निकल रही शहर के बीचो बीच बह रही पांवधोई नदी को सहारनपुर की गंगा कहा जाता है। सहारनपुर के लोग इसे भागीरथी गंगा मैया की तरह ही पूजते है। पांवधोई नदी का जल भी गंगा की तरह पवित्र माना जाता है। यही वजह है कि प्रशासन पांवधोई नदी के सौन्दर्यकरण का बीड़ा उठाया है। गंगा सफाई अभियान की तर्ज पर न सिर्फ सफाई की जा रही है बल्कि नदी के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ो रूपये का बजट पास किया गया। जिससे नदी के किनारों को भी पक्का बनाया जा रहा है। मान्यता है कि सेकडो साल पहले बाबा लालदास की तपस्या से खुश होकर गंगा नदी सहारनपुर के शंकलापुरी से अवतरित हुई थी।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि संकलापुरी से उदगम के बाद पांवधोई नदी शहर के बीचों बीच होकर डमोला नदी में मिल जाती है। जनपद और आसपास के हजारो लोग पांवधोई नदी में स्नान करने इन घाटो पहुंचते है। स्थानीय लोगो की माने तो पांवधोई नदी का पानी भी गंगाजल की तरह पवित्र और शुध्द माना जाता है।
इतना ही नही स्नानार्थियों के स्नान करने के लिए पांवधोई नदी पर घाट बने हुए है जहां इस पवित्र नदी में स्नान कर लाखो श्रदालु धर्म लाभ उठाते है। बताया जाता है कि बाबा लालदास जी की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा मैया उनके आश्रम के पास से अवतरित हुई थी। जिसके चलते स्थानीय लोग पांवधोई नदी को छोटी गंगा भी कहते आ रहे हैं।
मंडलायुक्त संजय कुमार ने बताया कि शहर में पांवधोई नदी और डमोला प्रमुख नदिया हैं और स्मार्ट सिटी योजना के तहत नदियों के सौन्दर्यकरण भी किया जा रहा है। पांवधोई नदी के 7 किलोमीटर तक दोनों किनारों पर पेड़ पौधे लगाने के साथ पथ वे बनाया जा रहा है। इसके अलावा डमोला नदी में भी सफाई अभियान चलाया हुआ है। पांवधोई नदी पर सुंदर पार्क के साथ बैठने के लिए बेंचे लगाई जाएगी। पार्क में एलईडी लाइट लगाने का प्रस्ताव भी पास हुआ है। आने वाले समय मे पांवधोई नदी को नया स्वरूप मिलेगा। फिलहाल पांवधोई नदी की साफ सफाई और सोंदर्यकरण का काम भी चल रहा है।

बाईट - सन्नी मल्होत्रा ( स्थानीय निवासी )
बाईट - आशीष गुप्ता ( स्थानीय निवासी )
बाईट - संजय कुमार ( मंडलायुक्त )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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