सहारनपुर: महाशिवरात्रि का महापर्व देश भर में कड़ी सुरक्षा के बीच धूमधाम से मनाया जा रहा है. देवों के देव महादेव शिवजी के भक्त सुबह से ही शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए लंबी कतारोंं में लगे हुए हैं. ऐसा ही नजारा कुछ सहारनपुर के बाबा बागेश्वर महादेव मंदिर में देखने को मिला, जहां भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने के लिए लोग लंबी लाइनों में खड़े हैं. हजारों की संख्या में श्रदालु अपने घरों से निकलकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए शिवालय में आए हैं.
मराठा शासक ने बनवाया था मंदिर
बागेश्वर महादेव मंदिर की खास बात ये है कि यहां भोलेनाथ का शिवलिंग स्वयं ही प्रकट हुआ था. करीब 550 साल पहले मराठा शासक ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. तभी से बागेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक कर धर्मलाभ उठाते हैं. इस मंदिर में हरियाणा, पंजाब, उत्तराखण्ड समेत देश के कई राज्यों से शिव भक्त जलाभिषेक करने के लिए आते हैं.
शिवरात्रि महापर्व के अवसर पर यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लाखों की संख्या में शिव भक्त भोले बाबा का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. बूढ़े, बच्चे, पुरुष और महिलाएं सुबह से ही लंबी कतारों में लगी हुई हैं.
ईटीवी की टीम ने सिद्धपीठ बागेश्वर महादेव मंदिर का जायजा लिया और जलाभिषेक करने आए शिव भक्तों से बात की. श्रदालुओं ने बताया कि यह शिव मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से ही शिव भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है.
जानें मंदिर का इतिहास
मंदिर समिति के सदस्य घनश्याम माहेश्वरी ने बागेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास बताते हुए बताया कि यह मंदिर मराठा कालीन मंदिर है, जहां शिव पिंडी स्वंम अवतरित हुई थी. शिवरात्रि के अवसर पर शिव भक्त बेल पत्र, भांग, धतूरा, फल, फूल चढ़ाकर पंचामृत और गंगाजल से जलाभिषेक करते हैं. उन्होंने बताया कि भोलेनाथ अपने भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूरी करते हैं.
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