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हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से 8 सप्ताह में मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एडीएमएफ, एसडीएम और तहसीलदार बेहट को अवमानाना का नोटिस भेजकर आठ सप्ताह में जवाब मांगा है. यह मामला 115 दलितों के नाम आवंटित 750 बीघा भूमि का है.

हाईकोर्ट
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Published : Oct 10, 2021, 12:03 PM IST

सहारनपुर: बीते 8 सितम्बर 2021 को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रजनीश मिश्र की काेर्ट ने 115 दलितों के नाम आवंटित 750 बीघा भूमि जो अब अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट (ग्लोकल यूनिवर्सिटी) के पास है से दलितों के नाम खारिज करने और
जमीन का कब्जा करने का आदेश दिया था. इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना मानते हुए ट्रस्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोर्ट की अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिसका वाद जारी हो गया था. उसी में हाईकोर्ट ने एडीएमएफ, एसडीएम और तहसीलदार बेहट को अवमानाना का नोटिस भेज आठ सप्ताह में जवाब मांगा है.

बेहट तहसील के गांव शेरपुर पेलो व अली अकबरपुर और रोशनपुर पेलो में सार्वजनिक उपयोग की लगभग 50 हेक्टेयर (करीब 750 बीघा) भूमि 1976 में अनुसूचित जाति के 115 लोगों के नाम पर पट्टे काटे गए थे. अधिकारियों ने दुर्भावनावश इस मामले में तत्कालीन एसडीएम बेहट की जांच कराई थी और उस रिपाेर्ट पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने 19 मई 2018 को ही रिपोर्ट पर मुकदमा कायमकर सुनवाई के लिए अपर जिलाधिकारी के काेर्ट में उसे स्थानान्तरित कर दिया था. इसमें जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व अजय त्यागी ने आवंटन नियमानुसार सही नहीं बताया था. अधिवक्ता ने सुरक्षित भूमि पर अधिकतम पांच वर्ष के पट्‌टे आवंटन और अधिकार व बिक्री न करने का दावा पेश
किया था. गलत तरीके से जमीन खरीदने का आरोप लगाया था.

सहारनपुर में ग्लोकल यूनिवर्सिटी के चांसलकर हाजी इकबाल को हाईकोर्ट इलाहाबाद से करीब 750 बीघा जमीन में राहत मिली है. कोर्ट ने
जिला प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी की जमीन पर जब्तीकरण की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए हैं. अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने डीएम, एडीएम और एसडीएम बेहट को पद व व्यक्तिगत रूप से पार्टी बनाया गया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि केस में जो भी व्यय होगा, वह संबंधित अधिकारी वहन करेंगे. इस मामले में बात करने पर एडीएम एफ रजनीश कुमार मिश्रा का कहना है कि हाईकोर्ट केआदेशों का पालन किया जाएगा.

राजस्व परिषद के आदेश को भी नहीं माने एडीएम

अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राजस्व परिषद न्यायालय में प्रतिवाद दायर किया गया था. इस मामले में कोर्ट ने सहारनपुर के डीएम को नोटिस जारी किया था. यहीं नहीं इस संबंध में तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व द्वारा ट्रस्ट को नोटिस दिए गए थे. कोर्ट ने 24 फरवरी 2020 को तीनों निगरानियों का निस्तारण करते हुए तथा डीएम के आदेश व अपर जिलाधिकारी के नोटिस को निरस्त कर वाद को स्वीकार कर लिया था, लेकिन वर्तमान में जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्त वाद को अपर जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में फिर से चलाया गया, जोकि न्यायालय डॉ. गुरदीप सिंह, सदस्य राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश के आदेश की अवहेलना है.

यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को भेजा गया जेल, कल होगी सुनवाई

ट्रस्ट करेगा 500 करोड़ का मानहानि का मुकदमा

ग्लोकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एवं प्रभारी चांसलर डॉ.सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में देश-विदेश के छात्र-छात्राओं के
अतिरिक्त शिक्षक व स्टॉफ एवं उनके परिवार के सदस्य, छोटे बच्चे आदि रहते हैं. उनका कहना है कि संबंधित अधिकारियों की आवाजाही से यूनिवर्सिटी में भय की स्थिति पैदा हो जाती है. आरोप है कि इस कारण यूनिवर्सिटी की छवि अकारण ही धूमिल की जा रही है. उनका कहना है कि ग्लोकल यूनिवर्सिटी द्वारा अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी और तहसीलदार बेहट पर 500 करोड़ के मानहानि का दावा भी किया जाएगा.

सहारनपुर: बीते 8 सितम्बर 2021 को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रजनीश मिश्र की काेर्ट ने 115 दलितों के नाम आवंटित 750 बीघा भूमि जो अब अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट (ग्लोकल यूनिवर्सिटी) के पास है से दलितों के नाम खारिज करने और
जमीन का कब्जा करने का आदेश दिया था. इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना मानते हुए ट्रस्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोर्ट की अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिसका वाद जारी हो गया था. उसी में हाईकोर्ट ने एडीएमएफ, एसडीएम और तहसीलदार बेहट को अवमानाना का नोटिस भेज आठ सप्ताह में जवाब मांगा है.

बेहट तहसील के गांव शेरपुर पेलो व अली अकबरपुर और रोशनपुर पेलो में सार्वजनिक उपयोग की लगभग 50 हेक्टेयर (करीब 750 बीघा) भूमि 1976 में अनुसूचित जाति के 115 लोगों के नाम पर पट्टे काटे गए थे. अधिकारियों ने दुर्भावनावश इस मामले में तत्कालीन एसडीएम बेहट की जांच कराई थी और उस रिपाेर्ट पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने 19 मई 2018 को ही रिपोर्ट पर मुकदमा कायमकर सुनवाई के लिए अपर जिलाधिकारी के काेर्ट में उसे स्थानान्तरित कर दिया था. इसमें जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व अजय त्यागी ने आवंटन नियमानुसार सही नहीं बताया था. अधिवक्ता ने सुरक्षित भूमि पर अधिकतम पांच वर्ष के पट्‌टे आवंटन और अधिकार व बिक्री न करने का दावा पेश
किया था. गलत तरीके से जमीन खरीदने का आरोप लगाया था.

सहारनपुर में ग्लोकल यूनिवर्सिटी के चांसलकर हाजी इकबाल को हाईकोर्ट इलाहाबाद से करीब 750 बीघा जमीन में राहत मिली है. कोर्ट ने
जिला प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी की जमीन पर जब्तीकरण की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश दिए हैं. अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने डीएम, एडीएम और एसडीएम बेहट को पद व व्यक्तिगत रूप से पार्टी बनाया गया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि केस में जो भी व्यय होगा, वह संबंधित अधिकारी वहन करेंगे. इस मामले में बात करने पर एडीएम एफ रजनीश कुमार मिश्रा का कहना है कि हाईकोर्ट केआदेशों का पालन किया जाएगा.

राजस्व परिषद के आदेश को भी नहीं माने एडीएम

अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राजस्व परिषद न्यायालय में प्रतिवाद दायर किया गया था. इस मामले में कोर्ट ने सहारनपुर के डीएम को नोटिस जारी किया था. यहीं नहीं इस संबंध में तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व द्वारा ट्रस्ट को नोटिस दिए गए थे. कोर्ट ने 24 फरवरी 2020 को तीनों निगरानियों का निस्तारण करते हुए तथा डीएम के आदेश व अपर जिलाधिकारी के नोटिस को निरस्त कर वाद को स्वीकार कर लिया था, लेकिन वर्तमान में जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्त वाद को अपर जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट में फिर से चलाया गया, जोकि न्यायालय डॉ. गुरदीप सिंह, सदस्य राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश के आदेश की अवहेलना है.

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ट्रस्ट करेगा 500 करोड़ का मानहानि का मुकदमा

ग्लोकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एवं प्रभारी चांसलर डॉ.सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में देश-विदेश के छात्र-छात्राओं के
अतिरिक्त शिक्षक व स्टॉफ एवं उनके परिवार के सदस्य, छोटे बच्चे आदि रहते हैं. उनका कहना है कि संबंधित अधिकारियों की आवाजाही से यूनिवर्सिटी में भय की स्थिति पैदा हो जाती है. आरोप है कि इस कारण यूनिवर्सिटी की छवि अकारण ही धूमिल की जा रही है. उनका कहना है कि ग्लोकल यूनिवर्सिटी द्वारा अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी और तहसीलदार बेहट पर 500 करोड़ के मानहानि का दावा भी किया जाएगा.

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