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..अगर स्कूलों में बिजली से हुआ हादसा तो नपेंगे विद्युत विभाग के अधिकारी, शासनादेश जारी

स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है. सरकार ने शासनादेश जारी कर निर्देश दिया कि जल्द से जल्द स्कूलों के ऊपर से गुजर रहे बिजले के तारों को विद्युत विभाग हटा लें, नहीं तो हादसा होने पर विभाग के आदिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

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Published : Aug 23, 2019, 12:30 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

विधुत विभाग को किया गया निर्देशित.

सहारनपुर: जिले में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइनों को लेकर योगी सरकार गंभीर नजर आ रही है, जिसके चलते सरकार ने न सिर्फ बिजली के तारों को हटाने के आदेश दिए हैं, बल्कि स्कूली छात्रों के साथ होने वाले बिजली हादसे के लिए विद्युत विभाग को जिम्मेदार ठहराया है.

विधुत विभाग को किया गया निर्देशित.

मंडलायुक्त संजय सिंह ने बताया कि स्कूलों के ऊपर एवं परिसर से गुजर रहे बिजली के तारों को हटाने का शासनादेश जारी किया गया है. इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सचेत कर दिया गया है. यदि भविष्य में स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ बिजली से कोई हादसा होता है तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही छात्रों के परिजनों को बिजली विभाग की ओर से मुआवजा राशि का जुर्माना लगाया जाएगा.

शासनादेश जारी कर विद्युत विभाग को किया गया निर्देशित-
बता दें कि गांव देहात के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के परिसर से बिजली की लाइन गुजर रही है. तार टूटने या फिर खंभों में करंट आने से स्कूली छात्रों के साथ हादसे होने का खतरा बना रहता है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों के ऊपर से गुजर रहे बिजली की तारों को हटाने का फैसला लिया है. इसके लिए शासनादेश जारी कर विद्युत विभाग को निर्देशित किया गया है.

मुख्य सचिव की ओर से शासनादेश जारी कर किया गया है. यदि किसी भी स्कूल के भवन, स्कूल परिसर से 11 हजार वोल्टेज बिजली की लाइन, एलटी लाइन या फिर हाईटेंशन लाइन गुजर रही है, जिनसे स्कूली बच्चों की सुरक्षा का खतरा बना हुआ है. ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर सूची बना ली जाए. संबंधित जिलाधिकारी उस सूची को बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को भेजेंगे. इसके बाद एक समय सीमा के अनुसार इन सभी-सभी जगहों में लगे बिजली के खंभों और बिजली के तारों को हटाने का काम किया जाएगा.
-संजय सिंह, मंडलायुक्त

सहारनपुर: जिले में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइनों को लेकर योगी सरकार गंभीर नजर आ रही है, जिसके चलते सरकार ने न सिर्फ बिजली के तारों को हटाने के आदेश दिए हैं, बल्कि स्कूली छात्रों के साथ होने वाले बिजली हादसे के लिए विद्युत विभाग को जिम्मेदार ठहराया है.

विधुत विभाग को किया गया निर्देशित.

मंडलायुक्त संजय सिंह ने बताया कि स्कूलों के ऊपर एवं परिसर से गुजर रहे बिजली के तारों को हटाने का शासनादेश जारी किया गया है. इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सचेत कर दिया गया है. यदि भविष्य में स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ बिजली से कोई हादसा होता है तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही छात्रों के परिजनों को बिजली विभाग की ओर से मुआवजा राशि का जुर्माना लगाया जाएगा.

शासनादेश जारी कर विद्युत विभाग को किया गया निर्देशित-
बता दें कि गांव देहात के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के परिसर से बिजली की लाइन गुजर रही है. तार टूटने या फिर खंभों में करंट आने से स्कूली छात्रों के साथ हादसे होने का खतरा बना रहता है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों के ऊपर से गुजर रहे बिजली की तारों को हटाने का फैसला लिया है. इसके लिए शासनादेश जारी कर विद्युत विभाग को निर्देशित किया गया है.

मुख्य सचिव की ओर से शासनादेश जारी कर किया गया है. यदि किसी भी स्कूल के भवन, स्कूल परिसर से 11 हजार वोल्टेज बिजली की लाइन, एलटी लाइन या फिर हाईटेंशन लाइन गुजर रही है, जिनसे स्कूली बच्चों की सुरक्षा का खतरा बना हुआ है. ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर सूची बना ली जाए. संबंधित जिलाधिकारी उस सूची को बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को भेजेंगे. इसके बाद एक समय सीमा के अनुसार इन सभी-सभी जगहों में लगे बिजली के खंभों और बिजली के तारों को हटाने का काम किया जाएगा.
-संजय सिंह, मंडलायुक्त

Intro:सहारनपुर : सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइनों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार गंभीर नजर आ रही है। जिसके चलते सरकार ने न सिर्फ बिजली की तारों को हटाने के आदेश दिए हैं बल्कि स्कूली छात्रों के साथ होने वाले बिजली हादसे के लिए विद्युत विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। सहारनपुर मंडलयुक्त संजय सिंह ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि स्कूलों के ऊपर एवं परिसर से गुजर रही बिजली की तारों को हटाने का शासनादेश जारी किया गया है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सचेत कर दिया गया है। यदि भविष्य में स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ बिजली से कोई हादसा होता है तो इसके लिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही छात्रों के परिजनों को बिजली विभाग की ओर से मुआवजा राशि का जुर्माना लगाया जाएगा।




Body:VO 1 - आपको बता दें कि ग़ांव देहात के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के परिसर से बिजली की लाइन गुजर रही है। तार टूटने या फिर खंभों में करंट आने से स्कूली छात्रों के साथ हादसे होने का खतरा बना रहता है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों के ऊपर से गुजर रही बिजली की तारो को हटाने का फैसला लिया है। इसके लिए शासनादेश जारी कर विधुत विभाग को निर्देशित किया गया है। मंडलायुक्त संजय सिंह ने बताया कि मुख्य सचिव की ओर से शासन आदेश जारी कर किया गया है। जिसमे न सिर्फ प्रदेश के सभी जनपदो के स्कूलों का सर्वे कराने की बात कही गई है बल्कि सरकारी-गैरसरकारी स्कूलो, पठन पाठन केंद्रों को चयनित करने के निर्देश दिए है। यदि किसी भी स्कूल भवन, स्कूल परिसर से 11 हजारी बिजली की लाइन, एलटी लाइन, या फिर हाईटेंशन लाइन गुजर रही है जिनसे स्कूली बच्ची की सुरक्षा को खतरा बना हुआ है। ऐसे स्कूलो को चिन्हित कर सूची बना ली जाए। जिसके बाद संबधित जिलाधिकारी उस सूची को बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को भेजेंगे। इसके बाद एक समय सीमा के अनुसार इस सभी सभी मे लगे बिजली के खंभों और बिजली की तारो को हटाने का काम किया जाएगा। अगर ऐसे में कोई हादसा होता है और स्कूली बच्चों को नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए निसंदेह बिजली विभाग की जिम्मेदारी रहेगी। शासन स्तर से इसके लिए एक प्रक्रिया तय की गई है जिसमें विधुत विभाग को सख्त निर्देश दिए गए है। हादसे के बाद बिजली सुरक्षा की एक टीम हादसे की जांच करती है इसमें अगर विधुत विभाग की लापरवाही एवं गलती से कोई छात्र या अध्यापक घायल होता है तो सम्पूर्ण इलाज और मुआवजा देने की जिम्मेदारी विधुत विभाग की होगी।

बाईट - संजय सिंह ( मंडलायुक्त सहारनपुर )


Conclusion:FVO - स्कूली छात्र छात्राओं की सुरक्षा को लेकर जारी किया गया शासनादेश कितना कारगर साबित होता है यह देखने वाली बात होगी।


रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153


Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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